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    हरियाणा में नशायुक्त युवाओं की पहचान के लिए होगी स्क्रीनिंग, सप्लाई चेन की कमर तोड़ने के लिए तैयार सरकार

    Updated: Mon, 27 Oct 2025 05:41 PM (IST)

    हरियाणा सरकार नशाखोरी के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है। नशाग्रस्त युवाओं की पहचान कर उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी, ताकि नशे की सप्लाई चेन को तोड़ा जा सके। सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाई जाएगी और अच्छा काम करने वाले पुलिस अधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने 75 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की समीक्षा की।

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    नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, सेवा और स्वास्थ्य विभाग मिलकर पड़ोसी राज्यों से लगती सीमा पर निगरानी बढ़ाएंगे (प्रतीकात्मक फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में नशे की सप्लाई चेन तोड़ने के लिए अब नशाग्रस्त युवाओं की स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके लिए हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो संबंधित संबंधित विभागों के साथ व्यापक अभियान चलाएगा।

    नशे की लत के शिकार युवाओं की स्क्रीनिंग कर पता लगाया जाएगा कि नशा कहां से और किन स्रोतों से लाया जा रहा है। इसके बाद नशे की सप्लाई चेन को पकड़कर नशा तस्करी पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकेगा।

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    मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को नशा मुक्त भारत अभियान योजना की समीक्षा बैठक में कहा कि हमें नशे की गिरफ्त में आए युवाओं को पुनः समाज की मुख्यधारा में जोड़ना है।

    जिन पुलिस थाना क्षेत्रों में नशे के विरुद्ध पुलिस अधिकारियों या कर्मचारियों द्वारा सराहनीय कार्य किया जा रहा है, उन्हें सम्मानित किया जाएगा। जहां लापरवाही या ढिलाई बरती जा रही है, वहां सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

    उन्होंने कहा कि नशा मुक्त घोषित गांवों का नियमित पुनर्मूल्यांकन किया जाए। पड़ोसी राज्यों के साथ लगती प्रदेश की सीमा क्षेत्रों में हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की ताकत बढ़ाई जाए। विशेषज्ञों को भी टीम में शामिल कर नशे की आपूर्ति पर प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित किया जाएगा।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, सेवा विभाग और स्वास्थ्य विभाग मिलकर नशे के खिलाफ संयुक्त अभियान की मुहिम को और तेज करें। सशक्त अभियान में पंचायतों की भी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें।

    अच्छा कार्य करने वाली पंचायतों और सरपंचों को सम्मानित किया जाए। इस दौरान मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, गृह सचिव डॉ. सुमित्रा मिश्रा, पर्यावरण सचिव विनीत गर्ग, अतिरिक्त मुख्य सचिव सेवा विभाग जी अनुपमा, अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा विभाग अपूर्व कुमार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग अनुराग अग्रवाल और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संजय कुमार ने नशा रोकने को लेकर कई अहम सुझाव दिए।

    मुख्यमंत्री ने स्टेट प्रगति पोर्टल पर 75 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली सात परियोजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अगली बैठक में उन विभागों के प्रतिनिधियों को भी बुलाया जाए, जिनकी परियोजनाएं अंतर-विभागीय मुद्दों के कारण समय पर पूर्ण नहीं हो पा रही हैं।

    इससे समस्याओं का तत्काल समाधान किया जा सकेगा। इस दौरान हिसार जिले में मिर्जापुर रोड से राष्ट्रीय राजमार्ग-9 को राष्ट्रीय राजमार्ग-52 से जोड़ने वाली चार लेन सड़क, बुढलाडा–रतिया–फतेहाबाद–भट्टू–भादरा सड़क निर्माण, घोगरीपुर से हरियाणा-दिल्ली सीमा तक दो लेन वाली रिलीफ रोड के निर्माण की समीक्षा की गई।

    साथ ही नोएडा से फरीदाबाद होते हुए गुरुग्राम तक मास्टर रोड के निर्माण, पश्चिमी फरीदाबाद से पूर्वी फरीदाबाद तक निर्बाध संपर्क प्रदान करने वाली दो लिंक सड़कों के निर्माण, गुरुग्राम में नए न्यायिक परिसर (टावर आफ जस्टिस) तथा फतेहाबाद सेक्टर-9 में 200 बिस्तरों वाले अस्पताल के निर्माण कार्यों की प्रगति पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी महत्वपूर्ण परियोजनाएं निर्धारित समय सीमा के भीतर पूर्ण की जाएं।