मुरथल गैंगरेप मामले में जज पर बनाया जा रहा है दबाव: हाई कोर्ट
मुरथल गैंग रेप मामले में हाई कोर्ट ने कहा कि मामले में जज पर दबाव बनाया जा रहा है। हालांकि कोर्ट ने इस संबंध में कार्रवाई से इन्कार किया।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में गत वर्ष जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुए मुरथल गैंगरेप मामले की ट्रायल कोर्ट में चल रही सुनवाई करने वाली जज पर दबाव बनाने का मामला सामने आया। हाई कोर्ट ने कहा कि जज पर दबाव बनाया जा रहा है और यह स्थिति ठीक नहीं है।
हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को आश्वासन दिया कि वे प्रशासनिक स्तर पर जज से दबाव बनाने वाले का नाम पूछा जाएगा। मामले में सरकार कार्रवाई करने में पूरा सहयोग करेगी। हालांकि हाईकोर्ट ने ऐसी कोई भी कार्रवाई करने से इन्कार कर दिया। मंगलवार को सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने मुरथल गैंग रेप मामले में जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। इस पर हाई कोर्ट ने सुनवाई 16 मार्च तक टाल दी।
हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में कहा था कि सरकार और एसआइटी को आखिरी मौका दिया जा रहा है कि वे 28 फरवरी तक पीडि़त, आरोपी और गवाहों की पहचान करे। हरियाणा सरकार की ओर से एसआइटी की रिपोर्ट पेश की गई थी। रिपोर्ट में बताया गया कि अंत:वस्त्रों पर जो सीमन पाए गए थे उनका मिलान हिरासत में लिए गए पांचों आरोपियों के सीमन से नहींं हुआ था। कोर्ट मित्र अनुपम गुप्ता ने कहा कि चालान कहा गया है कि सरकार ने गैंगरेप की धारा एफआइआर से बाहर कर दी है।
हाईकोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि इस प्रकार कैसे गैंगरेप से इन्कार किया जा सकता है। सरकार ने कहा कि यह शाब्दिक गलती है। हाईकोर्ट ने आदेश दिए कि हरियाणा सरकार ट्रायल कोर्ट के सामने हलफनामा दाखिल कर स्पष्टीकरण दें कि पांच आरोपियों पर अपराध साबित नहींं हुआ है, न कि एफआइआर से रेप की धारा को हटाया गया है।
गैंगरेप नहीं हुआ तो क्यों सभी अधिकारी पहुंचे
गुप्ता ने कहा कि यदि मुरथल में गैंगरेप नहींं हुआ था तो आखिर क्या हुआ था। क्यों सभी आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे और उन्हें किसने कॉल करके बुलाया था। गुप्ता ने कहा कि उस रात मौजूद सभी अधिकारियों की फोन कॉल डिटेल मुझे मुहैया करवाई जाए। इसको जांचने के बाद पता चल जाएगा कि आखिर उस रात हुआ क्या था। आखिर ऐसी क्या जरूरत पड़ गई थी कि पुलिस के आला अधिकारी वाहनों को एस्कॉट कर वहां से बाहर लेकर जा रहे थे।
यह भी पढ़ें: पंचकूला में कोकीन सहित एक और नाइजीरियन नागरिक गिरफ्तार
जाट आरक्षण मामले में सुनवाई 16 मार्च तक स्थगित
हाई कोर्ट में आज जाट आरक्षण आंदोलन को लेकर भी सुनवाई ही। हाई कोर्ट में हरियाणा सरकार से पूछा कि आरक्षण आंदोलन करने वाले आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर की जांच को लेकर न्यायिक अधिकारियों की रिपोर्ट पर हरियाणा सरकार ने जवाब क्यों नहीं दाखिल किया है। इस पर हरियाणा सरकार ने समय दिए जाने की अपील की। हाई कोर्ट ने अपील पर सुनवाई 16 मार्च तक टाल दी
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।