Haryana News: हरियाणा में 11वीं और 12वीं के पाठ्यक्रम में शामिल होगा योग, शिक्षा बोर्ड ने बनाई कमेटी
हरियाणा सरकार ने स्कूलों में ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के लिए योग को ऐच्छिक विषय के रूप में शामिल करने की तैयारी कर ली है। इसके लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने योग को पाठ्यक्रम में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। स्कूलों में ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा में योग को ऐच्छिक विषय के रूप में पढ़ाने की तैयारी है। योग को पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए प्रदेश सरकार ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी है।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक और हरियाणा योग आयोग के रजिस्ट्रार को कमेटी में सदस्य बनाया गया है।
हरियाणा योग आयोग के अध्यक्ष डॉ. जयदीप ने राज्य सरकार से योग को स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल करने का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए इसकी प्रक्रिया आरंभ कर दी है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक जितेंद्र कुमार ने कमेटी बनाने के आदेश जारी कर दिए हैं। निर्धारित अवधि के भीतर इस कमेटी को अपनी फाइनल रिपोर्ट विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध करानी होगी। पहली से दसवीं कक्षा तक योग को पाठ्यक्रम में अनिवार्य विषय के रूप में पहले ही शामिल किया जा चुका है।
857 योग सहायकों की होगी नियुक्ति
अब योग, खेल व अन्य विषयों को सम्मिलित करते हुए पाठ्यक्रम तैयार कर औपचारिक रूप से परीक्षाएं भी आयोजित की जाएंगी। इससे बच्चों को बचपन से ही योग को समझने और जीवन का हिस्सा बनाने की प्रेरणा मिलेगी। सरकारी स्कूलों में योग सिखाने का निर्णय भी लिया गया है। पीएम माडल संस्कृति और क्लस्टर स्कूलों में 857 योग सहायकों की नियुक्ति की जाएगी।
योग को ऐच्छिक विषय के रूप में शामिल करने के लिए प्रदेश सरकार ने बनाई राज्य स्तरीय कमेटी l हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी में एससीईआरटी के निदेशक और योग आयोग के रजिस्ट्रार होंगे सदस्य
योग प्रदर्शन के आधार पर होगी नियुक्ति
सभी सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के योग प्रदर्शन के मूल्यांकन के लिए क्रेडिट आधारित प्रणाली शुरू की जाएगी। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में योग को शैक्षणिक पाठ्यक्रम के रूप में लागू किया जाएगा।
इसके लिए एक समान योग पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विषयों को इस वर्ष से ही आयुष चिकित्सा प्रणाली के अंतर्गत मान्यता दी जाएगी। इन विषयों के चिकित्सकों का पंजीकरण भी किया जाएगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।