हरियाणा के स्कूलों में 2026 से शुरु होगा AI शिक्षा का नया अध्याय, कक्षा 9 से क्रिएटिव पाठ्यक्रम होगा लागू
हरियाणा सरकार अगले शिक्षा सत्र 2026 से स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की पढ़ाई शुरू करेगी। शिक्षा विभाग ने इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने की योजना बनाई है जिसकी शुरुआत कक्षा नौ से होगी। शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और पाठ्यक्रम में रचनात्मकता और समस्या-समाधान पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने समय पर कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार अगले शैक्षणिक सत्र 2026 से स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की पढ़ाई शुरू करने जी रही है। शिक्षा विभाग ने इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने की योजना बनाई है।
पहले चरण में एआई सिलेबस कक्षा नौ के विद्यार्थियों के लिए शुरू किया जाएगा। इसके बाद इसे क्रमशः कक्षा 10, 11 और 12 के विद्यार्थियों के लिए विस्तार दिया जाएगा। शिक्षा विभाग ने इस सिलेबस को लागू करने के लिए शिक्षकों की व्यापक ट्रेनिंग का खाका तैयार किया है।
करीब एक लाख शिक्षकों को चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें एआई की बुनियादी जानकारी, कक्षा में इसके उपयोग, प्रश्नपत्र डिजाइन करने और उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने की तकनीकों के बारे में बताया जाएगा।
2026 से स्कूलों में होगी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई
स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की पढ़ाई शुरू करने की कार्ययोजना पर सरकार ने अभी तक काम चालू कर दिया है। सिरसा जिले में 25 से 29 सितंबर तक जिला स्तरीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा।
इसे जिला प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) द्वारा संचालित किया जाएगा। इस शिविर में 50 शिक्षकों को एआई की बुनियादी अवधारणाओं और इसके शैक्षणिक उपयोग के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। हरियाणा राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीइआरटी) गुरुग्राम ने इसके लिए पांच दिन का प्रशिक्षण माड्यूल तैयार किया है।
इसमें एआई की मूल अवधारणाओं, प्रांप्ट इंजीनियरिंग, कक्षा अनुप्रयोग, मूल्यांकन और परीक्षा की तैयारी से जुड़ी जानकारी शामिल है। प्रत्येक जिले से दो मास्टर ट्रेनरों को पहले ही प्रशिक्षित किया जा चुका है। अब ये मास्टर ट्रेनर जिला स्तर पर अन्य शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार एआई सिलेबस पांच विषयों में 40 से 45 मिनट की अवधि में पढ़ाया जाएगा। इसका उद्देश्य छात्रों की रचनात्मकता, समस्या-समाधान कौशल और डिजिटल उपकरणों के उपयोग की क्षमता को बढ़ाना है।
उच्च शिक्षा और रोजगार के लिए जरूरी AI की पढ़ाई
शिक्षा विभाग का मानना है कि इस सिलेबस से छात्रों को उच्च शिक्षा और रोजगार के अवसरों में लाभ मिलेगा। अब तक स्कूलों में छात्रों को केवल बुनियादी डिजिटल कौशल जैसे ईमेल आइडी बनाना, ईमेल भेजना और फाइल डाउनलोड करना सिखाया जाता था।
अधिकारियों का कहना है कि एआई को पाठ्यक्रम में शामिल करने से छात्रों को अधिक व्यावहारिक और आधुनिक शिक्षा का अवसर मिलेगा। साथ ही शिक्षक भी स्लाइड, ग्राफिक्स, तालिकाएं और नोट्स बनाने जैसे नियमित कार्यों में अधिक कुशल हो सकेंगे।
हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा स्वयं इस योजना की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि संबंधित कार्य जल्द से जल्द पूरे किए जाएं, ताकि नए सत्र से एआई सिलेबस को समय पर लागू किया जा सके।
उनका मानना है कि एआई सिलेबस को शामिल करना छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित होगा। इससे न केवल शिक्षण प्रक्रिया में सुधार होगा, बल्कि छात्रों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने में भी मदद मिलेगी।
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