Gangster Mainpal Badli : कंबोडिया से डिपोर्ट हुआ हरियाणा का कुख्यात गैंगस्टर मेनपाल, STF ने किया गिरफ्तार
हरियाणा एसटीएफ ने कुख्यात गैंगस्टर मेनपाल उर्फ़ मेनपाल बादली/ढीला को कंबोडिया से डिपोर्ट कराकर गिरफ्तार किया। मेनपाल को तीन मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी लेकिन 2018 में परोल पर फरार हो गया था। उस पर हत्या डकैती जैसे 22 मामले दर्ज हैं। एसटीएफ की जांच में पता चला कि उसने सोनू कुमार के नाम से जाली पासपोर्ट बनवाया और कंबोडिया भाग गया था।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि कानून के शिकंजे से कोई अपराधी बच नहीं सकता। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए एसटीएफ ने झज्जर जिले के कुख्यात गैंगस्टर मेनपाल उर्फ़ मेनपाल बादली/ढीला को कंबोडिया से डिपोर्ट कर भारत लाकर गिरफ्तार कर लिया है।
यह वही अपराधी है जिसे अदालतों ने तीन अलग-अलग मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। लेकिन 2018 में हिसार जेल से परोल पर बाहर आने के बाद वह दोबारा जेल नहीं लौटा और फरार होकर विदेश भाग गया। तब से यह हरियाणा पुलिस के लिए सबसे वांछित अपराधियों में शामिल था।हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने एसटीएफ की इस उपलब्धि पर उन्हें अपनी शुभकामनाएं दी है।
अपराधों का काला इतिहास
मेनपाल पर हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, लूट और आपराधिक धमकी जैसे 22 गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। अदालतों ने 2007 और 2010 के तीन मामलों में उसे दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास और लाखों रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। उसकी गिरफ्तारी पर हरियाणा पुलिस ने ₹5 लाख का इनाम भी घोषित किया था।
जाली पासपोर्ट बनाकर विदेश भागा
एसटीएफ की जांच में खुलासा हुआ कि 2019 में उसने “सोनू कुमार” नाम से जाली दस्तावेज़ तैयार करवाए और गुरुग्राम पते पर पासपोर्ट हासिल किया। इसी पासपोर्ट के जरिए वह कोलकाता से बैंकॉक होते हुए कंबोडिया पहुँच गया। वहाँ उसने सिएम रीप इलाके में ठिकाना बनाया, डिस्को चलाने लगा और एक स्थानीय महिला से संबंध बनाकर परिवार तक बसा लिया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव
एसटीएफ हरियाणा ने उसकी लोकेशन और आपराधिक इतिहास की जानकारी इंटरपोल, विदेश मंत्रालय और सीबीआई मुख्यालय, नई दिल्ली के साथ साझा की। इसके बाद कंबोडियाई प्रशासन हरकत में आया और उसके प्रत्यर्पण पर सहमति बनी।
एसटीएफ की टीम ने किया ऑपरेशन
आईपीएस अधिकारी वसीम अख्तर के नेतृत्व में एक विशेष टीम कंबोडिया भेजी गई, जिसमें डीएसपी मदन सिंह और एसआई संदीप कुमार शामिल थे। इस टीम ने फ्नोम पेन्ह से अपराधी को हिरासत में लिया और 2 सितम्बर को भारत वापस लाया। दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचते ही एसटीएफ ने उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया।
हरियाणा पुलिस की बड़ी उपलब्धि
इस ऑपरेशन ने न केवल हरियाणा पुलिस की साख को और मजबूत किया है बल्कि यह संदेश भी दिया है कि अपराधी चाहे कितनी भी दूर भाग जाए, कानून के शिकंजे से बच नहीं सकता। डीजीपी हरियाणा श्री शत्रुजीत कपूर ने एसटीएफ टीम और सभी सहयोगी एजेंसियों की सराहना करते हुए कहा कि यह ऑपरेशन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुलिसिंग के क्षेत्र में बेहतरीन तालमेल और दृढ़ निश्चय का उदाहरण है। आईजीपी एसटीएफ श्री सतीश बालन, आईपीएस ने इसे टीमवर्क और अथक प्रयास का नतीजा बताया।
जनता से अपील
हरियाणा पुलिस ने जनता से आह्वान किया है कि वे अपराधियों और भगोड़ों की सूचना समय पर सांझा करें ताकि अपराध और अपराधियों का सफाया किया जा सके।
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