Haryana Water Crisis: पंजाब ने रोका हरियाणा के हिस्से का साढ़े पांच हजार क्यूसिक पानी, मचा सियासी घमासान
पंजाब (Haryana Water Crisis) द्वारा भाखड़ा नहर से हरियाणा को दिए जाने वाले पानी में भारी कटौती की गई है जिससे हिसार फतेहाबाद जैसे जिलों में पेयजल संकट गहरा गया है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है। हरियाणा सरकार ने पंजाब से शर्तों के अनुसार पानी देने की मांग की है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। सतलुज-यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) पर वर्षों से कानूनी लड़ाई लड़ रहे पंजाब और हरियाणा अब भाखड़ा नहर के पानी को लेकर भिड़ गए हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने भाखड़ा नहर से हरियाणा को दिए जाने वाले पानी में आधे से ज्यादा की कटौती कर दी है। पिछले 15 दिन से हरियाणा को रोजाना साढ़े नौ हजार क्यूसिक पानी की जगह भाखड़ा नहर से सिर्फ चार हजार क्यूसिक पानी दिया जा रहा है।
इससे हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, रोहतक और महेंद्रगढ़ सहित विभिन्न जिलों में पेयजल संकट गहराने के साथ ही सिंचाई पानी की किल्लत हो गई है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने फोन पर मान से बात करने के बाद अब उन्हें चिट्ठी लिखकर पंजाब में अपनी राजनीति चमकाने के लिए तथ्यों को दरकिनार कर लोगों को भ्रमित करने का आरोप लगाया है।
सीएम भगवंत मान ने जारी किया वीडियो
हरियाणा को दिए जाने वाले पानी में साढ़े पांच हजार क्यूसिक की कटौती करने को लेकर भगवंत मान ने सात मिनट का एक वीडियो भी जारी किया है। उन्होंने कहा कि हमारे पास हरियाणा को देने के लिए एक बूंद भी ज्यादा पानी नहीं है। हरियाणा सरकार दो महीने पहले ही अपने कोटे का सारा पानी इस्तेमाल कर चुकी है। अगर केंद्र सरकार को जरूरत है तो पाकिस्तान जाने से जो पानी रोका है, वह पंजाब के डैम में भर दें। हम उसे आगे हरियाणा को दे देंगे।
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वहीं, पंजाब सरकार के इस फैसले पर हरियाणा सरकार ने कड़ी आपत्ति जताते हुए शर्तों के हिसाब से पानी देने को कहा है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भगवंत मान द्वारा जल वितरण के संबंध में दिए गए बयान को आश्चर्यजनक बताया।
उन्होंने कहा कि विगत 26 अप्रैल को उन्होंने स्वयं भगवंत मान को फोन पर बताया था कि बीबीएमबी की टेक्निकल कमेटी ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान को पानी छोड़ने का जो निर्णय 23 अप्रैल को लिया था, उसके क्रियान्वयन में पंजाब के अधिकारी आनाकानी कर रहे हैं। उस दिन मान साहब ने उन्हें स्पष्ट आश्वासन दिया था कि वे तुरंत अपने अधिकारियों को निर्देश देकर अगले दिन सुबह तक फैसले का क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे।
सीएम नायब सैनी सीएम मान के वीडियो से हुए हैरान
नायब सिंह सैनी ने कहा कि जब अगले दिन 27 अप्रैल को दोपहर दो बजे तक पंजाब के अधिकारियों ने कुछ नहीं किया और हरियाणा के अधिकारियों के फोन भी नहीं उठाए, तो उन्होंने खुद भगवंत मान को पत्र लिखकर इन तथ्यों से अवगत भी कराया था।
वे हैरान है कि 48 घंटे तक उनके पत्र का जवाब देने की बजाय मान ने एक वीडियो जारी करके पंजाब में अपनी राजनीति चमकाने के लिए तथ्यों को दरकिनार करते हुए देश की जनता को भ्रमित करने का प्रयास किया है।
1981 में हुआ था पानी का समझौता
केंद्र सरकार ने साल 1976 में पंजाब के 7.2 मिलियन एकड़ फीट (एमएएफ) पानी में से 3.5 एमएएफ पानी हरियाणा को देने नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके लिए सतलुज-यमुना को जोड़ने वाली एसवाईएल नहर परियोजना बनी। इस नहर का विरोध होने पर एसवाईएल का प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका। इसके बाद साल 1981 में पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बीच फिर जल समझौता हुआ।
वर्तमान में हरियाणा को पंजाब से लगभग 1.8 एमएएफ पानी मिल रहा है। यह पानी कई जिलों को पेयजल और सिंचाई के लिए उपलब्ध कराया जाता है। पानी सप्लाई में कटौती का सीधा असर हरियाणा के उन जिलों पर पड़ा है, जिन्हें भाखड़ा नहर से आने वाले पानी से ही आपूर्ति मिलती है। इससे पेयजल सप्लाई और सिंचाई प्रभावित हुई है।
किसी को प्यासा नहीं मारेंगे, इसलिए पानी सप्लाई नहीं रोकी: मान
भगवंत मान ने भाजपा जबरन दबाव बना रही है कि भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) के जरिये हरियाणा को ज्यादा पानी दो, जबकि हरियाणा अपने हिस्से का सारा पानी इस्तेमाल कर चुका है। पानी का जो हिसाब-किताब होता है, वह 21 मई से शुरू होकर अगले साल की 21 मई तक का होता है। इसमें कोटा फिक्स होता है कि एक साल में कितना पानी हरियाणा और कितना राजस्थान को देना है।
पहले कभी हिसाब-किताब रखा ही नहीं गया। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकारों में कोई चक्कर नहीं था। वह ज्यादा पानी इस्तेमाल कर लेते थे। सब आपस में मिले हुए थे। अब हमने अपना नहरी सिस्टम ठीक कर लिया है। एक बूंद भी पानी हमारे पास फालतू नहीं है। हम अब भी मानवता के आधार पर चार हजार क्यूसिक पीने लायक पानी दे रहे हैं।
हम किसी को प्यासा नहीं मार सकते। मैं भाजपा को कहना चाहता हूं कि जो वह कह रहे हैं कि पाकिस्तान का पानी रोक लिया है, उसे हमें दे दो। हमारे डैम भर दो, हम आगे दे देंगे। पिछले साल आज की तारीख में रणजीत सागर डैम में जितना पानी था, उससे आज 39 फीट कम है। पौंग डैम में पिछले साल के मुकाबले 24 फीट कम है। हम पानी कहां से दें?
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