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    हरियाणा न्यूज: HSSC की भर्तियों में दूसरी लिस्ट का भी है प्रावधान? आयोग के चेयरमैन ने किया क्लियर

    Updated: Sat, 09 Aug 2025 11:25 AM (IST)

    हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने स्पष्ट किया है कि भर्तियों में दूसरी प्रतीक्षा सूची जारी करने का कोई नियम नहीं है। चेयरमैन हिम्मत सिंह ने बताया कि वर्ष 2019 की आईटीआई भर्ती में भी ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। कुछ अभ्यर्थियों द्वारा ज्ञापन सौंपने के बाद मुख्य सचिव कार्यालय ने निर्देश जारी किए थे जो पूर्ववर्ती नियमों के विरुद्ध हैं। मामला न्यायालय में लंबित है।

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    हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन हिम्मत सिंह (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, पंचकूला। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने कहा है कि आयोग की भर्तियों में दूसरी प्रतीक्षा सूची जारी करने का कोई प्रविधान नहीं है। उन्होंने कहा कि भर्ती नियमों में यह शामिल नहीं है, लेकिन कुछ लोग दूसरी प्रतीक्षा सूची जारी होने का भ्रम फैलाकर युवाओं को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं।

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    कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन हिम्मत सिंह ने कहा है कि वर्ष 2019 में आइटीआइ विभाग में विभिन्न पदों पर भर्ती हेतु विज्ञापन संख्या 12/2019 के अंतर्गत चयन प्रक्रिया आयोजित की गई थी। इस भर्ती के अंतिम परिणाम और प्रतीक्षा सूची आयोग द्वारा पहले ही जारी की जा चुकी थी।

    अभ्यर्थियों ने सरकार को सौंपा ज्ञापन

    इसके बावजूद, हाल ही में कुछ अभ्यर्थियों ने इस भर्ती में दूसरी प्रतीक्षा सूची जारी किए जाने की मांग करते हुए राज्य सरकार को ज्ञापन सौंपा है। इस पर कार्यवाही करते हुए मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा दिनांक 17 जनवरी 2025 को दूसरी प्रतीक्षा सूची जारी करने संबंधी निर्देश भी जारी कर दिए गए।

    हिम्मत सिंह के अनुसार यह निर्देश हरियाणा सरकार के पूर्ववर्ती आदेश पत्र संख्या 42/43/84-5 जीएसआइ दिनांक 20 जनवरी 1988 के प्रविधानों के विरुद्ध हैं, जिनके अनुसार किसी भी चयन प्रक्रिया की प्रतीक्षा सूची की वैधता अधिकतम एक वर्ष तक सीमित होती है।

    'दूसरी लिस्ट का कई वैधानिक आधार नहीं'

    एक वर्ष की अवधि के पश्चात कोई दूसरी प्रतीक्षा सूची जारी नहीं की जा सकती। इस मामले में कानूनी राय भी प्राप्त की गई, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि जब चयन परिणाम और प्रतीक्षा सूची पूर्व में ही जारी हो चुकी हो, तो उसके वर्षों बाद दूसरी प्रतीक्षा सूची जारी करने का कोई वैधानिक आधार नहीं बनता।

    चेयरमैन ने बताया कि उच्च न्यायालयों और सुप्रीम कोर्ट के अनेक निर्णयों में यह दोहराया गया है कि प्रतीक्षा सूची की वैधता सीमित समय तक होती है और अधिसूचना से बाहर की गई नियुक्तियां नियम विरुद्ध और अवैध मानी जाएंगी।

    इन तथ्यों के आलोक में यह स्पष्ट है कि आयोग द्वारा विज्ञापन संख्या 12/2019 के अंतर्गत आयोजित इस भर्ती में दूसरी प्रतीक्षा सूची जारी करने का कोई विधिसम्मत या प्रशासनिक औचित्य नहीं बनता।

    इस विषय को लेकर कुछ अभ्यर्थियों ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है और अब इस मामले में न्यायालय के निर्णय की प्रतीक्षा की जा रही है।