Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Haryana Flood: बाढ़ में मौत और घर क्षतिग्रस्त होने पर कितना मिलेगा मुआवजा? CM नायब सैनी ने तय किए भरपाई के मानक

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 08:28 PM (IST)

    हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा किया और राहत कार्यों का जायजा लिया। सरकार किसानों को फसल नुकसान के लिए 15 हजार रुपये प्रति एकड़ तक मुआवजा देगी। जिनके घर क्षतिग्रस्त हुए हैं उन्हें भी मुआवजा दिया जाएगा। सरकार ने राहत कार्यों के लिए 3.26 करोड़ रुपये जारी किए हैं। ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल के माध्यम से किसान मुआवजे के लिए आवेदन कर सकते हैं।

    Hero Image
    बाढ़ प्रभावितों के दुख में शामिल हुए सीएम नायब सैनी। फोटो जागरण

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्राकृतिक आपदा से प्रभावित जिलों का दौरा करने के बाद कहा कि राज्य के लोग इस समय भारी बारिश और बाढ़ से पैदा हुई गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। हरियाणा सरकार पूरी संवेदनशीलता और तत्परता के साथ राहत कार्यों में जुटी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्होंने कहा कि प्रभावित किसी भी नागरिक को राहत से वंचित नहीं रहने दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने नुकसान के मानक तय करते हुए घोषणा की है कि प्रभावित किसानों को 15 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर तक खराब हुई फसल का मुआवजा मिलेगा तथा मकानों के नुकसान की भरपाई की जाएगी।

    जिन लोगों के पास घर नहीं बचे हैं, उनके लिए राहत शिविर लगाए जा रहे हैं। राहत उपायों के लिए तत्काल 3.26 करोड़ रुपये सरकार ने जारी कर दिए हैं।

    अंबाला, पंचकूला, हिसार, रोहतक, कुरुक्षेत्र, सिरसा और फतेहाबाद जिलों का दौरा कर चंडीगढ़ लौटे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बाढ़ और जलभराव से नागरिकों को हुई कठिनाइयों को कम करने के लिए राज्य सरकार ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल शुरू किया है।

    अब तक 5,217 गांवों के दो लाख 53 हजार 440 किसानों ने 14 लाख 91 हजार 130 एकड़ खराब हुई फसलों का पंजीकरण करवाया है। 15 सितंबर तक पोर्टल खुला रहेगा। तब तक किसान खराब हुई फसलों की पूरी जानकारी पोर्टल पर दे सकते हैं। राज्य सरकार उसके बाद मुआवजा वितरण का काम आरंभ करेगी।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन क्षेत्रों में हरे चारे की कमी हुई है, वहां सूखा चारा अन्य जिलों से मंगवाकर आपूर्ति की जाएगी। मकानों को हुए आंशिक या पूर्ण नुकसान का सर्वे कराकर उनकी भरपाई की जाएगी।

    जलभराव वाले क्षेत्रों में गिर गए अथवा आंशिक नुकसान वाले मकानों का हम एक सर्वे करवाकर मकानों के नुकसान की भरपाई करेंगे। हमने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में डाक्टरों की टीमें भेजकर उनकी चिकित्सा के व्यापक प्रबंध किए हैं।

    पंचायती जमीन पर काबिज लोगों को भी नुकसान का मुआवजा

    मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि जलभराव वाले क्षेत्रों में गिर गए अथवा आंशिक नुकसान वाले मकानों का सर्वे करवाया जाए। इसके अलावा, जो परिवार 20 वर्षों से पंचायती जमीन या इस प्रकार की अन्य जमीन पर काबिज हैं, उनके मकानों को भी यदि नुकसान हुआ है तो उनकी भी सूची तैयार की जाएगी और उन्हें भी आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।

    प्राकृतिक आपदा ने ली हरियाणा के 13 लोगों की जान

    मुख्यमंत्री ने दुख जताते हुए बताया कि मकान ढहने की घटनाओं में प्रदेश के 13 लोगों की जान चली गई। इनमें जिला फतेहाबाद में चार, भिवानी में तीन, कुरुक्षेत्र व यमुनानगर में दो-दो और हिसार व फरीदाबाद में एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। उनके परिजनों को चार लाख रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से 52 लाख रुपये की अनुग्रह सहायता दी गई है। इसके अलावा, घायलों को भी मदद के लिए 2 लाख रुपये प्रदान किए गए हैं।

