खरीदारों ने नियम तोड़े तो जमीन की दोबारा नीलामी करेगा HSVP, हरियाणा सरकार ने ई-नीलामी के नियमों में किया बदलाव
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) ने जमीन की ई-नीलामी के नियमों में बदलाव किया है जिसका उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना है। नियम तोड़ने पर बयाना राशि जब्त होगी और पुनः नीलामी 60 दिन में होगी। संपत्ति समर्पण पर शुल्क लगेगा जो 15% से 50% तक हो सकता है। भुगतान के लिए भी नए विकल्प दिए गए हैं। Chandigarh News के अनुसार इन बदलावों से आवंटन प्रक्रिया में सुधार आएगा।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने अपनी जमीन की ई-नीलामी के नियमों में बदलाव किया है। इसका उद्देश्य यह है कि मकान, दुकान, संस्थान और अलग-अलग कामर्शियल प्रापर्टी बांटने में पूरी पारदर्शिता और जिम्मेदारी बनी रहे। अब नियम तोडऩे वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा अधिसूचित नियमों के अनुसार अगर कोई भूखंड नियम तोडऩे की वजह से कैंसिल होता है, तो उसे 60 दिन के अंदर दोबारा नीलाम करना जरूरी होगा। अगर नई बोली पुरानी बोली से कम भी हो, तो भी प्रापर्टी उस को दी जाएगी, जिसने सबसे ज्यादा बोली लगाई। लेकिन, पुराने आवंटी की पूरी बयाना राशि जब्त कर ली जाएगी।
इसके अलावा कांप्लेक्स और माल खरीदने वालों को भी भुगतान में विकल्प दिए गए है। अगर कोई व्यक्ति नियम तोड़ता है, तो उसकी मूल बोली का 10 प्रतिशत या फिर पुरानी और नई बोली के बीच का फर्क, जो भी कम हो, वो जब्त कर लिया जाएगा। साथ ही, जमा की गई राशि पर कोई ब्याज भी नहीं मिलेगा।
नए नियमों के मुताबिक, अगर दोबारा नीलामी में ज्यादा कीमत मिलती है और नया बोली लगाने वाला पूरा पैसा जमा कर देता है, तो एचएसवीपी पहले बोली लगाने वाले की जमा राशि वापस कर देगा, लेकिन बयाना राशि को जब्त किया जाएगा।
संशोधित नीति के अनुसार पहले वर्ष के भीतर सरेंडर करने पर बोली राशि का 15 प्रतिशत ज़ब्त किया जाएगा, एक से दो वर्षों के बीच ऐसा करने पर यह राशि बढक़र 25 प्रतिशत हो जाएगी। दो से तीन वर्षों के बीच समर्पित की गई संपत्तियों पर 35 प्रतिशत की कटौती होगी, जबकि तीन वर्षों के बाद छोड़ी गई संपत्तियों पर आवंटन मूल्य का 50 प्रतिशत का भारी नुकसान होगा।
दस प्रतिशत अग्रिम राशि जमा करने के बाद आवंटियों को 30 दिनों के भीतर अतिरिक्त 15 प्रतिशत का भुगतान करना होगा। आवासीय और बूथ, कियोस्क और एससीओ जैसी छोटी व्यवसायिक संपत्तियों के मामले में शेष 75 प्रतिशत राशि 120 दिनों के भीतर चुकानी होगी।
ग्रुप हाउसिंग या मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट जैसी बड़े प्रोजेक्ट में शेष राशि के लिए 120 दिन दिए गए हैं, यह केवल तभी लागू होगा जब देय तिथि 13 मई, 2025 तक पेडिंग हो।
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