हे प्रशासन जाग...प्रसूता को चारपाई पर जाते देख अब तो मोरनी के रास्ते सुधार
मोरनी खंड के गांवों में बारिश के कारण सड़कें खराब हो गई हैं जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बालग पंचायत के खरोग गांव में एक प्रसूता को डिलीवरी के बाद चारपाई पर घर ले जाना पड़ा। ग्रामीणों ने सड़कों को दुरुस्त करने की मांग की है ताकि मरीजों को परेशानी न हो और आपात स्थिति में किसी की जान जोखिम में न पड़े।
संवाद सहयोगी, मोरनी। हरियाणा के आखिरी छोर पर पड़ते पहाड़ी क्षेत्र मोरनी को आज भी विकास की दरकार है। इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों की परेशानी से प्रशासन बेखबर है या जान बूझकर अनदेखा करता है। मूलभूत सुविधाओं के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाकर लोग थक जाते हैं।
इसी का उदाहरण है कि बालग पंचायत के तहत आने वाले गांव खरोग में वर्षा के कारण सड़क टूटी, लेकिन प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया। नतीजन न तो चार पहिया वाहनों का यहां से गुजरना बंद हो गया। ऐसे में एक प्रसूता को डिलीवरी के बाद मुख्य सड़क से गांव तक पहुंचाने के लिए ग्रामीणों को चारपाई का सहारा लेना पड़ा।
ग्रामीण पवन कुमार, धीरज, लच्छी राम, खेम राज, देव राज शर्मा, देवेंद्र, साहिल, पूजा और शम्मी ने बताया कि बारिश में टूटे इस रास्ते की मरम्मत नहीं कराई। माना कि अभी वर्षा के सीजन में सड़क नहीं बनाई जा सकती, लेकिन उसे ठीक तो कराने का फर्ज बनता है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा आम लोग भुगत रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि मरीजों और गर्भवती महिलाओं को सड़क तक पहुंचाने के लिए चारपाई का सहारा लिया जा रहा है। गांव की महिला शिवानी ने कुछ दिन पहले अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया। शुक्रवार को अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद महिला के लिए मुख्य सड़क से घर तक जाना एक अलग ही जोखिम था। रास्ता बंद होने के कारण परिजनों और ग्रामीणों ने उसे चारपाई पर उठाकर घर तक पहुंचाया। यह दृश्य दिल और दिमाग को झकझोरने वाला था लेकिन सुनने वाला कोई नहीं था।
मरीजों को चारपाई पर ले जाने का यह पहला मामला नहीं
लोगों का कहना है कि स्कूल और कालेज जाने वाले छात्रों के साथ ही नौकरीपेशा लोगों के लिए भी यह समस्या सिरदर्द बनी हुई है। ग्रामीणों को उनके वाहन भी गांव से दूर पार्क करने पड़ रहे हैं । चारपाई पर मरीजों को सड़क तक व घर तक पहुंचाने के मामले लगातार आ रहे हैं सामने–इलाके की दुर्गम पंचायतों के गांवों से मरीजों को चारपाई पर ले जाने का या मामला कोई नया नहीं है।
इससे पहले भी जब्याल पंचायत के गांव सनोई जहां सिजेरियन आपरेशन के बाद महिला को चारपाई पर घर पहुंचाया गया। दाबसू पंचायत के दुधला गांव से भी ऐसे ही मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन अब तक स्थिति जस की तस बनी हुई है। न तो कोई सड़क बनी और न ही रास्तों से मलबा उठाया गया।
ग्रामीणों ने कहा कि सरकार और प्रशासन केवल कागजों पर सुविधाओं के दावे करते हैं, जबकि वास्तव में ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से आज भी वंचित हैं। लोगों ने मांग की है कि प्रशासन तुरंत कदम उठाए और खरोग सहित ऐसे गांवों की की सड़क को दुरुस्त करे, ताकि आपात स्थिति में किसी की जान जोखिम में न पड़े।
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