हरियाणा में तीन साल में दौड़ेंगी हाई स्पीड ट्रेन
हरियाणा में दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-रेवाड़ी-अलवर कॉरिडोर के निर्माण की कवायद तेज हो गई है। राज्य में हाई स्पीड ट्रेन दौड़ने की अब तीन साल में उम्मीद है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में तीन साल के भीतर विभिन्न रूटों पर हाई स्पीड ट्रेन दौड़ती दिखेंगी। रेल यात्रियों को अत्याधुनिक यातायात सुविधाएं मुहैया कराने के लिए 50 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के तहत दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-रेवाड़ी-अलवर कॉरिडोर शुरू होने से लोगों को घंटों के जाम और भीड़भाड़ से तो मुक्ति मिलेगी ही, सफर भी आरामदायक और जल्द पूरा होगा।
हरियाणा में दोनों कॉरिडोर के प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने तेजी से काम शुरू कर दिया है। सब कुछ सामान्य रहा तो वर्ष 2020 तक पानीपत से दिल्ली जाने वाले दैनिक यात्रियों को यह सुविधा मिल जाएगी। इस योजना में हरियाणा और केंद्र सरकार के साथ विश्व बैंक भी बराबर का भागीदार होगा। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने भी हरियाणा दौरे के दौरान सर्वाधिक फोकस इन्हीं प्रोजेक्ट पर किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने एनसीआर ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन के माध्यम से रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम को विकसित करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। यह रेल आधारित हाई स्पीड प्वाइंट टू प्वाइंट कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट होगा जिसमें हर पांच से दस किलोमीटर की दूरी पर एक स्टेशन बनाया जाएगा।
एनसीआर क्षेत्र में कुल तीन कॉरिडोर बनाए जाएंगे जिनमें से दो का निर्माण हरियाणा और एक का निर्माण राजस्थान में होगा। पहले चरण में दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-गुरुग्राम-रेवाड़ी-अलवर कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। इन तीनों कॉरिडोर का केंद्र बिंदु दिल्ली होगा जहां इन्हें आपस में जोड़ा जाएगा। इससे इस कॉरिडोर से होकर गुजरने वाली हाई स्पीड ट्रेन पानीपत से लेकर अलवर तक आवागमन कर सकेगी।
प्रारंभिक दौर में ट्रेनों की स्पीड 160 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी और हर पांच से दस मिनट के भीतर ट्रेन का संचालन होगा। इस परियोजना को शहरी विकास मंत्रालय ट्रायल के रूप में ले रहा है। योजना को धरातल पर लागू करने के लिए सर्वे का काम शुरू हो चुका है।
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