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    पहाड़ों की वादियों में Rail Motor Car का इंतजार, कालका-शिमला रेलमार्ग पर 1927 में शुरू हुई थी, अब लंबे समय से Passenger तरस रहे

    Updated: Thu, 13 Nov 2025 08:29 PM (IST)

    कालका-शिमला रेलमार्ग पर रेल मोटर कार के चलने का यात्रियों को इंतजार है, जोकि लंबे समय से ठप है। इसके आरामदायक सफर के लिए तरस रहे हैं। 1927 में शुरू हुई यह 16 सीटर रेल मोटर कार सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र थी, जो अब केवल ऑन डिमांड पर ही उपलब्ध है। इसे चलाने के लिए रेलवे जीएम आदेश दे चुके हैं, लेकिन उनके आदेशों की भी अनदेखी हो रही है।

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    रेल मोटर कार को रेगुलर चलाने में खड़े हुए अधिकारियों के हाथ।

    राजकुमार, कालका। पहाड़ों की वादियों में कालका-शिमला रेलमार्ग पर रेल मोटर कार के आरामदायक सफर के लिए यात्री तरस रहे हैं। 1927 में यह सेवा शुरू की गई थी, लेकिन अब लंबे समय से ठप है। रेल मोटर कार गैराज में खड़ी रहती है।

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    नाॅर्दर्न रेलवे के जीएम (महाप्रबंधक) ने करीब पांच महीने पहले कालका दौरे के दौरान हेरिटेज ट्रैक की पहचान मानी जाने वाली रेल मोटर कार को दोबारा शुरू करने के निर्देश दिए थे। विभागीय लापरवाही के चलते यह आदेश अब तक कागजों में ही दबकर रह गया है।

    वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल कालका-शिमला रेलमार्ग पर चलने वाली टाय ट्रेन के साथ-साथ 16 सीटर रेल मोटर कार सैलानियों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहती है। इसमें अलग से इंजन नहीं होता, बल्कि चालक सैलानियों के बीच बैठकर इसे चलाता है। यही कारण है कि इसका सफर बेहद अनूठा और रोमांचक अनुभव प्रदान करता है।

    इंग्लैंड में निर्मित यह रेल कार विदेशी और भारतीय सैलानियों दोनों के बीच लोकप्रिय रही है। लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण यह सेवा अब लंबे समय से ठप है। फिलहाल रेल मोटर कार केवल ऑन डिमांड सेवा के रूप में चलाई जाती है, जिसके लिए पूरी गाड़ी एक ही पार्टी को बुक करनी होती है।