Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हुड्डा के गढ़ में अभय चौटाला दिखाएंगे दम, ताऊ देवीलाल जयंती पर रोहतक में इनेलो की विशाल रैली

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 03:28 PM (IST)

    इनेलो प्रमुख अभय चौटाला ताऊ देवीलाल की जयंती पर रोहतक में रैली कर रहे हैं। यह रैली हुड्डा के प्रभाव वाले क्षेत्र में हो रही है और अभय चौटाला के लिए एक महत्वपूर्ण शक्ति प्रदर्शन है। इनेलो कार्यकर्ताओं के दम पर ताकत दिखाने की योजना है और कई बड़े नेताओं के आने की संभावना है। अभय चौटाला इस रैली के माध्यम से इनेलो की मजबूती का संदेश देना चाहते हैं।

    Hero Image
    पहली बार खुद के बूते इनेलो का दमखम दिखाने की तैयारी में अभय चौटाला (फाइल फोटो)

    अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। समय-समय पर देश और प्रदेश की राजनीतिक दिशा बदलने वाले पूर्व उप प्रधानमंत्री स्व. देवीलाल की 112वीं जयंती इस बार कई मायनों में खास होगी। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला ने अपने दादा देवीलाल की जयंती मनाने के लिए जाट व पंजाबी बाहुल्य रोहतक को चुना है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रोहतक बेल्ट को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता है, लेकिन इस बेल्ट से स्व. देवीलाल भी दो बार सांसद रह चुके हैं। इसी बेल्ट में अभय चौटाला बृहस्पतिवार को अपनी राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन करने वाले हैं।

    इनेलो प्रमुख अभय चौटाला के लिए रोहतक रैली इसलिए भी खास है, क्योंकि पिता स्व. ओमप्रकाश चौटाला के देहावसान के बाद अभय चौटाला पहली बार स्वयं के बूते ताऊ देवीलाल की जयंती पर राज्य स्तरीय रैली का आयोजन करने जा रहे हैं। यह उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।

    हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके स्व. ओमप्रकाश चौटाला ने देहावसान से पहले ही अभय चौटाला को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था। चौटाला जब तक जीवित थे, तब तक अभय सिंह उनके सहयोगी के रूप में ताऊ देवीलाल की जयंती पर होने वाली रैलियों की तैयारियां किया करते थे, लेकिन यह पहला मौका है, जब चौटाला की गैर मौजूदगी में अभय सिंह अपने नेतृत्व में इनेलो पार्टी का दमखम दिखाने की तैयारी कर रहे हैं।

    ताऊ देवीलाल की जयंती पर होने वाली रैलियों में अक्सर उनके पुराने साथियों व सहयोगियों को बुलाया जाता था, लेकिन अभय सिंह ने इस बार बड़े ही रणनीतिक ढंग से उन्हें इस आयोजन से दूर रखा, ताकि विरोधी यह न कह सकें कि बड़े चेहरों के नाम पर भीड़ इकट्ठा की गई है।

    अभय सिंह और उनकी पार्टी के अध्यक्ष रामपाल माजरा ने रोहतक रैली में सिर्फ इनेलो कार्यकर्ता के दम पर ही ताकत दिखाने की योजना बनाई है, ताकि पूरे प्रदेश में यह संदेश जा सके कि इनेलो फिर से मजबूती के साथ खड़ा हो रहा है। इनेलो की मजबूती का ही उदाहरण है कि इस बार पार्टी के दो विधायक अर्जुन चौटाला व आदित्य देवीलाल विधानसभा में चुनकर आए हैं, जबकि जननायक जनता पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत तक नहीं बच पाई।

    इनेलो की बृहस्पतिवार को होने वाली रैली की चुनौती पर यदि अभय चौटाला खरा उतरते हैं तो उन्हें नये सिरे से पार्टी को खड़ा करने में कोई परेशानी नहीं होगी। राज्य की सभी 90 विधानसभा सीटों पर उन्होंने दौरे किए, जहां उन्हें व्यापक समर्थन मिला। कई प्रमुख नेताओं व कार्यकर्ताओं ने इनेलो ज्वाइन की। अभय सिंह के लिए यह रैली इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस बार की रैली इनेलो कार्यकर्ताओं की मेहनत और जनता में अभय सिंह चौटाला की पकड़ को साबित करने का काम करेगी।

    इनेलो प्रमुख अभय सिंह चौटाला ने ताऊ देवीलाल की जयंती पर होने वाली रैली के लिए किसी बड़े चेहरे को आमंत्रित नहीं किया है, लेकिन पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल, जम्मू-कश्मीर के उप मुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के संस्थापक एवं सांसद हनुमान बेनीवाल, पूर्व वित्त मंत्री प्रो. संपत सिंह, रघु यादव और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता के ताऊ देवीलाल को श्रद्धासुमन अर्पित करने आने की संभावना है।

    पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह भी ताऊ देवीलाल को पूर्व में श्रद्धांजलि देने आते रहे हैं। इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा का कहना है कि हमने किसी बड़े राजनीतिक व्यक्ति को रैली में आमंत्रित नहीं किया है। यह रैली इनेलो, स्व. ओमप्रकाश चौटाला और अभय सिंह चौटाला के नाम पर ताऊ देवीलाल को समर्पित है। अभय की रणनीति साफ है कि रोहतक, सोनीपत और झज्जर की ‘देशवाली बेल्ट’ को पकड़कर पूरे राज्य में राजनीतिक ताकत बढ़ाई जाए।