हरियाणा में INLD ने तैयार किया 'सेवक' ऐप, कोई भी दर्ज करा सकेगा शिकायत, समाधान कराएगी डिजिटल टीम
इनेलो ने सेवक एप बनाया है जो 25 सितंबर को ताऊ देवी लाल की जयंती पर लॉन्च होगा। अभय चौटाला ने कहा कि यह एप लोगों की शिकायतों को दूर करने में मदद करेगा क्योंकि सरकार की सीएम विंडो विफल रही है। उन्होंने हुड्डा पर भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाया और कहा कि जजपा ने मतदाताओं को धोखा दिया है।

राज्य ब्यूरो, पंचकूला। हरियाणा में सरकार के स्तर पर निरंतर पोर्टल लांच किए जा रहे हैं ताकि ऑनलाइन सेवाओं की पहुंच अधिकतम लोगों तक सुनिश्चित हो सके। अब सरकारी पोर्टलों के मुकाबले इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने सेवक एप तैयार किया है।
इसे 25 सितंबर को पूर्व उपप्रधानमंत्री स्वर्गीय ताऊ देवी लाल की जयंती पर रोहतक में मनाए जाने सम्मान दिवस पर लांच किया जाएगा। इस एप पर कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायतें दर्ज करा सकेगा, जिनका पार्टी की डिजिटल टीम समाधान कराएगी।
इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में एप का डिस्पले साझा करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने जो सीएम विंडो बनाई है, उससे किसी को न्याय नहीं मिला। हम निश्चित रूप से लोगों को न्याय दिलाएंगे और उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे।
सम्मान दिवस का न्योता देने के लिए पूरे प्रदेश में जा रहे अभय चौटाला ने युवाओं का फीडबैक साझा करते हुए आरोप लगाया कि इस बार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मिलीभगत कर भाजपा की सरकार बनवाई है। साथ ही अपने बड़े भाई अजय चौटाला और भतीजे दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जजपा) को भी लपेटा।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में भाजपा 40 पर आ गई थी, लेकिन चौधरी देवीलाल का नाम लेकर जीते जजपा के दस विधायकों ने मतदाताओं से धोखा किया और सरकार में मिलकर करोड़ों के घोटाले किए।
अभय ने कहा कि इस बार हुड्डा और उनके बेटे ने भाजपा का साथ देकर लोगों से धोखा किया। ईडी का भय दिखाकर भाजपा ने हुड्डा को कद्दावर नेताओं की जगह गुमनाम चेहरों को टिकट दिलाने पर मजबूर किया।
अंबाला कैंट से चित्रा सरवारा, बवानीखेड़ा से रामकिशन फौजी, बल्लभगढ़ से शारदा राठौर के टिकट काट कर ऐसे लोगों को टिकट दिया गया, जिन्हें लोग जानते भी नहीं थे। उचाना में बृजेंद्र सिंह को साजिशन हरवाया।
विधायकों की हार के बावजूद दिया गया टिकट
चुनाव से पहले कराए सर्वे में कांग्रेस के 16 विधायकों की हार सुनिश्चित होने के बावजूद उन्हें टिकट दिया गया और यह सभी प्रत्याशी हार गए। उन्होंने सवाल दागा कि जब राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता रद हुई थी तब उनसे सात दिन के अंदर सरकारी आवास वापस ले लिया गया था।
हुड्डा के पास अभी भी सरकारी कोठी है, जबकि वे नेता प्रतिपक्ष नहीं हैं। जान से मारने की धमकी से जुड़े सवाल पर अभय चौटाला ने कहा कि हमने इसकी शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन मुझे आज तक इसके बारे में पुलिस की ओर से कुछ नहीं बताया गया।
मैंने रिमाइंडर भेजा है। अगर ये कोई कार्रवाई नहीं करेंगे तो कानूनी रास्ता अपनाऊंगा। हालांकि सरकार ने कहा था कि आपकी सुरक्षा बढ़ा देते हैं, लेकिन यह समाधान नहीं है। अपराधियों पर नकेल कसनी होगी।
'किसानों को 50 हजार रुपये एकड़ मुआवजा दे सरकार'
चौटाला ने कहा कि पंजाब सरकार बाढ़ प्रभावित किसानों को 20 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दे रही है। इसके उलट हरियाणा सरकार 15 हजार दे रही है जो ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर है।
मुआवजा कम से कम 50 हजार रुपये प्रति एकड़ होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले दिनों असिस्टेंट प्रोफेसर की पोस्ट निकली थी। हरियाणा काडर में चयनित अभ्यर्थियों की ज्वाइनिंग करा दी गई, लेकिन मेवात काडर के अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी। क्या मेवात हरियाणा में नहीं है।
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