पंचकूला में वार्डों के सीमा से जुड़े मामले में हाई कोर्ट सख्त, नियमों के उल्लंघन पर सरकार को नोटिस जारी
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंचकूला नगर निगम में वार्डों के सीमांकन हेतु गठित समिति पर सवाल उठाए हैं। याचिकाकर्ताओं ने नियमों के उल्लंघन और समिति में एक ही दल के सदस्यों की अधिकता का आरोप लगाया है। कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है अगली सुनवाई 28 अक्टूबर 2025 को होगी। याचिकाकर्ताओं ने कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की है।

राज्य ब्यूरो, पंचकूला। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंचकूला नगर निगम में वार्डों के सीमांकन हेतु गठित अस्थायी समिति (एड-हॉक बाडी) पर सवाल खड़े किए हैं। जस्टिस एच एस सेठी और जस्टिस रमेश कुमारी की खंडपीठ ने इस मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
यह याचिका गौतम प्रसाद और एक अन्य ने दायर की है। याचिकाकर्ताओं की ओर यह कहते हुए चुनौती दी गई कि कि यह हरियाणा नगर निगम वार्ड सीमांकन नियम, 1994 का उल्लंघन है।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सरकार ने तय प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए सीधे तौर पर समिति में सदस्यों की नियुक्ति कर दी, उनका आरोप है कि यह कदम अधिकार क्षेत्र से बाहर है और लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व के सिद्धांत के विपरीत है।
याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि 9 सदस्यीय समिति में 6 सदस्य एक ही राजनीतिक दल से हैं, जिनमें सभी सहयोगी सदस्य भी शामिल हैं। इसे सीमांकन प्रक्रिया पर एकाधिकार की कोशिश बताया गया।
वहीं सोनीपत नगर निगम के मामले का उदाहरण देते हुए कहा गया कि वहां विपक्षी दल के सदस्य को भी शामिल किया गया था, जबकि पंचकूला में ऐसा नहीं किया गया।
प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने नोटिस जारी कर सरकार से जवाब मांगा और मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर 2025 को तय की। याचिकाकर्ताओं ने आदेश और समिति की कार्यवाही पर रोक लगाने की भी मांग की है, ताकि लोकतांत्रिक मानकों के खिलाफ नामांकन प्रक्रिया आगे न बढ़ सके।
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