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    IPS Puran Suicide Case: अब हरियाणा SC आयोग ने मांगी कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट, DGP को भेजा नोटिस

    Updated: Fri, 24 Oct 2025 09:52 PM (IST)

    हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग ने आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में चंडीगढ़ के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से रिपोर्ट तलब की है। आयोग ने जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न के आरोपों पर संज्ञान लेते हुए सात दिन में विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। 

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    आईपीएस पूरन आत्महत्या मामले में हरियाणा SC आयोग की एंट्री। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के बाद अब हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग ने भी रिपोर्ट तलब कर ली है। मामले में संज्ञान लेते हुए आयोग ने चंडीगढ़ के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी करते हुए सात दिन के अंदर विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।

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    आयोग द्वारा जारी नोटिस में कहा गया कि यह प्रकरण अनुसूचित जाति समुदाय से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की जातिगत गरिमा, अधिकारों और प्रशासनिक जिम्मेदारी से जुड़ा संवेदनशील मामला है।

    इस गंभीर मानवाधिकार और भेदभाव के मामले की त्वरित जांच की जाए। वाई पूरन कुमार ने अपने फाइनल नोट में लिखा था कि वे अनुसूचित जाति समुदाय से संबंध रखते हैं और उन्हें जातिगत भेदभाव, मानसिक प्रताड़ना, सार्वजनिक अपमान और प्रशासनिक उपेक्षा का सामना करना पड़ा।

    नोटिस में यह भी उल्लेख है कि मृतक अधिकारी को यह सब कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत और दिशा-निर्देश में झेलना पड़ा। आयोग ने कहा कि मृतक अधिकारी की पत्नी, जो स्वयं आइएएस हैं, ने मीडिया के समक्ष आरोप लगाया है कि उनके पति को आत्महत्या के लिए उकसाया गया और यह मामला एससी-एसटी एक्ट के तहत गंभीर उल्लंघन का है।

    उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों पर षड्यंत्र और उत्पीड़न का आरोप लगाया है। आयोग ने चंडीगढ़ प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि सात दिन के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। जांच में एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3(2)(v) सहित सभी प्रासंगिक धाराओं को पूर्ण रूप से लागू किया जाए और किसी भी प्रकार की कमजोर धारा न लगाई जाए। हर पंद्रह दिन में जांच की स्थिति रिपोर्ट आयोग कार्यालय में भेजनी होगी।

    आयोग ने चेतावनी दी है कि यदि निर्धारित समयावधि में रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई या संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो आयोग संबंधित अधिकारियों को तलब कर सकता है। बाक्स इन बिंदुओं पर देना होगा जवाब -क्या इस मामले में एफआइआर दर्ज की गई है।

    यदि हां तो किन धाराओं में और किनके विरुद्ध -क्या आरोपित अधिकारियों को नामजद या गिरफ्तार किया गया है -जांच की स्थिति क्या है, क्या विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया गया है यदि जांच में देरी हो रही है तो उसके कारणों और निवारक उपायों का ब्योरा दिया जाए