    विधायक और मंत्री राहत कोष में देंगे एक माह का वेतन

    मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि अब तक बाढ़ प्रभावित इलाकों में 135 चिकित्सा शिविर लगाए जा चुके हैं और 376 शिविर अभी चल रहे हैं। जिलों को तत्काल राहत उपायों के लिए तीन करोड़ छह लाख रुपये आरक्षित निधि के रूप में दिए गए हैं। यदि किसी को अपना घर छोड़ना पड़े, तो राहत शिविर भी लगाए जाएंगे।

    उन्होंने कहा कि सभी मंत्री, विधायक और समर्थित विधायक एक महीने का वेतन बाढ़ राहत कोष में देंगे। साथ ही अधिकारियों और कर्मचारियों से भी राहत कोष में योगदान देने की अपील की गई है। सामाजिक संगठनों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों से भी सहयोग का अनुरोध किया गया है, ताकि प्रभावित लोगों तक समय पर सहायता पहुंचाई जा सके।

    जम्मू-कश्मीर और पंजाब के बाद हिमाचल को भी पांच करोड़

    मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा सरकार ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर और पंजाब को 5-5 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी थी। अब हिमाचल प्रदेश को भी 5 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 17 सितंबर से दो अक्टूबर तक सेवा पखवाड़ा मनाया जाएगा। इसके तहत विधायक, कार्यकर्ता और अधिकारी व्यापक जनकल्याण की गतिविधियों में हिस्सा लेंगे।

    हरियाणा सरकार पूरी तरह पंजाब के साथ

    पंजाब में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे से जुड़े सवाल पर नायब सैनी ने कहा कि पड़ोसी धर्म निभाना हमारा दायित्व है। हरियाणा सरकार और पार्टी की ओर से पंजाब को लगातार सहायता और राहत सामग्री भेजी जा रही है और साथ ही अन्य सहायता की आवश्यकता के लिए भी मैंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से कहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब हमारा भाई है और हरियाणा सरकार पूरी तरह से पंजाब के साथ खड़ी है।

    पीएम मोदी और कांग्रेस के युवराज में यही अंतर

    विपक्ष द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छा है कि विपक्ष के नेता बाहर निकले हैं, वरना पहले तो केवल ट्वीट कर ही अपनी जिम्मेदारी निभाते थे। कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि जब भी देश पर विपत्ति आती है, कांग्रेस का युवराज विदेश चला जाता है। इसके विपरीत प्रधानमंत्री मोदी जब भी देश में कहीं प्राकृतिक आपदा आती है तो अपने कार्यक्रम रद करके सीधे जनता के बीच पहुंचते हैं।

    बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए इस तरह मिलेगी मदद

    1. मृत्यु होने की स्थिति में - 4 लाख

    2. अंग हानि (40-60 प्रतिशत) - 74 हजार रुपये

    3. अंग हानि (60 प्रतिशत से अधिक) - 2 लाख 50 हजार रुपये

    4. क्षतिग्रस्त मकान के लिए (मैदानी क्षेत्र में) - 1 लाख 20 हजार रुपये

    5. क्षतिग्रस्त मकान के लिए (पहाड़ी क्षेत्र में) - 1 लाख 30 हजार रुपये

    6. आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त पक्के मकान के लिए (15 प्रतिशत) - 10 हजार रुपये

    7. आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कच्चे मकान के लिए (15 प्रतिशत) - 5 हजार रुपये

    8. गांव में दुकान, संस्थान व उद्योग 100 प्रतिशत हानि (1 लाख रुपये तक) - 1 लाख रुपये या वास्तविक हानि

    - 1 लाख रुपये से 2 लाख रुपये तक - 1.75 लाख रुपये

    - 2 लाख रुपये से 3 लाख रुपये तक - 2.35 लाख रुपये

    - 3 लाख रुपये से 4 लाख रुपये तक - 2.75 लाख रुपये

    - 4 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक - 3 लाख 5 हजार रुपये

    - 5 लाख रुपये से अधिक - 3 लाख 5 हजार रुपये 10 प्रतिशत

    9. फसल हानि सब्सिडी (प्रतिशतता के आधार पर) प्रति एकड़ - 7 हजार से 15 हजार रुपये तक

    10. दुधारू पशु हानि, भैंस, गाय, ऊंटनी आदि - 37 हजार 500 रुपये

    - भेड़, बकरी, सुअर - 4 हजार रुपये

    - दूध न देने वाले पशु ऊंट, घोड़ा, बैल आदि - 32 हजार रुपये

    - मुर्गी पालन - 10 हजार रुपये तक