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    Haryana News: बड़े आंदोलन की तैयारी में जुटा रोडवेज कर्मचारियों का साझा मोर्चा, सरकार से रखी अपनी ये मांगें

    By Sudhir Tanwar Edited By: Deepak Saxena
    Updated: Wed, 24 Jan 2024 09:35 PM (IST)

    हरियाणा में आज रोडवेज कर्मचारियों ने बसों का चक्का जाम रखा। हड़ताली कर्मचारी नेताओं ने तीन हजार बसों का चक्का जाम करने का दावा किया है। साथ ही रोडवेज कर्मचारियों का साझा मोर्चा अब बड़े आंदोलन की तैयारी में है। साझा मोर्चा ने कहा कि सरकार की वादा खिलाफी और उच्च अधिकारियों के टरकाऊ रवैये के कारण कर्मचारियों को सड़कों पर उतरना पड़ा है।

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    बड़े आंदोलन की तैयारी में जुटा रोडवेज कर्मचारियों का साझा मोर्चा (फाइल फोटो)।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। मांगों को लेकर आंदोलनरत् रोडवेज कर्मचारियों का साझा मोर्चा अब बड़े आंदोलन की तैयारी में जुटा है। साझा मोर्चा के पदाधिकारियों ने दावा किया कि बुधवार को हड़ताल के दौरान प्रदेश में 3200 रोडवेज बसों में से तीन हजार बसों का चक्का पूरी तरह जाम रहा।

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    साझा मोर्चा के वरिष्ठ नेता नरेंद्र दिनोद, सुमेर सिवाच, शरबत सिंह पूनिया, जयबीर घणघस, आजाद गिल, जगदीप लाठर, वीरेंद्र सिंगरोहा, दिनेश हुड्डा, अशोक खोखर और संजीव कुमार ने बताया कि 27 जनवरी को साझा मोर्चा बैठक कर निर्णायक आंदोलन की घोषणा करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की वादा खिलाफी और उच्च अधिकारियों के टरकाऊ रवैये के कारण कर्मचारियों को सड़कों पर उतरना पड़ा है।

    ये रखी मुख्य मांगें

    उनकी मुख्य मांगों में हिट एंड रन कानून वापस लेने, परिचालकों व लिपिकों का वेतनमान 35 हजार 400 रुपये करने, अर्जित अवकाश में कटौती का पत्र वापस लेने, पुरानी पेंशन बहाली और जोखिम भत्ता मुख्य है।

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    कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार निजी बसों को रूट परमिट देने का इरादा छोड़कर विभाग में 10 हजार बसों को शामिल करे जिससे 60 हजार बेरोजगारों को रोजगार मिल सके। वर्ष 2016 में भर्ती चालकों सहित कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए। वर्कशाप सहित सभी श्रेणियों में खाली पड़े रिक्त पदों पर स्थाई भर्ती की जाए।

    1992 से 2003 के सभी कर्मचारियों को करें कन्फर्म

    ऑनलाइन तबादला पॉलिसी में संशोधन किया जाए। 1992 से 2003 के मध्य लगे सभी कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का किया जाए। हरियाणा रोजगार कौशल निगम को भंग कर सभी प्रकार के रिक्त पदों पर पक्की भर्ती की जाए। सभी कर्मचारियों की वेतन विसंगति को दूर की जाए।

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