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हरियाणा सरकार की लगी खिलाडियों की कमाई पर नजर, हंगामा मचा तो लिया यू टर्न

हरियाणा के मुख्‍यमंत्री ने राज्‍य के खिलाडि़यों के प्रोफेशनल खेल व विज्ञापन से होनेवाली आय को जमा कराने के खेल विभाग के आदेश पर रोक लगा दी है। इस अादेश से विवाद पैदा हो गया था।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 08 Jun 2018 02:04 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jun 2018 08:54 AM (IST)
हरियाणा सरकार की लगी खिलाडियों की कमाई पर नजर, हंगामा मचा तो लिया यू टर्न
हरियाणा सरकार की लगी खिलाडियों की कमाई पर नजर, हंगामा मचा तो लिया यू टर्न

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल ने खेल विभाग द्वारा जारी खिलाडियों की प्रोफेशनल खेल और विज्ञापन से कमाई जमा कराने के आदेश पर रोक लगा दी है। खेल विभाग ने काॅमनवेल्‍थ खेलों के पदक विजेता ख्‍ािलाडियों के पुरस्‍कार विवाद के बाद राज्‍य के खिलाडि़यों को जोरदार झटका दिया था। हरियाणा खेल विभाग ने आदेश जारी किया कि राज्‍य सरकार के किसी विभाग या संस्‍थान में नौकरी करने वाले खिलाडियों को प्रोफेशन कमाई स्‍पोट्र्स काउंसिल को देनी हाेगी। यह फरमान खेल विभाग के प्रधान सचिव अशोक खेमका ने जारी किया था और खिलाडियों में हड़कंप मच गया। इससे विवाद बढ़ गया और केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह सहित कई खिलाडियों ने इस पर सवाल उठाया।

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खेल विभाग ने आदेश जारी कर प्रोफेशनल खेल व विज्ञापन से हुई कमाई जमा कराने को कहा था

इस आदेश के अनुसार, हरियाणा में सरकारी नौकरी कर रहे खिलाडिय़ों को पेशेवर खेल खेलते हुए और विज्ञापन से जो आमदनी होगी, उसका बड़ा हिस्सा सरकारी खजाने में जमा कराना था। आदेश के अनुसार, इस राशि को राज्‍य के खेल के विकास में लगाया जाएगा।

इस पर भारी विवाद पैदा हो गया। इसके बाद मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल सक्रिय हुए। मुख्‍यमंत्री ने ट्वीट कर पूरे मामले को ठंडा करने का प्रयास किया आैर खेल विभाग के आदेश पर रोक लगाने का ऐलान किया। मुख्‍यमंत्री ने कहा कि फिलहाल खेल विभाग के आदेश पर रोक लगा दी गई है। वह पूरे प्रकरण को देखकर इस पर निर्णय लेंगे। मनोहरलाल ने कहा, मैंने खेल विभाग से इस मामले की फाइल मंगवाई है। मैं खिलाडि़यों को आश्‍वस्‍त करना चाहता हूं कि सरकार उनके हितों को पूरा ध्‍यान रखेगी। पूरे मामले में उनका ख्‍याल रखा जाएगा।

सीएम मनोहरलाल का ट्वीट।

केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने उठाए सवाल, विज बाेले- नियम से कोई अछूता नहीं रह सकता

इससे पहले खेल विभाग के कदम पर सवाल उठ गए। केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने भी हरियाणा सरकार के कदम पर सवालिया निशान लगाया। ओलंपियन सुशील कुमार और बबीता फोगाट ने कहा  कि हरियाणा सरकार का यह कदम को उचित नहीं है। दूसरी ओर, हरियाणा के खेल मंत्री अनिल विज ने सरकार के इस कदम को सही करार दिया।

अशोक खेमका ने जारी किया आदेश, सरकारी नौकरी करने वाले खिलाडि़यों पर गिरी गाज

इस आदेश से खेल विभाग ने खिलाडिय़ों को पेशेवर खेल खेलने तथा विज्ञापन करने की मंजूरी तो प्रदान कर दी, लेकिन खिलाडिय़ों को होने वाली आमदनी पर उसकी निगाह टिक गई। हरियाणा में नौकरी कर रहे खिलाडिय़ों को पेशेवर खेल खेलते हुए जो आमदनी होगी, उसका बड़ा हिस्सा सरकारी खजाने में जमा कराने का आदेश दिया गया।

खिलाडियों ने कहा- यह खेलों पर कुठाराघात, नौकरी छोड़ करना पड़ेगा दूसरे राज्‍यों में पलायन

पुरस्कार राशि से वंचित राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेता खिलाड़ी हरियाणा सरकार के इस फैसले को खेलों के लिए कुठाराघात बताया। उनका कहना है कि सरकार के इस फैसले से खिलाड़ी न केवल सरकारी नौकरी छोडऩे पर मजबूर हो जाएंगे, बल्कि उन्हें दूसरे राज्यों की तरफ पलायन करना पड़ सकता है।

