हरियाणा जैसे समृद्ध प्रदेश में महिलाओं के शरीर में पोषक तत्वों की कमी चिंताजनक
Haryana Women Health प्रदेश की पिछली सरकार में महिला एवं बाल कल्याण मंत्री रहीं कविता जैन के रक्त की एक बार जांच हुई तो उनके रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा मानक से कम मिली थी जबकि वह उस समय मंत्री थीं।
पंचकूला, स्टेट ब्यूरो। Haryana Women Health हरियाणा की गणना देश के समृद्ध प्रदेशों में होती है। खेलों से लेकर सेना तक विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को देखते हुए सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि यहां की महिलाएं भी स्वस्थ एवं सबल हैं। ऐसा है भी, लेकिन यह सार्वभौमिक सत्य नहीं है। अर्धसत्य है। वास्तविकता यह है कि हरियाणा की महिलाएं बड़ी संख्या में कुपोषण से ग्रस्त हैं। इसलिए यदि भारतीय जनता पार्टी का महिला मोर्चा प्रधानमंत्री के जन्मदिवस पर महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच करने के लिए सात सितंबर से 17 सितंबर तक प्रदेश भर में स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कर रहा है तो यह उसका अच्छा प्रयास है।
वास्तव में हरियाणा की समृद्धि में महिलाओं का अप्रतिम योगदान है। एक ग्रामीण महिला भोर में उठकर पशुओं के लिए चारे का प्रबंध करती। दूध दुहती है। फिर नाश्ता-भोजन तैयार कर खेत में पहुंचती है। वहां भी पुरुषों का हाथ बंटाती है। इस भागदौड़ में उसे अपेक्षित भोजन और आवश्यक पौष्टिक तत्व नहीं मिल पाते। ऐसा नहीं कि उन्हें पौष्टिक भोजन करने पर प्रतिबंध है। वे स्वयं ही इसकी चिंता नहीं करतीं। घर में पुरुष सदस्यों के लिए, बच्चों के लिए तो वे यत्नपूर्वक भोजन तैयार करती हैं, लेकिन जब अपने भोजन की बारी आती है तो सब्जी नहीं बची हुई है तो अचार से ही काम चला लेती हैं। परिवार के सदस्यों के प्रति वे समर्पित होती हैं, लेकिन अपने लिए उनके अंतर्मन में उपेक्षा का ही भाव होता है। इसलिए उनके शरीर में आवश्यक पोषक पदार्थो का अभाव हो जाता है।
विशेष रूप से लौह तत्व का। इससे वे रक्ताल्पता से ग्रस्त हो जाती हैं। समृद्ध परिवारों की महिलाओं की भी जांच हो तो उनमें से अधिकांश रक्ताल्पता से ग्रस्त मिलेंगी। ऐसे अनेक उदाहरण मिल जाएंगे। इसलिए भारतीय जनता पार्टी का महिला मोर्चा जो कर रहा है, वह तो प्रशंसनीय है ही, प्रदेश सरकार को भी चाहिए कि वह एक बार सभी महिलाओं के रक्त की जांच कराए।