केंद्रीय बजट में हरियाणा को खास तोहफा, राखीगढ़ी में खुलेंगे राेजगार के नए द्वार
Union budget 2020 में हरियाणा को खास तोहफा मिला है। बजट में राखीगढ़ी को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की गई है। इससे रोजगार के नए द्वार खुलेंगे।
हिसार, [चेतन सिंह]। Union budget 2020 में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने हरियाणा को खास तोहफा दिया। उन्होंने हिसार जिले के राखीगढ़ी को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने का ऐलान किया। हड़प्पाकालीन सभ्यता का गवाह राखीगढ़ी विश्व के मानचित्र पर चमकेगा। बजट में देशभर के जिन पांच पुरातत्व स्थलों को पर्यटक रूप में विकसित करने की घोषणा हुई है उसमें हिसार के नारनौंद के पास स्थित राखीगढ़ी भी शामिल है। इससे इस क्षेत्र में रोजगार का नया द्वार खुलेगा। यहां एक भव्य म्यूजियम भी तैयार हो रहा है।
राखीगढ़ी में 5000 साल पुरानी हड़प्पाकालीन सभ्यता का पता चला था, खोदाई में मिलीं अनेक वस्तुएं
राखीगढ़ी से आर्यकालीन व हड़प्पाकालीन सभ्यता है और यहां की गई खोदाई से खुलासा हुआ कि आर्य भारत के मूल निवासी थे। यहां हड़प्पा कालीन नगर व्यवस्था के बारे में जानकारी मिली और भारत की पुरातन सभ्यता के राज उजागर हुए। केंद्र सरकार ने इसकी महत्ता को रेखांकित करते हुए इससे पूरी दुनिया को रूबरू कराने के लिए कदम उठाया है।
केंद्र सरकार की घोषणा के बाद अब राखीगढ़ी की गिनती देशभर के उन चुनिंदा पर्यटक स्थलों में होगी जिस श्रेणी में लाल किला व ताजमहल आते हैं। उसी श्रेणी में अब राखीगढ़ी साइट को रखकर इसका विकास किया जाएगा। राखीगढ़ी के बड़े पर्यटक स्थल के रूप में विकसित होने से प्रदेश के राजस्व में बढ़ोतरी हाेगी और हरियाणा खासकर हिसार क्षेत्र के लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
राखीगढ़ी में खोदाई में मिलीं वस्तुएं।
राखीगढ़ी के पर्यटक स्थल के रूप में विकास से यह देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। इससे पर्यटन से जुड़े रोजगार के नए द्वार खुलेंगे। हिसार और आसपास के क्षेत्र में होटल इंडस्ट्री को भी बढ़ावा मिलेगा। उम्मीद की जा रही है कि यहां हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। हिसार एयरपोर्ट के विकास में भी इससे मदद मिलेगी। हांसी-महम रेलवे लाइन बननेे के बाद हिसार की दिल्ली से कनेक्टिविट बढ़ जाएगी। इसका सीधा फायदा यहां आने वाले पयर्टकों को होगा।
हड़प्पाकालीन सभ्यता के राज समेटे हुए है राखीगढ़ी
राखीगढ़ी में करीब 5000 साल की प्राचीन सभ्यता के अवशेष मिले हैं। हड़प्पाकालीन सभ्यता को लेकर यह क्षेत्र पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो गया है। खोदाई में मिले नर कंकालों के डीएनए की रिपोर्ट से पता चल चुका है कि आर्य यही के मूल निवासी थे और वे बाहर से आकर हिंदुस्तान में नहीं बसे थे। इस शोध ने पूरी दुनियों को इस क्षेत्र की ओर आकर्षित किया। इसका परिणाम है कि केंद्र सरकार ने इसे आइकानिक साइट के रूप में विकसित करने जा रही है। 1997 में यहां हड़प्पाकालीन सभ्यता का पहली बार पता चला और इन टीलों पर खुदाई शुरू की तो अनेक चौंकानेवाले रहस्य सामने आते गए।
राखीगढ़ी एक नजर में
- हड़प्पाकाल की सबसे बड़ी व पुरानी साइट है जोकि 550 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई है।
- इस साइट पर नौ टिल्ले हैं जिनमें से तीन टिल्लों की खोदाई हो चुकी है।
- खोदाई के दौरान मकान, सोने के मनके, मिट्टी की चूड़ियां, मिट्टी के बर्तन, पत्थर के मनके सहित काफी रोचक वस्तुएं मिली हैं।
- 2015 में टिल्ले नंबर 7 पर खोदाई में मानव नर कंकाल व प्रतीकात्मक कंकाल मिले थे।
- अब सरकार राखीगढ़ी में 25 करोड़ रुपये की लागत से एक म्यूजियम का निर्माण करा रही है।
- म्यूजियम आधुनिक तरीके से बनाया जा रहा है। इसमें रेस्ट हाउस, हॉस्टल और एक कैफे का निर्माण भी किया जा रहा है।
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भारत और जर्मनी में कराया गया डीएनए टेस्ट
सन् 2015 में खोदाई के दौरान विज्ञानियों को अनुमान हो गया था कि यहां अति प्राचीन सभ्यता और संस्कृति के अवशेष हैं। प्रोफेसर वसंत शिंदे की अगुवाई में यहां हुई खोदाई में मिले नर कंकालों को भारत व जर्मनी में डीएनए जांच के लिए भेजा गया। तीन वर्ष बाद उनके डीएनए जांच का रिजल्ट आया तो साबित हो गया कि सभ्यता करीब पांच हजार वर्ष पुरानी सभ्यता है।
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ऐसे आ सकते हैं राखीगढ़ी
सड़क मार्ग से - दिल्ली से हांसी होकर नारनौंद, नारनौंद से सीधा राखीगढ़ी
रेल मार्ग से : दिल्ली से हांसी। इसके बाद सड़क मार्ग से राखीगढ़ जाना होगा।
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