अशोक खेमका द्वारा जारी पत्र।

खेल विभाग के आदेश के अनुसार, जो खिलाड़ी हरियाणा की सरकारी नौकरी में या सरकार से जुड़ेे किसी विभाग या संस्‍थान में नौकरी करते हैं को उनको प्रोफेशनल खेल या विज्ञापन से कमाई में खेल विभाग को हिस्‍सा देना होगा अथवा पूरी कमाई मजा करवानी होगी। अादेश के अनुसार, वैतनिक अवकाश लेने कर प्रोफेशनल खेल या विज्ञापन से होने वाली समस्त आय को स्पोट्र्स काउंसिल के खाते में जमा कराना होगा।

खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग की अधिसूचना के मुताबिक, राज्य का कोई खिलाड़ी यदि अवैतनिक अवकाश लेकर प्रोफेशन तौर पर खेलता है या फिर विज्ञापन करते हुए पैसा कमाता है तो उसे कमाई का एक तिहाई हिस्सा यानि 33 फीसद हिस्‍सा स्पोट्र्स काउंसिल के खाते में जमा कराना होगा।

हरियाणा सरकार ने यह अधिसूचना 27 अप्रैल को तैयार की थी  और इसे राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने 30 अप्रैल को मंजूरी प्रदान की थी। इस आदेश के बारे में जानकारी सामने आते ही खेल जगत में इसकी कड़ी आलोचना होने लगी। इन सब के बीच खेल विभाग के प्रधान सचिव डाॅ. अशोक खेमका खिलाडिय़ों के विरोध से सहमत नहीं हैं। उनका मानना है कि सरकार ने राज्य के खिलाडिय़ों को दुनिया भर में पेशेवर खेल खेलने और टीवी पर विज्ञापन करने का मौका दिया है। इससे उनकी दुनिया भर में पहचान बनेगी।

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विज ने कदम को बताया उचित, कहा- विजेंदर सिंह के मामले के समय हाईकोर्ट ने दिया था निर्देश

मामला गर्माया तो हरियाणा के खेल मंत्री अनिल विज भी सामने आए। विज ने कहा कि नियमानुसार कोई भी सरकारी कर्मचारी यदि अन्य किसी व्यवसायिक कार्यों से आय अर्जित करता है तो उसे अपनी कमाई का एक तिहाई भाग सरकारी खजाने में जमा करवाना पड़ता है। इस नियम से फिर खिलाड़ी अछूता कैसे रह सकते हैं।

विज ने कहा कि हरियाणा सरकार के नियम-56 की अनुपालना, सरकारी सेवा में रहते हुए पेशेवर खिलाडिय़ों को भी करनी होगी। उन्होंने कहा कि जब सरकार ने बॉक्सर विजेंदर सिंह को व्यवसायिक बॉक्सिंग की अनुमति दी थी तो उस समय हार्इकोर्ट नेखिलाडिय़ों के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की हिदायत दी थी। इसी के चलते न्यायालय के आदेश पर एक पुराने नियम के आधार पर यह निर्देश जारी किए गएं है।

खेल मंत्री ने कहा कि यह नियम अम्चयोर खिलाडिय़ों पर लागू नहीं होगा आैर ऐसे में उन्हें इससे डरने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे खिलाड़ी जो सरकारी कर्मचारी है और व्यवसायिक तौर पर खेलते हुए पैसा कमाते हैं, उन्हें इस नियम की पालना करनी होगी। इसके तहत ऐसे खिलाडिय़ों को अपनी कमाई का हिस्सा स्पोर्टस फंड में जमा करवाना होगा। इस राशि को खेल व खिलाडिय़ों के उत्थान एवं प्रगति पर ही खर्च किया जाएगा।

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400 से अधिक खिलाडिय़ों को देनी होगी पूरी कमाई, हुड्डा सरकार में मिली थी नौकरी

हरियाणा में 400 से अधिक खिलाड़ी ऐसे हैैं, जो सरकारी नौकरी कर रहे हैैं। इनमें 18 डीएसपी भी शामिल हैैं। अधिकतर नौकरियां पिछली हुड्डा सरकार के कार्यकाल में मिली हैैं। कुछ नौकरियां चौटाला सरकार में दी गई थी। अधिकतर नौकरियां देने का श्रेय हुड्डा को जाता है। एक दर्जन से अधिक खिलाड़ी ऐसे हैैं, जो केंद्र सरकार की विभिन्न एजेंसियों तथा विभागों में नौकरी कर रहे हैैं। सबसे अधिक प्रभावित यही खिलाड़ी होंगे।

मनोहर सरकार में 207 खिलाड़ी नौकरी पाने की इंतजार में, अभी सिर्फ तीन को मिली

हरियाणा की मनोहर सरकार ने अभी तक सिर्फ तीन खिलाडिय़ों को सरकारी नौकरी दी है। खेल मंत्री अनिल विज के कार्यकाल में लगभग 300 खिलाडिय़ों ने नौकरियों के लिए आवेदन किया था, लेकिन अभी तक कोर्ट के आदेश पर इस सरकार ने मात्र 3 खिलाडिय़ों को नौकरियां दी हैैं। जिन 300 खिलाडिय़ों ने नौकरियां मांग रखी हैैं, उनमें से 207 को पात्र माना जा चुका है, लेकिन अभी तक किसी को नौकरी नहीं मिल पाई है।

