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राम रहीम की गुफा के रहस्‍य खोलेगी हनीप्रीत, पुलिस जांच में खास फोकस

हरियाणा पुलिस की जांच के दायरे में गुरमीत राम रहीम की गुफा भी है। पुलिस को उम्‍मीद है कि हनीप्रीत से गुफा के रहस्‍य खोल सकती है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 13 Oct 2017 11:10 AM (IST)Updated: Fri, 13 Oct 2017 11:12 AM (IST)
राम रहीम की गुफा के रहस्‍य खोलेगी हनीप्रीत, पुलिस जांच में खास फोकस
राम रहीम की गुफा के रहस्‍य खोलेगी हनीप्रीत, पुलिस जांच में खास फोकस

जेएनएन, चंडीगढ़ / सिरसा। पुलिस गुरमीत राम रहीम की गोद ली बेटी हनीप्रीत से गुफा के राज जानने में जुटी है। पुलिस को यकीन है के गुफा के तिलिस्‍म से हनीप्रीत ही पर्दा उठा सकती है। गुफा के अंदरुनी दरवाजों पर लगे सेंसर के कोड बाबा के अलावा हनीप्रीत को ही मालूम था। हनीप्रीत को रिमांड आज खत्‍म हो रहा है और उसे आज ही अदालत में पेश किया जाएगा। संभावना जताई जा रही है कि पुलिस उसका फिर रिमांड शायद मांगे। वह उसे अब तक नौ दिन के रिमांड पर ले चुकी है।

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गुरमीत राम रहीम और हनीप्रीत के अलावा दो और नौकर गुफा में रहते थे। बाबा की मर्जी के बगैर वहां कोई नहीं होता था। डेरा सच्चा सौदा में बाबा की गुफा को 'तेरा वास' के नाम से जाना जाता है, जिसकी खिड़कियों के शीशे भी बुलेट प्रूफ हैं। कोई अजनबी गुफा में घुसे तो सेंसर बजते थे और दरवाजे नहीं खुलते।

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पुलिस यह जानने में जुटी है कि डेरा प्रमुख 25 अगस्त को जेल चला गया, उसका एक नौकर धर्म सिंह अंबाला जेल पहुंच गया और हनीप्रीत गायब थी तो ऐसे में सर्च ऑपरेशन से पहले हाईटेक गुफा के दरवाजे आखिर कैसे खुले। वहां से सामान काे भी हटाया गया था ताकि सर्च ऑपरेशन की हालत में कुछ हाथ न लगे।

पुलिस सूत्र बताते हैं कि ऐसे में हनीप्रीत ही अब संदेह के दायरे में है जो सेंसर युक्त दरवाजों के कोड जानती थी। बताया जा रहा है कि हनीप्रीत के फिंगर प्रिंट, कोड या फिर चेहरे को स्कैन करने के बाद दरवाजा खुलता था। ऐसे में शक है कि गुरमीत राम रहीम के जेल जाने के बाद हनीप्रीत डेरा सच्‍च्‍ाा सौदा आई थी। पुलिस इस दिशा में भी जांच कर रही है और हनीप्रीत से इस बारे में पूछताछ की है।

सर्च ऑपरेशन के दौरान कोर्ट कमिश्नर जब जांच के लिए सिरसा डेरा आए तो उन्होंने गुफा के सेंसर युक्त दरवाजे खुले पाए थे। यहां तक कि चप्पे-चप्पे पर लगे सीसीटीवी कैमरे भी गायब थे और कैमरों की हार्ड डिस्क नष्ट अवस्था में सिरसा पुलिस ने बरामद की। यह भी तब बरामद हुई जब आइटी हेड को सीसीटीवी फुटेज नष्ट करने के मामले में गिरफ्तार किया।

पुलिस मीडिया में आई उन रिपोर्ट के सहारे भी कड़ियों को जोड़ने में जुटी हुई है, जिसमें कहा गया था कि हनीप्रीत दो बड़े सूटकेस लेकर डेरे से निकली थी। पुलिस यह भी जानने में जुटी है कि हनीप्रीत जब डेरे में आई तो गुफा से सभी आवश्यक दस्तावेज व अकूत धन दौलत लेकर निकल गई। हालांकि पेंच यह भी है कि हनीप्रीत व गुरमीत राम रहीम के परिवार के जाने का समय अलग-अलग रहा है।

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हनीप्रीत द्वारा डेरे से सूटकेस निकालकर सिरसा के नेजिया गांव में छोड़ने का मामला सामने आया था और इसके बाद सिरसा पुलिस ने वहां से एक लैपटॉप व कुछ सामान बरामद किया था। इसकी तब वीडियोग्राफी भी करवाई गई थी।

हनीप्रीत ने राजस्थान में खरीदी थी 25 बीघा जमीन

जयपुर :  पुलिस जांच में हनीप्रीत द्वारा पिछले दो साल में राजस्थान के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ व बीकानेर में 25 बीघा जमीन खरीदे जाने की बात सामने आई है। राजस्व विभाग के आंकड़ों के अनुसार, उसने श्रीगंगानगर में 10 बीघा, हनुमानगढ़ में आठ बीघा और बीकानेर में सात बीघा जमीन पिछले दो साल में खरीदी। जमीन की रजिस्ट्री उसके नाम से ही हुई है।

डेरा प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद हनीप्रीत के हनुमानगढ़ जिला स्थित अपने भाई की ससुराल में रुकने की जानकारी सामने आने के बाद राजस्थान पुलिस ने कुछ लोगों से पूछताछ की। इसी पूछताछ में हनीप्रीत द्वारा जमीन खरीदे जाने की बात सामने आई। बाद में जमीन से जुड़े दस्तावेज उदयपुर से गिरफ्तार किए गए प्रदीप के पास मिले। उसे हनीप्रीत के काफी निकट माना जाता है।

राजस्थान में राम रहीम और हनीप्रीत से जुड़े सभी काम प्रदीप ही संभालता था। डेरा प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद पंचकूला में उपद्रव करने वाले लोगों को सभी निर्देश प्रदीप ही देर रहा था। वह उदयपुर जिले के आदिवासी क्षेत्र झाडोल से 100 आदिवासियों को पैसे देकर पंचकूला लेकर गया था।


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