Haryana News: हरियाणा में वकील ने छिपाया लाइसेंस निलंबन का तथ्य, हाई कोर्ट ने लगाया 15 हजार का जुर्माना
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक वकील पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया क्योंकि उसने जनहित याचिका में महत्वपूर्ण जानकारी छिपाई थी। वकील का लाइसेंस पहले से ही निलंबित था यह तथ्य न्यायालय से छुपाया गया। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने यह नहीं बताया कि उसका लाइसेंस पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल द्वारा निलंबित कर दिया गया था और उसकी याचिका भी खारिज हो चुकी है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक वकील पर 15 हजार रुपये जुर्माना लगाया है, जिसने जनहित याचिका दायर करते हुए महत्वपूर्ण तथ्य छुपाया था कि उसकी वकालत का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया था।
चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ता बेदाग नहीं है, क्योंकि उसने यह राजफाश नहीं किया कि एक वकील के रूप में उसका लाइसेंस पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल द्वारा 23 नवंबर 2022 के आदेश के तहत निलंबित कर दिया गया था, जो मामला अभी भी काउंसिल के समक्ष विचाराधीन है।
अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता यह बताने में भी विफल रहा कि निलंबन को चुनौती देने वाली उसकी याचिका को हाई कोर्ट ने 28 मई 2025 के आदेश के तहत अभियोजन के अभाव में खारिज कर दिया था।
सिमरनजीत सिंह, जो एक वकील हैं, ने जनहित याचिका दायर कर कथित सार्वजनिक मुद्दा उठाया था कि जालंधर में पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (पीएसपीसीएल) में भ्रष्टाचार हो रहा है और बकाएदारों से भारी मात्रा में धनराशि वसूल की जानी बाकी है।
पंजाब सरकार ने न्यायालय को अवगत कराया कि व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने वाले याचिकाकर्ता एक वकील हैं, जिनका लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है।
कोर्ट ने टिप्पणी की कि सच्चाई यह है कि याचिकाकर्ता को सभी महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में बताना चाहिए था। तथ्यों को दबा दिया और इसलिए, याचिका खारिज की जाती है।
हाई कोर्ट ने 15 हजार जुर्माना भी लगाया, जिसे एक सप्ताह में पंजाब राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण आपदा राहत कोष में जमा कराना होगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।