हरियाणा में स्वास्थ्य विभाग का स्लम बच्चों के जन्म पंजीकरण के लिए अभियान शुरू, लिंगानुपात संकट पर सख्त निगरानी रखेगा CMO
स्वास्थ्य विभाग स्लम बस्तियों में रहने वाले बच्चों के जन्म पंजीकरण के लिए एक अभियान शुरू करेगा, जिसकी निगरानी सीएमओ करेंगे। अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने लिंगानुपात में कमी वाले जिलों के सीएमओ के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है। पिछले वर्ष की तुलना में लिंगानुपात में मामूली सुधार हुआ है, जो 905 से बढ़कर 909 हो गया है, लेकिन कई जिलों में स्थिति अभी भी खराब है।
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हरियाणा में स्वास्थ्य विभाग का स्लम बच्चों के जन्म पंजीकरण के लिए अभियान शुरू (प्रतीकात्मक फोटो)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्लम बस्तियों में रहने वाले बच्चों के जन्म के पंजीकरण के लिए मुहिम चलाई जाएगी। हर जिले में चलने वाली मुहिम की निगरानी मुख्य चिकित्सा अधिकारी खुद करेंगे।
यह निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में हुई स्पेशल टास्क फोर्स की बैठक में लिया गया। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने दो टूक कह दिया कि जिन जिलों में लिंगानुपात दर पिछले साल के मुकाबले कम हुआ है, उनके सीएमओ को इसके लिए सीधे जिम्मेदार मान कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव को जानकारी दी गई कि संतोषजनक कार्य न करने के कारण पिछले महीने एक फार्मासिस्ट को निलंबित कर दिया गया है और स्वास्थ्य विभाग के इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीसियन (ईएमटी) के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है।
बता दें कि गत वर्ष जहां एक जनवरी 2024 से आठ अक्तूबर 2024 तक लड़कियों का लिंगानुपात 905 था, वहीं इस वर्ष एक जनवरी 2025 से आठ अक्तूबर 2025 तक लिंगानुपात चार अंकों के सुधार के साथ 909 है। कई जिलों में स्थिति खराब बनी हुई है। बैठक में एनएचएम के एमडी डा.आर एस ढिल्लों, डीजीएचएस (विभागाध्यक्ष) डा. मनीष बंसल, डीजीएचएस कार्यालय के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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