Haryana News: सरकारी स्कूलों में बच्चे सीखेंगे शतरंज की चाल, छात्रों का होगा मानसिक विकास
हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में शतरंज की प्रतियोगिताओं का आयोजन करने और बच्चों को रणनीतिक चालों का प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है। हर साल जुलाई के पहले शनिवार को शतरंज दिवस मनाया जाएगा जिसमें कक्षा स्तरीय शतरंज प्रतियोगिताएं होंगी। हरियाणा राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला राज्य है। अखिल भारतीय शतरंज फेडरेशन शतरंज को बढ़ावा देने के लिए सात करोड़ रुपये खर्च करेगा।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। सरकारी स्कूलों में बच्चों को न केवल शतरंज का खेल खिलाया जाएगा, बल्कि शतरंज के नियमों और रणनीतिक चालों से भी अवगत कराया जाएगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों के मानसिक विकास व उनकी निर्णय लेने की क्षमता में सुधार के लिए हरियाणा सरकार ने स्कूलों में शतरंज के खेल की प्रतियोगिताएं कराने तथा बच्चों को इसकी रणनीतिक चालों का प्रशिक्षण दिलाने का निर्णय लिया है। प्रदेश सरकार ने तय किया है कि हर साल जुलाई माह के पहले सप्ताह में पड़ने वाले शनिवार को शतरंज दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
इस साल जुलाई माह का पहला शनिवार पांच जुलाई को है। इस दिन राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में सभी कक्षाओं के लिए कक्षा स्तरीय शतरंज प्रतियोगिताएं आयोजित कराई जाएंगी। हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य है, जिसने सबसे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अपने यहां लागू किया है।
अखिल भारतीय शतरंज फेडरेशन के अध्यक्ष नितिन नारंग भी हरियाणा के करनाल शहर के रहने वाले हैं। उन्होंने हाल ही में देश के सात आयु वर्ग के प्रतिभावान 42 खिलाड़ियों को स्कॉलरशिप प्रदान की है। शतरंज के खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए करीब सात करोड़ रुपये की राशि खर्च करने का प्रविधान अखिल भारतीय शतरंज फेडरेशन ने किया है।
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