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    हरियाणा में लिंगानुपात सुधरने के बावजूद पीछे रह गए ये 11 जिले, स्थिति खराब होने पर नपेंगे अधिकारी

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 05:02 PM (IST)

    हरियाणा में इस साल लिंगानुपात में सुधार हुआ है जो 907 तक पहुंच गया है हालांकि 11 जिलों में गिरावट दर्ज की गई है। सरकार इन जिलों के प्रदर्शन पर नजर रख रही है और सुधार के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। कैथल में अवैध एमटीपी किट बेचने के आरोप में एक फार्मासिस्ट को निलंबित कर दिया गया है।

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    लिंगानुपात सुधारने में विफल मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरियाणा सरकार के रडार पर

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में इस साल एक जनवरी से 22 सितंबर तक लिंगानुपात सुधरकर 907 हो गया है, जो पिछले वर्ष समान अवधि में 904 था। हालांकि लिंगानुपात को सुधारने में आधे हरियाणा यानी कि 11 जिलों की रिपोर्ट खराब है, जिसके चलते संबंधित मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) सरकार के रडार पर हैं। इनमें चरखी दादरी, करनाल, सिरसा, हिसार, अंबाला, यमुनानगर, सोनीपत, कैथल, महेंद्रगढ़, भिवानी और पलवल शामिल हैं।

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    स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई राज्य टास्क फोर्स (एसटीएफ) की बैठक में बताया गया कि कुछ जिलों की परफार्मेंस नकारात्मक सामने आई है। इन जिलों का प्रदर्शन अन्य की तुलना में न केवल कमजोर पाया गया है, बल्कि लिंगानुपात भी माइनस में है।

    स्वास्थ्य सचिव ने संबंधित जिलों के सीएमओ को चेतावनी दी है कि वे ठोस कार्ययोजना बनाकर जल्द सुधारात्मक कदम उठाएं। लिंगानुपात सुधारने के मामले में लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिन जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी परफॉर्मेंस नहीं दिखा रहे, उनके खिलाफ विभाग सख्त कार्रवाई करेगा। उन पर लगातार नजर रखी जा रही है।

    सुधीर राजपाल ने सभी सीएमओ को निर्देशित किया कि वे अपने जिलों में सक्रिय रहते हुए फील्ड स्तर पर निगरानी को और मजबूत करें। साथ ही मुख्यालय के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जिलों को पूरा सहयोग प्रदान करें और ठोस कदम उठाएं। इस दौरान कैथल के मामले पर भी चर्चा हुई, जिसमें एक सरकारी फार्मासिस्ट द्वारा अवैध रूप से एमटीपी किट बेचे जाने की शिकायत मिली थी।

    स्वास्थ्य सचिव ने सख्त रुख अपनाते हुए कैथल सीएमओ से कार्रवाई रिपोर्ट लेते हुए कहा कि फार्मासिस्ट को तत्काल निलंबित किया जाए और उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। पूरे प्रदेश में रिवर्स ट्रैकिंग की प्रक्रिया को और तेज किया जाए।

    स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अब तक 11 मामलों में कार्रवाई की जा चुकी है। बैठक में प्राइवेट चिकित्सकों पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी ली गई। इसके साथ ही जिन जिलों के एसएमओ और सीएमओ अपेक्षित परिणाम नहीं दे पा रहे हैं, उनके खिलाफ विभागीय स्तर पर सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए। इस दौरान महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डा. मनीष बंसल, डा कुलदीप सिंह और राज्य टास्क फोर्स के कन्वीनर डा. वीरेंद्र यादव ने भी अपनी बात रखी।