हाई कोर्ट ने कहा- पति-पत्नी में झगड़ा होना आम बात, यह तलाक का नहीं आधार
हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता की तलाक की मांग खारिज करते हुए कहा कि यदि पति-पत्नी के बीच कभी-कभी विवाद होता है या छोटा-मोटा झगड़ा चलता रहता है। यह तलाक लेने का आधार नहीं हो सकता।
चंडीगढ़ [दयानंद शर्मा]। अपनी पत्नी से दुखी सिरसा जिले के एक व्यक्ति ने हाई कोर्ट से तलाक के लिए गुहार लगाई, लेकिन हाई कोर्ट ने उसकी मांग खारिज करते हुए कहा कि यदि पति व पत्नी के बीच कभी-कभी विवाद होता है या छोटा मोटा झगड़ा चलता रहता है तो यह तलाक लेने का आधार नहीं हो सकता।
याचिका दाखिल करते हुए एक व्यक्ति ने कहा कि वह अपनी पत्नी से बहुत तंग है। उसकी पत्नी उससे छोटी-छोटी बात पर लड़ाई करती रहती है। घर में अशांति का माहौल बना रखा है। वह अपनी पत्नी से अलग होना चाहता है, इस लिए उसको तलाक दिया जाए।
पति ने हाई कोर्ट को बताया कि उसने अपनी पत्नी से तलाक लेने के लिए फैमिली कोर्ट में भी याचिका दायर की थी, लेकिन मांग खारिज कर दी गई। याची ने बेंच को बताया कि जब से उसका विवाह हुआ है, उसकी पत्नी उसके परिवार वालों के प्रति नकारात्मक रवैया रखेे हुई है। उसे कई बार सार्वजनिक रूप से बेइज्जत कर चुकी है। इतना ही नहीं खुद ही झगड़ा करती है और मायके जाकर उसके खिलाफ घरेलू हिंसा व दहेज का केस दर्ज करा चुकी है। कुल मिलाकर उसकी पत्नी क्रूरता से भरी हुई है।
मामले की सुनवाई के दौरान पत्नी ने हाई कोर्ट को बताया कि उसका पति झूठ बोल रहा है। वह उससे दहेज मांगता है व तंग करता है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने कहा कि पति-पत्नी के बीच कभी-कभी विवाद होता है या छोटा मोटा झगड़ा चलता रहता है। यह कोई बड़ी बात नही हैं, यह एक सामान्य व आम घटना है। इस तरह की घटना को क्रूरता की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। हाई कोर्ट ने यह भी माना कि अगर पत्नी अपने पति के खिलाफ केस दर्ज करवाती है तो यह कोई क्रूर कदम नहीं है। इसी के साथ हाई कोर्ट ने पति की तलाक की मांग को खारिज कर दिया।
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