खेलों में राजनीति होगी हावी, परिषद भी नहीं आई काम


खेलों में राजनीति को खत्म करने तथा खेल व खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करने के लिए हरियाणा की मनोहर सरकार ने हरियाणा खेल परिषद विधेयक 2016 को मंजूरी देते हुए खेल परिषद का गठन किया था। राज्य में तब तीन स्तर पर राज्य, जिला और स्थानीय स्तर पर खेल परिषदों के गठन का निर्णय लिया गया था। लेकिन अब यही खेल परिषद खिलाडिय़ों के साथ राजनीति की बड़ी वजह बन गई है।

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' फैसले की बारीकी को समझना होगा, हम खिलाडिय़ों के हक में'

''राज्य सरकार के फैसले को गलत ढंग से परिभाषित किया जा रहा है। इस फैसले की भावना को समझना होगा। हमने पहली बार खिलाडिय़ों को प्रोफेशनल खेलने तथा विज्ञापन करने की अनुमति प्रदान की है, जो खिलाडिय़ों के हक में बड़ा फैसला है। पेशेवर खेलों में खिलाड़ी किसी देश को नहीं बल्कि पैसे को चुनता है। बीसीसीआइ जब किसी खिलाड़ी को खिलाती है तो उसे पैसा देती है। आइपीएल में जब कोई खिलाड़ी खुद खेलता है तो उसकी बोली लगती है। बस यही तकनीकी अंतर है। अब खिलाड़ी खुलकर खेलें और विज्ञापन करें। हम सहयोग करेंगे। बस, उन्हें कुछ हिस्सा खेल व खिलाडिय़ों के कल्याण के लिए देना होगा।

                                                                             - डाॅ. अशोक खेमका, प्रधान सचिव, खेल विभाग।

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केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने सरकार के कदम पर उठाए सवाल

केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने भी इस मामले पर ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्‍होेंने कहा कि हरियाणा के खिलाडिय़ों ने पिछले पांच साल में देश के लिए कितने ही पदक जीते हैं और हरियाणा की छवि खेल वाले प्रदेश की बनाई है। यह सरकार का दायित्‍व है कि वह यह सुनिश्‍चत करे कि हमारे खिलाड़ी किसी भी समय हतोत्‍साहित महसूस न करें। खिल‍ाडियों को बढ़ावा देने की जगह उन पर शिकंजा कसने वाला कदम नहीं उठाया जाना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह का ट्वीट।

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बबीता फोगाट ने कहा-अगर टैक्स देते हैं तो हिस्सा क्यों

बबीता फोगाट।

महिला पहलवान बबीता फोगाट ने सरकार के इस अादेश पर आपत्ति जताई है। उन्‍होंने कहा कि हरियाणा सरकार को पता है कि एक खिलाड़ी कितनी मेहनत करता है। फिर वह कैसे एक खिलाड़ी से उसकी कमाई का एक तिहाई मांग सकती है। बबीता ने कहा, ' मैं इसका समर्थन नहीं करती हूं। सरकार को फैसला लेने से पहले हम से बात करनी चाहिए थी।' उन्‍होंने कहा, हमारे पास टैक्स कटकर पैसा आता है और सरकार ऐसा करेगी तो इससे खिलाड़ियों का हौसला गिरेगा।

बबीता ने ट्वीट कर कहा, मैं इस नोटिफिकेशनेस से सन्‍न रह गई। ऐसा लगता है कि अशिक्षित लोग न‍ीतियां बना रहे हैं। क्‍या वे नहीं जानते हैं कि हम प्रतियोगिताओं में जो धन जीतते हैं उस पर टैक्‍स देते हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम पदकों की दौड़ में पिछड़ जाएंगे।

I am saddened by notification. It seems as if illiterate people are making policies. Do they not know that we're already paying taxes on money we win in competitions. If this is how things are going to work the medal count will go down: Babita Phogat on Haryana Govt notification

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ओलंपियन सुशील कुमार ने कहा- सरकार आदेश की समीक्षा करे, खिलाडियों से हो बात   

हरियाणा सरकार के अादेश पर ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार ने सवाल उठाए हैं। उन्‍हाेंने कहा कि हरियाणा सरकार को इसकी समीक्षा करनी चाहिए। सरकार को ऐसी नीति बनाने और आदेश जारी करने से पहले वरिष्ठ खिलाड़ियों की एक कमिटी बनानी चाहिए थी। इस मामले पर खिलाडि़याें से बातचीत की जानी चाहिए। इस तरह के कदम से खिलाड़ियों के प्रदर्शन और उनके हौसले पर असर पड़ता है।


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