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    'तुझे चेतराम बनाया जा रहा है', हरियाणा पुलिस ने ₹25000 के लिए निर्दोष को पहुंचाया जेल, थर्ड डिग्री टॉर्चर भी किया

    Updated: Thu, 11 Dec 2025 09:09 AM (IST)

    करनाल के मलखान नाथ को सोनीपत पुलिस ने चेतराम बनाकर दो साल जेल में रखा। मलखान का आरोप है कि 25 हजार रुपये के इनाम के लिए पुलिस ने ऐसा किया। पुलिस ने उस ...और पढ़ें

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    मलखान, उसकी पत्नी और दो बच्चे (File Photo)


     

    राकेश चौहान, करनाल। सोनीपत के गांव पिनाना में महिला की हत्या में करनाल के तरावड़ी के गांव ललयाणी निवासी 40 वर्षीय मलखान नाथ को 55 वर्षीय हत्यारोपित चेतराम बनाकर दो साल जेल कटवा दी।

    जेल से बाहर आए पीड़ित मलखान ने दैनिक जागरण को बताया कि चेतराम पैरोल जंपर था। उस पर 25 हजार रुपये का इनाम था। इन्हीं 25 हजार रुपये के लिए पुलिस ने उसे चेतराम बनाकर जेल में डाल दिया।

    परिवार में उसकी पत्नी सरोज, चार बच्चे हैं। उसे छुड़वाने के लिए उसकी पत्नी ने घर, प्लॉट और अपने गहने तक बेच दिए। मलखान ने बताया कि गन्नौर सीआईए की टीम ने जब 11 दिसंबर, 2023 को उसे असम के लींदू शहर से उठाया था तो उसने कहा था कि वह चेतराम नहीं है, लेकिन उस समय पुलिस वाले बोल रहे थे कि हमें पता है तू चेतराम नहीं है, तू चेतराम बन जा, तुझे दो से तीन महीने में बाहर निकलवा देंगे।

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    लाश बोरे में डाल यमुना में फेंक देंगे

    वह इस बात से मना करता रहा तो सीआईए टीम ने उसे थर्ड डिग्री दी। उसकी कनपटी पर रिवॉल्वर रख दी और कहा कि गोली मारकर बोरी में तेरी लाश डालकर यमुना में फेंक देंगे।

    मलखान ने आरोप लगाया कि पुलिस ने चलते हिटर पर पेशाब करवाया, उसे पानी में डूबोया, पीट-पीट कर उसके पांव तोड़ दिए, एक पसली भी टूटी हुई है। इसके बाद वह डर गया और पुलिस ने उसकी चेतराम नाम कबूलते हुए की वीडियो बना ली और अदालत में पेश कर जेल भेज दिया।

    एसपी गंगाराम पूनिया को दी शिकायत में मलखान नाथ ने सोनीपत के तत्कालीन एसपी, डीएसपी राजपाल, एसएचओ सिटी थाना सोनीपत, सीआइए गन्नौर, जांच अधिकारी चांद सिंह, पिनाना गांव का सरपंच, चेतराम का पिता अंग्रेज, माता बीरो, बेटी मनीषा, बहन कविता, रोशनी, बेटा विक्की पर आरोप लगाए हैं।

    डीएनएन रिपोर्ट को दबाकर रखा गया

    डीएनए रिपोर्ट को भी लंबे समय तक दबाए रखा मलखान नाथ के भाई मुकेश नाथ ने बताया कि जब उन्हें पता लगा कि गन्नौर पुलिस ने मलखान को उठा लिया गया है वे गन्नौर पुलिस के साथ साथ डीएसपी और एसपी के पास गए, किसी ने भी उनकी बात नहीं सुनी। हाई कोर्ट से डीएनए टेस्ट की अपील की। फरवरी 2024 में कोर्ट के आदेश पर उसका व उसकी बहन, बेटी व बेटे का डीएनए टेस्ट हुआ व जेल के फिंगर प्रिंट भी चेक किए गए, लेकिन रिपोर्ट को दबाए रखा।