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    IPS Puran Suicide: सुसाइड नोट में शामिल अधिकारियों को करें सस्पेंड-अरेस्ट, IAS पत्नी बोलीं- FIR के बाद कराऊंगी पोस्टमार्टम

    Updated: Thu, 09 Oct 2025 07:58 PM (IST)

    हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में, उनकी पत्नी अमनीत कुमार ने मुख्यमंत्री से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने सुसाइड नोट में नामित अधिकारियों को निलंबित करने, एफआईआर दर्ज करने और परिवार को सुरक्षा देने की मांग की है। 

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    सीएम नायब सिंह सैनी से इन मांगों को लेकर अड़ीं आईएएस पत्नी। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के सीनियर आइपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या से जुड़े मामले में उनकी आइएएस पत्नी अमनीत पी कुमार काफी गुस्से में हैं। जिस तरह आइजी वाई पूरन कुमार को सिस्टम से जुड़े अधिकारियों से नाराजगी थी, उसी तरह उनकी पत्नी अमनीत कुमार ने अधिकारियों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

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    परिवार को सांत्वना देने घर आए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से अमनीत कुमार ने अपने पति की मौत के जिम्मेदार अधिकारियों को निलंबित करने के साथ ही उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज करने और उन्हें तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की है।

    वाई पूरन कुमार के सुसाइड नोट में 16 उच्च अधिकारियों के नाम हैं, जिनमें दो अधिकारियों से उन्हें कोई शिकायत नहीं थी, जबकि 14 अधिकारियों से शिकायत व नाराजगी का सिलसिलेवार ब्योरा सुसाइड नोट में दिया गया है।

    जापान दौरे से लौटने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी विदेश सहयोग विभाग और नागरिक उड्डयन विभाग में आयुक्त एवं सचिव पी अमनीत कुमार के चंडीगढ़ के सेक्टर 24 स्थित सरकारी निवास पर परिवार को सांत्वना देने पहुंचे। अमनीत कुमार भी मुख्यमंत्री के साथ जापान दौरे पर गई हुई थी, लेकिन अपने पति पूरन कुमार द्वारा सुसाइड करने की सूचना मिलने के बाद बुधवार को ही वापस लौट आई थी।

    उन्होंने सुसाइड में जिन अधिकारियों के नाम शामिल हैं, उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज नहीं होने तक अपने पति का पोस्टमार्टम नहीं करने देने की बात कही थी। उनकी बेटी अमेरिका से लौट आई है, लेकिन अभी तक भी पोस्टमार्टम नहीं हुआ है। अमनीत पी कुमार का कहना है कि दोषी अधिकारियों के विरुद्ध एफआइआर होने के बाद वे अपनी मौजूदगी में पति का पोस्टमार्टम और वीडियोग्राफी कराएंगी।

    मुख्यमंत्री नायब सैनी द्वारा परिवार को सांत्वना देने के बाद करीब एक घंटे तक उनकी अमनीत कुमार के साथ अलग से बातचीत हुई।

    उनके साथ कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार और कृष्ण कुमार बेदी, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, सीएम के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, ओएसडी विवेक कालिया और गृह सचिव डा. सुमिता मिश्रा भी अमनीत कुमार के घर गये, लेकिन जब मुख्यमंत्री की उनसे बात चल रही थी, तब कमरे में सिर्फ दोनों ही थे।

    बातचीत खत्म होने के बाद जब मुख्यमंत्री चलने लगे तो वह दोबारा अमनीत कुमार के पास गये और फिर 20 मिनट तक चर्चा की। मुख्यमंत्री ने अमनीत कुमार को उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।

     

    सुसाइड नोट मृत्यु से पहले का बयान

    मुख्यमंत्री से बातचीत के दौरान अमनीत पी कुमार ने उन्हें दो पन्ने की शिकायत सौंपी, जिसमें आइजी वाई पूरन कुमार के सुसाइड नोट में लिखे अधिकारियों को निलंबित करने, गिरफ्तार करने और पूरे परिवार को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की गई।

