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    पतंजलि और आइटीसी को टक्कर देगा हरियाणा, हर जिले में खुलेगा हैफेड बाजार, रसोई का सामान मिलेगा

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Thu, 15 Jul 2021 05:03 PM (IST)

    हरियाणा पतंजलि व आइटीसी को टक्कर देने की तैयारी में है। हैफेड गुरुग्राम फरीदाबाद व सोनीपत सहित राज्य के हर जिले में हैफेड बाजार खोलेगा। इस बाजार में रसोई में प्रयुक्त होने वाली क्वालिटीयुक्त खाद्य सामग्री उपलब्ध होगी।

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    हैफेड हर जिले में खोलेगा हैफेड बाजार। सांकेतिक फोटो

    अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति और विपणन महासंघ (हैफेड) ने राज्य के हर जिले में अपने उत्पादों के आउटलेट खोलने का निर्णय लिया है। हरियाणा सरकार के इन आउटलेट्स पर रसोई में इस्तेमाल में होने वाली अधिकतर खाद्य वस्तुएं उपलब्ध रहेंगी। हैफेड ने आटा, तेल, हल्दी, शहद, बेसन, गुड़ और शक्कर की बिक्री के लिए राष्ट्रीय बाजार में आइटीसी व पतंजलि को टक्कर देने की योजना तैयार की है। इसके लिए हैफेड न केवल सस्ते दामों पर खाद्य वस्तुएं उपलब्ध कराएगा, बल्कि क्वालिटी से किसी तरह का समझौता नहीं करेगा। हैफेड ने अपने आउटलेट्स को हैफेड बाजार की संज्ञा दी है।

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    हैफेड के चेयरमैन कैलाश भगत ने जिला स्तरीय वितरकों की बैठक के बाद विभागीय अधिकारियों को राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाने की दिशा में गंभीरता से काम करने के निर्देश दिए हैं। हैफेड अभी तक गेहूं का आटा और सरसों का तेल ही मार्केट में बेचता रहा है। हैफेड के आटे की बिक्री मात्र छह हजार टन वार्षिक रही, जो उम्मीद से बहुत अधिक कम है। इस बिक्री को कई गुणा अधिक बढ़ाने के लक्ष्य के साथ हैफेड ने जल्द ही मल्टीग्रेन आटा और दो लीटर की सरसों के तेल की बोतल मार्केट में उतारने का निर्णय लिया है। मल्टीग्रेन आटे में 65 फीसद गेहूं और 35 फीसद अन्य मोटे अनाज होंगे। पहली बार किसी मल्टीग्रेन आने में श्यामा तुलसी के बीज डाले जाएंगे, ताकि लोगों की इम्युनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) में जबरदस्त बढ़ोतरी हो सके।

    हैफेड का मल्टीग्रेन आटा पांच और 10 किलो की पैकिंग में होगा। सरसों के संकट के बीच रेवाड़ी और नारनौल की तेल मिलें धीमी गति से चल पा रही थी, लेकिन चेयरमैन ने हर रोज की समीक्षा के बाद सरसों की उपलब्धता बढ़ाने तथा पेराई कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। करीब 13 हजार करोड़ के टर्नओवर वाले हैफेड ने पिछले साल 60 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है। कैलाश भगत ने कार्य योजना बनाई है कि भले ही हैफेड यानी सरकार का लाभ कम रहे, लेकिन हैफेड के उत्पाद बेचने वाले वितरकों की कमीशन में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। हैफेड आटा बेचने वाले अपने वितरकों को पांच से साढ़े पांच रुपये प्रति किलो का मार्जन देने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।

    कैलाश भगत के अनुसार सिरसा में दो और हिसार में एक आउटलेट खुल चुका है, जबकि कुरुक्षेत्र और करनाल में अगले एक पखवाड़े के भीतर दो आउटलेट चालू हो जाएंगे। हर जिले में खुलने वाले इन आउटलेट्स पर दलिया, पोहा, व्हीट ब्रान, गुड़, शक्कर, हर तरह की दालें, आटा, मल्टीग्रेन आटा, सरसों का तेल, सोयाबीन का तेल, रिफाइंड तेल, काटन सीड (बिनौले) का तेल, चावल, पोहा, बाजरे व ज्वार के बिस्किट प्रमुख रूप से उपलब्ध रहेंगे। चावल की बेहतरीन क्वालिटी इन स्टोर पर रखी जाएगी। बेसन, शहद और शहद से बनने वाली वस्तुएं तथा हल्दी भी हैफेड बाजार में खरीदी जा सकेगी।

    2150 का बाजरा हमने 1300 रुपये क्विंटल में बेचा

    हैफेड के चेयरमैन का मानना है कि इन आउटलेट्स पर और क्या वस्तुएं रखी जा सकती हैं, इन पर विचार चल रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल से वार्ता के बाद हैफेड इस नतीजे पर पहुंचा है कि हम क्वालिटी के मामले में किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे। हैफेड अपने उत्पादों के जरिए राष्ट्रीय बाजार में मजबूत पैठ बनाने का इरादा रखता है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि हरियाणा सरकार ने 2150 रुपये की एमएसपी पर करीब साढ़े सात लाख मीट्रिक टन बाजरा खरीदा। राष्ट्रीय बाजार में इसे 1057 रुपये क्विंटल में भी कोई खरीदने को तैयार नहीं था, लेकिन हमने बाजरा 1200 से 1550 रुपये क्विंटल में बेचा है। औसतन 1300 रुपये क्विंटल का हिसाब बनता है। किसानों के फायदे के लिए सरकार अपने स्तर पर किसी तरह का भी घाटा उठाने से नहीं चुकेगी।