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    हरियाणा: IAS रानी नागर को अब जबरन सेवानिवृत्ति नहीं, UPSC ने लगाई रोक; घटाया जा सकता ग्रेड

    Updated: Thu, 10 Jul 2025 04:50 PM (IST)

    हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी रानी नागर को यूपीएससी से राहत मिली है। प्रदेश सरकार की ओर से जबरन सेवानिवृत्ति की सिफारिश को यूपीएससी ने रोक दिया है। ड्यूटी से गैर-हाजिर रहने पर सरकार ने यह सिफारिश की थी। यूपीएससी ने सरकार के प्रस्ताव से असहमति जताई और दो साल तक ग्रेड कम करने का प्रस्ताव दिया है। सरकार अब मंत्रालय को अवगत कराएगी।

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    IAS रानी नागर को अब जबरन सेवानिवृत्ति नहीं। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा कैडर की 2014 बैच की आइएएस अधिकारी रानी नागर को संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) ने बड़ी राहत दी है। प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें जबरन सेवानिवृत्ति देने के लिए की गई सिफारिश को यूपीएससी ने फिलहाल रोक दिया है।

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    रानी नागर लम्बे समय से ड्यूटी से गैर-हाजिर चल रही हैं। उन्हें मुख्य सचिव की ओर से चार बार नोटिस भी दिए जा चुके हैं, लेकिन किसी भी नोटिस का जवाब नहीं आया। चौथे नोटिस का भी जब जवाब नहीं आया तो प्रदेश सरकार ने पिछले दिनों उन्हें जबरन सेवानिवृत्त करने की सिफारिश कर दी। इससे पूर्व भी रानी नागर की रिटायरमेंट को लेकर प्रस्ताव भेजा गया था।

    यूपीएससी ने दिया ये प्रस्ताव

    केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने सरकार के प्रस्ताव को यूपीएससी के पास भेजा। यूपीएससी ने जबरन रिटायरमेंट के फैसले पर असहमति जताते हुए दो साल तक ग्रेड कम करने का प्रस्ताव मंत्रालय को भेजा। अब हरियाणा सरकार ने रानी नागर को उनके ईमेल पर और उनके पते पर पंजीकृत डाक से यूपीएससी का प्रस्ताव भेजा है।

    मंत्रालय के जवाब के बाद अब प्रदेश सरकार केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय को इस तथ्य से अवगत कराएगी। रानी नागर को आखिरी बार 11 मार्च, 2020 को अभिलेखागार विभाग में अतिरिक्त सचिव और निदेशक के पद पर लगाया था। इस पद पर उन्होंने 27 अक्टूबर, 2020 तक सेवाएं दी। रानी नागर को भेजे गए नये नोटिस में उन्हें विकल्प दिया है कि वे चाहें तो ईमेल से भी अपना जवाब दे सकती हैं।