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    M3M Money Laundering Case: ट्रायल कोर्ट के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, 30 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

    Updated: Wed, 28 May 2025 03:40 PM (IST)

    पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एम3एम कंपनी (M3M Money Laundering Case) के निदेशक रूप कुमार बंसल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक को स्थगित कर दिया है। जस्टिस मंजरी नेहरू कौल की अदालत ने ईडी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। अदालत ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को निलंबित कर दिया।

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    मनी लान्ड्रिंग केस में ट्रायल कोर्ट के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एम3एम कंपनी के निदेशक रूप कुमार बंसल और अन्य के विरुद्ध चल रहे मनी लान्ड्रिंग मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा अभियोजन कार्यवाही पर लगाई गई रोक को फिलहाल स्थगन में रख दिया है।

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    यह आदेश जस्टिस मंजरी नेहरू कौल की एकलपीठ ने जारी किया, जिन्होंने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 30 जुलाई निर्धारित की है।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई उस रोक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया, जिसके तहत विशेष अदालत पंचकूला ने अभियोजन शिकायत की सुनवाई पर यह कहते हुए रोक लगा दी थी कि दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज एफआईआर जो कि एक अनुसूचित अपराध है, अभी जांच अधीन है और उसमें कोई चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है।

    ईडी की ओर से दलील दी कि ट्रायल कोर्ट ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर कार्य किया है क्योंकि न तो पीएमएलए अधिनियम और न ही सीआरपीसी ऐसा कोई परविधान प्रदान करते हैं, जिसके तहत आपराधिक कार्यवाही पर इस प्रकार की रोक लगाई जा सके। उनके अनुसार, यह आदेश विधि व्यवस्था के प्रतिकूल है और वैधानिक ढांचे से बाहर जाकर पारित किया गया है।

    ईडी ने दलील दी कि पीएमएलए की धारा 44 की व्याख्या स्पष्ट रूप से यह परविधान करती है कि मनी लान्ड्रिंग की कार्यवाही अनुसूचित अपराध की स्थिति की परवाह किए बिना आगे बढ़ सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि ट्रायल कोर्ट ने अपने ही पूर्व आदेश की अनदेखी की।

    ईडी की ओर से यह भी तर्क दिया गया कि कुल 32 अनुसूचित एफआईआर में से केवल एफआईआर संख्या 14 वर्तमान में जांच अधीन है। इस एफआईआर को न तो रद्द किया गया है, न उस पर कोई रोक लगी है और न ही उसमें आरोपमुक्ति हुई है।

    ऐसे में ट्रायल कोर्ट द्वारा यह मान लेना कि मामला केवल इसलिए लंबित है क्योंकि जांच जारी है। हाई कोर्ट ने सभी दलीलों पर विचार करते हुए ट्रायल कोर्ट के आदेश की कार्यवाही पर फिलहाल रोक लगा दी और स्पष्ट किया कि यह स्थिति अगली सुनवाई यानी 30 जुलाई 2025 तक बनी रहेगी।

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