    अमनीत कुमार ने सीएम को सौंपे पत्र में कहा कि एक स्पष्ट और विस्तृत सुसाइड नोट और औपचारिक शिकायत के बावजूद आज तक कोई एफआइआर दर्ज नहीं की गई है।

    सुसाइड नोट में उत्पीड़न, अपमान और मानसिक यातना का माहौल बनाने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के नाम साफतौर पर दर्ज हैं, जिसकी वजह से यह दुखद घटना हुई। यह नोट एक मृत्युपूर्व बयान है और इसे तत्काल कानूनी कार्रवाई के लिए एक महत्वपूर्ण सबूत माना जाना चाहिए।

    अमनीत कुमार ने जताई अधिकारियों द्वारा फंसाने की आशंका

    अमनीत कुमार के निवास पर उनके दिवंगत पति की फोटो के बगल में संविधान निर्माता बाबा साहब डा. भीमराव आंबेडोकर की फोटो भी रखी हुई थी। वाई पूरन कुमार अनुसूचित जाति से संबंध रखे थे। अमनीत कुमार ने सीएम को दी शिकायत में कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत विशिष्ट प्रविधान हैं।

    1989 में एक आदेश पारित किया गया था कि अनुसूचित जाति के व्यक्तियों से संबंधित अपराधों की कोई जांच नहीं की जा सकती। कोई कार्रवाई नहीं होने का कारण यह है कि हरियाणा पुलिस और प्रशासन के शक्तिशाली उच्च पदस्थ अधिकारी इस मामले में आरोपित हैं और चंडीगढ़ पुलिस को प्रभावित कर रहे हैं।

    उन्होंने आशंका जताई कि इस शिकायत के बाद ''उच्च पदस्थ शक्तिशाली अधिकारी'' उन्हें और उनके परिवार को बदनाम करने की कोशिश करेंगे और मेरे विरुद्ध विभागीय अथवा अन्य तरीके से फंसाने की कोशिश करेंगे।

    सीएम को दी शिकायत में इन चार बिंदुओं पर मांगा न्याय

    1. सुसाइड नोट और साथ में दी गई शिकायत में नामित सभी व्यक्तियों के खिलाफ कानून के अनुसार तत्काल एफआइआर दर्ज की जाए।
    2. हस्तक्षेप, साक्ष्यों से छेड़छाड़ या जांच को प्रभावित करने से रोकने के लिए सभी आरोपित व्यक्तियों को तत्काल निलंबित और गिरफ्तार किया जाएगा।
    3. वाई पूरन कुमार के परिवार, विशेषकर उनकी दोनों बेटियां, जो गंभीर खतरे और मानसिक संकट में हैं, उनके लिए स्थायी सुरक्षा कवर का प्रविधान किया जाए।
    4. परिवार के अधिकारों और सम्मान की सुरक्षा की जाए, क्योंकि उन्हें जिम्मेदार लोगों से उत्पीड़न और भय का सामना करना पड़ रहा है।

    यह मामला केवल एक अधिकारी की मौत का नहीं है, विश्वास की परीक्षा

    अमनीत कुमार ने सीएम को दी शिकायत में कहा है कि यह मामला केवल एक अधिकारी की मौत का नहीं है, यह विश्वास की परीक्षा है। न्याय, समानता और कानून के शासन में वाई पूरन कुमार सम्मान और सेवाभाव के प्रतीक थे और व्यवस्था की खामोशी उनके परिवार और उनसे प्रेरणा लेने वाले समुदाय के दर्द को और गहरा कर देती है।

    सरकार के हस्तक्षेप और दोषियों के विरुद्ध दृढ़ कार्रवाई से शासन में विश्वास बहाल होगा और नागरिकों को यह आश्वासन मिलेगा कि न्याय में न तो देरी होगी और न ही इंकार किया जाएगा। इससिए एफआइआर का तत्काल पंजीकरण, आरोपितों की गिरफ्तारी और वाई पूरन कुमार के शोक संतप्त परिवार को आजीवन सुरक्षा सुनिश्चित करें।