IPS पूरन कुमार ने सुसाइड नोट कितने लोगों को भेजा, वसीयत में क्या लिखा था? लैपटॉप की जांच में जुटी SIT
आईपीएस वाई पूरन कुमार की आत्महत्या की जांच कर रही एसआईटी को अदालत से उनका लैपटॉप प्राप्त करने की अनुमति मिल गई है। परिवार ने लैपटॉप देने से इनकार नहीं किया था, बल्कि डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की थी। एसआईटी को उम्मीद है कि लैपटॉप से कई अहम जानकारियां मिल सकती हैं, जिससे मामले की जांच में मदद मिलेगी। पूरन कुमार ने आत्महत्या से पहले कई अधिकारियों पर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे।

दिवंगत आईपीएस पूरन कुमार (बाएं), आईएएस अवनीत (दाएं)
जागरण संवाददाता, पंचकूला। हरियाणा के वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले की जांच के लिए गठित एसआइटी को जिला अदालत से उनका लैपटॉप हासिल करने की मंजूरी मिल गई है। एसआइटी का आरोप था कि परिवार के पास वाई पूरन कुमार का लैपटॉप है, लेकिन वह पुलिस को लैपटॉप देने से इनकार कर रहा है।
इस संबंध में एसआइटी ने जिला अदालत में याचिका दायर की थी। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान पूरन कुमार के परिवार की ओर से पेश हुए वकील ने अदालत में दलील दी कि परिवार ने एसआइटी को लैपटॉप देने से इनकार नहीं किया था। पुलिस खुद ही कुछ तकनीकी कारणों के कारण लैपटॉप नहीं ले रही थी।
परिवार ने अदालत में जवाब दिया कि वह लैपटॉप देने को तैयार हैं, लेकिन इसकी सीएफएसएल जांच की वीडियो रिकॉर्डिंग होनी चाहिए। परिवार ने यह भी कहा कि लैपटॉप में पूरन कुमार की बेटियों की एजुकेशन से संबंधित और कुछ निजी डाटा भी है, जिसे सुरक्षित रखे जाने की मांग की है।
परिवार का कहना है कि उन्हें आशंका है कि डाटा के साथ छेड़छाड़ हो सकती है, इसलिए उन्होंने मांग की है कि डाटा सुरक्षित रखा जाए ताकि उसके साथ किसी तरह की छेड़छाड़ न हो।
लैपटॉप से खुल सकते हैं कई राज
एसआइटी को लैपटॉप से कई अहम जानकारियां मिल सकती हैं, जो इस केस की आगे की दिशा तय करेंगी। एसआइटी यह जांच करेगी कि मरने से पहले वाई पूरन कुमार ने सुसाइड नोट किन-किन लोगों को भेजा था।
यह भी जांच की जाएगी कि क्या सुसाइड नोट इसी लैपटॉप पर टाइप किया गया था। पूरन कुमार ने सुसाइड नोट के साथ एक वसीयत भी लिखी थी, क्या यह डाक्यूमेंट भी इसी लैपटॉप से तैयार किया गया।
खुद को गोली मारकर किया था सुसाइड
बता दें कि आइपीएस वाई पूरन कुमार ने सातअक्टूबर को अपने सेक्टर-11 स्थित निवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने मरने से पहले आठ पन्नों के फाइनल नोट में हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और पूर्व एसपी रोहतक नरेंद्र बिजारणिया सहित कई अधिकारियों पर जातीय उत्पीड़न के आरोप लगाए थे।
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