HSGPC Election Result: जगदीश झींडा गुट का दबदबा, बलदेव सिंह दादूवाल को मिली हार; निर्दलीय उम्मीदवारों का परचम
हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एचएसजीएमसी) के चुनाव में सरदार जगदीश सिंह झींडा गुट का दबदबा रहा। संत बलजीत सिंह दादूवाल हार गए जबकि दीदार सिंह नलवी कम वोटों से जीते। बलदेव सिंह कायमपुरी के गुट के कुछ सदस्य जीते। हरियाणा सिख एकता दल के पांच उम्मीदवार जीते। 70.73 प्रतिशत मतदान हुआ। दादूवाल की हार से सिख संगत हैरानी में हैं।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी (एचएसजीएमसी) के करीब 11 साल बाद हुए चुनाव में सिख नेता सरदार जगदीश सिंह झींडा गुट का दबदबा रहा। सिख नेता संत बलजीत सिंह दादूवाल इस चुनाव में हार गये, जबकि सरदार दीदार सिंह नलवी बहुत कम वोटों से चुनाव जीत पाए हैं।
सिख नेता बलदेव सिंह कायमपुरी ने हालांकि स्वयं चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन उनके गुट के कुछ सदस्यों ने ही हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के चुनाव में जीत दर्ज कराई है। हरियाणा सिख एकता दल ने राज्य के 40 वार्डों में हुए चुनाव में सात उम्मीदवारों को अपना समर्थन दिया था, जिसमें से पांच की जीत हुई है।
रविवार सुबह आठ बजे शुरू हुआ मतदान
बलजीत सिंह दादूवाल, दीदार सिंह नलवी और जगदीश सिंह झींडा अलग-अलग समय पर हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी (एचएसजीएमसी) के चुनाव में रविवार को सुबह आठ बजे मतदान आरंभ हुआ, जो कि पांच बजे तक चला।
राज्य के सभी 22 जिलों को 40 वार्डों में बांटा गया था। 40 सदस्यों के चुनाव के बाद इनमें से अध्यक्ष, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष और महासचिव समेत विभिन्न पदाधिकारियों का चयन किया जाएगा। अब से पहले शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के तहत हरियाणा से सदस्य चुने जाते थे।
भारी संख्या में सिख मतदाताओं ने किया मतदान
यह पहला मौका है, जब हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी का स्वतंत्र चुनाव हुआ है। हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के चुनाव में 70.73 प्रतिशत मतदान हुआ है।
सबसे ज्यादा 78.56 प्रतिशत मतदान डबवाली में हुआ, जबकि रतिया में 76.11 प्रतिशत वोट पड़े। रतनगढ़ में 74.2 प्रतिशत, कांगठली में 73.68, रानियां में 75.03 और नाथूसरी चौपटा में 76.73 प्रतिशत सिख मतदाताओं ने मतदान किया है। एचएसजीएमसी केचुनाव को लेकर राज्य के सिख मतदाताओं में खासा उत्साह देखने को मिला।
महिलाओं के साथ नवोदित युवा मतदाताओं ने इस चुनाव में अपने वोट के अधिकार का इस्तेमाल किया। एचएसजीएमसी के चुनाव में चार प्रमुख सिख नेताओं बलजीत सिंह दादूवाल, जगदीश सिंह झींडा, बलदेव सिंह कायमपुर और दीदार सिंह नलवी गुटों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी।
बलजीत सिंह दादूवाल की टीम ने शिरोमणि अकाली दल (हरियाणा) आजाद के बैनर तले चुनाव लड़ा, जबकि जगदीश सिंह झींडा की टीम ने पंथक दल (झींडा) के बैनर तले अपनी पसंद के उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा।
हैरानी में सिख संगत
बलदेव सिंह कायमपुरी की टीम ने हरियाणा सिख पंथक दल के बैनर तले ताल ठोंकी थी, जबकि सिख नेता दीदार सिंह नलवी के उम्मीदवार सिख समाज संस्था के प्रत्याशियों के रूप में ताल ठोंके हुए थे। कालावांली के वार्ड 35 से चुनाव लड़ने वाले संत बलजीत सिंह दादूवाल की हार पर सिख संगत हैरानी में है।
संत बलदेव सिंह दादूवाल की 1771 वोटों से हार हुई है, जबकि उन्हें कालांवाली के एडवोकेट बिंदर सिंह खालसा ने चुनाव कराया है, जिनकी उम्र सिर्फ 28 साल है।
खालसा को 4914 वोट मिले। जबकि संत बलजीत सिंह दादूवाल को 3147 वोट मिले। शाहबाद के वार्ड 13 से ताल ठोंक रहे दीदार सिंह नलवी 200 वोट से ही चुनाव जीत पाए हैं, जबकि असंध के वार्ड 18 से सरदार जगदीश सिंह झींडा पंथल दल झींडा के बैनर तले चुनाव जीते हैं।
पहली बार नोटा का प्रयोग
झींडा अपने अधिकतर उम्मीदवारों को चुनाव जिताने में कामयाब रहे हैं। हरियाणा सिख एकता दल के सदस्य प्रितपाल पन्नु के अनुसार उनके सात में से पांच उम्मीदवार चुनाव जीते हैं। इधर, बिलासपुर वार्ड 10 से बलदेव सिंह कायमपुर 247 वोट से चुनाव जीते। हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के चुनाव में पहली बार नोटा का प्रयोग भी हुआ है।
चुनाव ईवीएम के माध्यम से हुआ, लेकिन वीवीपैट का इस्तेमाल नहीं किया जा सका। 40 वार्ड में से सबसे ज्यादा सिरसा जिले में नौ वार्ड थे, जबकि 406 बूथों से 94 बूथ अकेले सिरसा में थे। चुनाव मैदान में 164 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला हुआ, जिसमें से 40 का चयन किया गया।
इनके अलावा नौ सदस्य नामित किए जाएंगे। इन 164 उम्मीदवारों में से सात महिला उम्मीदवार और 157 पुरुष उम्मीदवारों ने चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई। चुनाव में 1500 पुलिस कर्मचारी तैनात रहे।

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