बच्चों-बुजुर्गों से जुड़ी सामाजिक संस्थाओं पर हरियाणा मानवाधिकार आयोग की नजर, CM नायब सैनी को सौंपी वार्षिक रिपोर्ट
हरियाणा मानवाधिकार आयोग बच्चों और बुजुर्गों से जुड़े मामलों पर सक्रिय है। आयोग ने मुख्यमंत्री को अपनी वार्षिक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें लंबित मामलों के निपटारे और आयोग की सिफारिशों पर हुए सुधारों पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए सरकार के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। आयोग नियमित रूप से जेलों का निरीक्षण भी कर रहा है।

बच्चों-बुजुर्गों से जुड़ी सामाजिक संस्थाओं पर हरियाणा मानवाधिकार आयोग की नजर। सांकेतिक फोटो
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा मानव अधिकार आयोग की बच्चों-बुजुर्गों से जुड़ी सामाजिक संस्थाओं पर विशेष नजर है। आयोग की टीम हर महीने नियमित रूप से किसी एक जेल का निरीक्षण भी जारी रखेगी। आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति ललित बत्रा तथा सदस्य कुलदीप जैन और दीप भाटिया ने शनिवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को वार्षिक रिपोर्ट की प्रति सौंपी। हाल ही में राज्यपाल प्रो. असीम कुमार घोष ने इस वार्षिक रिपोर्ट का लोकार्पण किया था।
मुख्यमंत्री के साथ बैठक में आयोग द्वारा नवंबर 2024 में पुनर्गठन के बाद से अब तक की उपलब्धियों और कार्यों पर विस्तार से चर्चा हुई। जस्टिस ललित बत्रा ने बताया कि नवंबर 2024 तक 2991 मामले लंबित थे, जबकि 15 अक्टूबर 2025 तक 2551 नए मामले प्राप्त हुए। इस प्रकार आयोग ने कुल 5542 मामलों की सुनवाई कर 4638 प्रकरणों का निपटारा किया है।
केवल 904 केस लंबित हैं, जिन पर भी सुनवाई जारी है। दीप भाटिया ने मुख्यमंत्री को बताया कि दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के 32वें स्थापना दिवस समारोह में भी हरियाणा मानव अधिकार आयोग की सिफारिशों पर हुए महत्वपूर्ण सुधारों की चर्चा की गई, जिनसे अन्य राज्य भी प्रेरणा ले सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने आयोग की कार्यप्रणाली, उसकी चुनौतियों एवं आवश्यकताओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए आश्वासन दिया कि राज्य सरकार मानव अधिकारों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु आयोग को हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल में शामिल आयोग के रजिस्ट्रार रवि कुमार सोंधी तथा प्रोटोकाल, सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी डा. पुनीत अरोड़ा ने भी अपनी बात रखी।
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