हरियाणा में 500 छात्रों पर एक शिक्षक, हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब; अंबाला-फरीदाबाद में हालात गंभीर
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा में शिक्षकों की कमी पर सरकार से जवाब मांगा है। रिपोर्ट के अनुसार, कुछ जिलों में 500 छात्रों पर एक शिक्षक है, जिससे शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है। अंबाला, फरीदाबाद, सिरसा और यमुनानगर सबसे अधिक प्रभावित हैं। अंतर जिला स्थानांतरण नीति को इस असंतुलन का कारण माना जा रहा है। कोर्ट ने इसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज किया है।

हाईकोर्ट ने हरियाणा में शिक्षकों की कमी पर संज्ञान लेकर हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा में शिक्षकों की कमी पर संज्ञान लेकर हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने एक रिपोर्ट पर यह संज्ञान लिया।
रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा के कुछ जिलों में 500 छात्रों पर केवल एक शिक्षक कार्यरत है। इस गंभीर असंतुलन को देखते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इस मामले को जनहित याचिका के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया।
संज्ञान के अनुसार अंबाला, फरीदाबाद, सिरसा और यमुनानगर जैसे जिले इस कमी से सबसे अधिक प्रभावित हैं। अंबाला जिले की स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक बताई गई है। इस असंतुलन के लिए अंतर जिला स्थानांतरण नीति को मुख्य कारण बताया गया है।
कोर्ट ने अपने संज्ञान में कुछ जिलों की बारे में बताया कि यमुनानगर में स्वीकृत 1954 पदों में से 743 पद रिक्त है जबकि अंबाला में 450, पलवल में 405, सिरसा में 212, फरीदाबाद में 108, नूंह में 1693 पद रिक्त है। राज्य के 11 जिलों में शिक्षकों की संख्या स्वीकृत पदों से अधिक (सरप्लस) पाई गई है।
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