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    'कमजोर धाराओं में दर्ज किया केस', IPS पूरन सुसाइड मामले में IAS पत्नी ने पुलिस पर लगाए आरोप

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 12:15 PM (IST)

    आईएएस अमनीत पी. कुमार ने चंडीगढ़ पुलिस को पत्र लिखकर आईपीएस वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में दर्ज एफआईआर में कमियों की ओर ध्यान दिलाया है। उन्होंने एफआईआर में मुख्य आरोपियों के नाम स्पष्ट रूप से दर्ज न होने और एससी/एसटी एक्ट की कमजोर धाराएं लगाने का आरोप लगाया है। साथ ही, उन्होंने 'फाइनल नोट' की प्रति भी मांगी है और निष्पक्ष जांच के लिए संशोधन की मांग की है।

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    IPS पूरन सुसाइड केस: आईएएस पत्नी अमनीत कुमार की एफआईआर में संशोधन की मांग। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में उनकी पत्नी और हरियाणा सरकार में आयुक्त व सचिव अमनीत पी. कुमार (IAS) ने चंडीगढ़ पुलिस को पत्र लिखकर एफआईआर में गंभीर कमियों की ओर ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने एसएसपी चंडीगढ़ को भेजे पत्र में एफआईआर नंबर 156, दिनांक 9 अक्टूबर 2025 में कई त्रुटियों को तत्काल सुधारने की मांग की है।

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    अमनीत पी. कुमार ने बताया कि 9 अक्टूबर की रात 10:22 बजे उन्हें पुलिस द्वारा उनके सेक्टर-24ए स्थित आवास पर एफआईआर की प्रति सौंपी गई थी, लेकिन यह प्रति अधूरी और बिना हस्ताक्षर की थी। उनके अनुसार, एफआईआर में मुख्य आरोपियों के नाम स्पष्ट रूप से दर्ज नहीं किए गए हैं। शिकायत के अनुसार, इस मामले में हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर और एसपी रोहतक नरेंद्र बिजारनिया को नामजद किया गया था, परंतु एफआईआर में इनके नाम कॉलम नंबर 7 में शामिल नहीं किए गए हैं।

    कमजोर धाराएं लगाने का लगाया आरोप

    उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि एफआईआर में एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की कमजोर धाराएं लगाई गई हैं। सही धारा 3(2)(v) लागू की जानी चाहिए ताकि मामले की कानूनी कार्रवाई उचित रूप से की जा सके।

    इसके अलावा, अमनीत पी. कुमार ने यह भी उल्लेख किया कि मृतक अधिकारी वाई. पूरन कुमार की जेब से बरामद 'फाइनल नोट' की प्रति उन्हें अब तक नहीं दी गई है। उन्होंने मांग की है कि मृतक की जेब और उनके निवास से बरामद दोनों 'फाइनल नोट' की प्रमाणित प्रतियां उन्हें तत्काल उपलब्ध कराई जाएं ताकि वह जांच में पारदर्शिता सुनिश्चित कर सकें।

    उन्होंने पत्र में कहा है कि निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के लिए एफआईआर में सभी आवश्यक संशोधन किए जाएं और सही धाराएं जोड़ी जाएं। साथ ही 'फाइनल नोट' दस्तावेजों की प्रतियां जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जाएं।