आईपीएस पूरन कुमार की आईएएस पत्नी बोली-डीजीपी को हटाकर गिरफ्तारियां हों, सीएम कह रहे-पहले पोस्टमार्टम कराओ, अठावले ने बताया कहां फंसा है पेच
आईपीएस पूरन कुमार की आईएएस पत्नी अमनीत पी कुमार ने डीजीपी को हटाने और गिरफ्तारियां करने की मांग की है, जबकि मुख्यमंत्री पहले पोस्टमार्टम कराने की बात कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने बताया कि मामला पोस्टमार्टम और गिरफ्तारियों के बीच फंसा हुआ है, जिससे स्थिति जटिल हो गई है। उन्होंने आईएएस अमनीत कुमार और सीएम नायब सिंह सैनी से मुलाकात के बाद यह जानकारी दी।

केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास अठावले को सौंपी गई आईपीएस पूरन कुमार के शव का पोस्टमार्टम कराने को लेकर चल रहे विवाद के समाधान की जिम्मेदारी सौंपी गई।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार के अनुसूचित जाति के कैबिनेट मंत्रियों द्वारा आईपीएस वाई पूरन कुमार के स्वजन को पोस्टमार्टम के लिए मनाने के प्रयास जब सिरे नहीं चढ़े तो केंद्र की भाजपा सरकार में राज्य मंत्री रामदास अठावले को विवाद के समाधान की जिम्मेदारी सौंपी गई। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि वे पूरन कुमार के स्वजन को न्याय दिलाने के लिए आए हैं। वाई पूरन कुमार की आईएएस अफसर पत्नी अमनीत पी कुमार और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से अलग-अलग मुलाकात करने के बाद रामदास अठावले ने बताया कि पेच कहां फंस रहा है।
रामदास अठावले ने जानकारी दी कि आईएएस अमनीत पी कुमार इस बात पर अड़ी हैं कि पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर और रोहतक के पूर्व एसपी नरेंद्र बिजरानिया को गिरफ्तार किया जाए। उनकी इस बारे में मुख्यमंत्री नायब सैनी से भी बात हुई है, जो कह रहे हैं कि परिवार को पूरा न्याय मिलेगा, लेकिन पहले पोस्टमार्टम कराया जाए। बता दें कि सात दिन से वाई पूरन कुमार का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है। पूरन कुमार के फाइनल नोट में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी और पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर समेत 15 सेवारत व रिटायर्ड उच्च अधिकारियों के नाम हैं।
हरियाणा सरकार के सामने संकट यह है कि यदि एक या दो अधिकारी को निलंबित अथवा गिरफ्तार किया गया तो बाकी के साथ ही यही करना पड़ेगा, जोकि संभव नहीं है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में रविवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कहा गया कि पूरी सरकार परिवार के साथ है, लेकिन पहले पोस्टमार्टम कराया जाए और उसके बाद जांच में जो भी अधिकारी होगा, भले ही वह कितने भी बड़े पद पर हो, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। यह बात भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पहले भी कह चुके हैं। इस पूरे मामले में अमनीत पी कुमार के आम आदमी पार्टी के विधायक भाई अमित रतन कोटफत्ता भी पेंच फंसा रहे हैं।
अमनीत पी कुमार स्वयं फैसला लेने की स्थिति में नहीं
हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की मौत के मामले में परिवार के अडि़यल रवैये को देखते हुए अब सरकार भी पीछे हट रही है। हरियाणा सरकार के दोनों कैबिनेट मंत्रियों कृष्ण कुमार बेदी व कृष्ण लाल पंवार ने अमनीत पी कुमार के परिवार से बातचीत नहीं की है। वाई पूरन कुमार का परिवार अभी तक एक बार भी फ्रंट पर नहीं आया है लेकिन अमनीत के भाई एवं पंजाब के बठिंडा से आम आदमी पार्टी के विधायक अमित रतन कोटफत्ता इस प्रकरण की कमान संभाले हुए हैं। अधिकारियों ने सीएम को रिपोर्ट दी कि अमनीत पी कुमार इस मामले में खुद फैसला लेने की स्थिति में नहीं हैं। परिवार व रिश्तेदार जिद पर अड़े हैं, जिनका नेतृत्व आप विधायक अमित रतन कोटफत्ता कर रहे हैं।
चार दिन बाद प्रधानमंत्री मोदी का हरियाणा दौरा
आईपीएस वाई पूरन कुमार की आत्महत्या ने प्रदेश सरकार का संकट बढ़ा दिया है। हरियाणा सरकार 17 अक्टूबर को अपने तीसरे कार्यकाल का पहला साल पूरा करने जा रही है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी सोनीपत में आयोजित होने वाली ‘जन विश्वास-जन विकास’ रैली को संबोधित करेंगे। सरकार इस रैली के माध्यम से प्रदेश में कई बड़ी योजनाओं का उदघाटन व शिलान्यास प्रधानमंत्री से करवाने की तैयारी में है। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने संकल्प पत्र में 217 संकल्प किए थे।
नायब सरकार ने एक साल के भीतर 48 संकल्पों को पूरा किया और इस साल के अंत तक 90 संकल्प भी पूरे होने जा रहे हैं। आइपीएस की मौत के बाद प्रदेश में जातिवाद का मुद्दा हावी हो गया है। एक तरफ दलित समुदाय के लोग लामबंद हो गए हैं तो दूसरी तरफ पंजाबी तथा जाट समाज के लोग अलग-अलग पंचायतें कर सरकार को घेर रहे हैं। ऐसे में सरकार अनमने मन से पहली वर्षगांठ की तैयारियों में जुटी हुई है।
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