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    बिजली डिफॉल्टर उपभोक्ताओं पर नकेल कसने के लिए सख्त हुए अनिल विज, अब सरकारी आवासों पर लगाए जाएंगे स्मार्ट मीटर

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 08:35 PM (IST)

    हरियाणा सरकार जल्द ही सरकारी आवासों पर स्मार्ट मीटर लगाने के लिए टेंडर जारी करेगी। उपभोक्ताओं को प्रीपेड और पोस्टपेड विकल्प मिलेंगे। प्रदेश के बिजली डिफाल्टरों पर बकाया 7500 करोड़ रुपये की वसूली के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। गांवों में सोलर पावर हाउस स्थापित करने की योजना है जिससे गांव आत्मनिर्भर बनेंगे। बिजली बकाया से जुड़े न्यायालयों में लंबित मामलों पर तेज़ी से कार्यवाही की जाएगी।

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    मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों, सांसद-विधायकों और अधिकारियों के आवास पर लगेंगे स्मार्ट मीटर (प्रतीकात्मक फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों, सांसद-विधायकों और अधिकारियों के आवास पर स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। जल्द ही स्मार्ट मीटर लगाने के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे। सभी सोसायटी में भी प्रत्येक व्यक्ति को स्मार्ट मीटर देने पर विचार चल रहा है। स्मार्ट मीटर लगाने के दौरान उपभोक्ताओं को प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों विकल्प उपलब्ध कराए जाएंगे।

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    ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने बृहस्पतिवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के आवास पर स्मार्ट मीटर लगाने के बाद ही आम उपभोक्ताओं तक इस योजना को विस्तारित किया जाएगा। जिस तरह हर व्यक्ति प्रीपेड या पोस्टपेड मोबाइल का उपयोग करता है, उसी तरह बिजली मीटर में भी उपभोक्ता अपनी सुविधा के अनुसार विकल्प चुन सकेंगे।

    उन्होंने कहा कि प्रदेश के बिजली डिफॉल्टर उपभोक्ताओं पर लगभग 7500 करोड़ की बकाया राशि है। इस संबंध में अधीक्षण अभियंताओं एवं वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि बकाया राशि की शीघ्र वसूली सुनिश्चित की जाए। तीन माह के भीतर वसूली की प्रगति पर समीक्षा बैठक की जाएगी और बहुत जल्द इस विषय पर विस्तृत बैठक आयोजित कर अधिकारियों से रिपोर्ट ली जाएगी।

    विज ने बताया कि बिजली बकाया से जुड़े कई मामले न्यायालयों में भी लंबित हैं और इन पर तेजी से कार्रवाई के लिए विभाग को निर्देश दिए जा चुके हैं। सरकारी भवनों और संस्थानों में बकाया राशि के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकारी व अन्य सभी भवनों में बिजली की बकाया राशि की वसूली सख्ती से की जाएगी और भुगतान में आना-कानी होने पर कानून अनुसार कार्रवाई होगी।

    गांवों में सोलर पावर हाउस स्थापित करने के लिए भूमि चिन्हित कर ली गई है और इसे पायलट आधार पर शुरू किया जाएगा। हाल ही में उत्तर भारत के ऊर्जा मंत्रियों की बैठक में उन्होंने यह सुझाव रखा था, जिसे सभी मंत्रियों और अधिकारियों ने सराहा था।

    उन्होंने कहा कि यदि प्रत्येक गांव के लोड की गणना कर उतनी क्षमता का सोलर पावर हाउस स्थापित कर दिया जाए तो गांव आत्मनिर्भर बनेंगे और प्रदेश बिजली के क्षेत्र में सरप्लस हो सकेगा। अंबाला की एक पंचायत ने पहले ही अपनी भूमि पर सोलर पावर हाउस लगाने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार जल्द ही इस संबंध में ठोस योजना लाएगी।