हरियाणा में बदल गया एजुकेशन पैटर्न, स्कूलों में छात्रों के लिए लागू हुआ त्रिभाषा फॉर्मूला; क्या होंगे नए विषय?
Haryana School News हरियाणा के स्कूलों में अब नौवीं कक्षा से त्रिभाषा फॉर्मूला लागू होगा। पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों को कुल सात विषय पढ़ाए जाएंगे। आगामी शैक्षणिक सत्र में नौवीं कक्षा में अंग्रेजी हिंदी अंक शास्त्र (गणित) विज्ञान तथा सामाजिक विज्ञान अनिवार्य विषय होंगे जबकि संस्कृत पंजाब व उर्दू भाषा में से किसी एक विषय को वैकल्पिक तौर पर चुनना होगा।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के स्कूलों में अब नौवीं कक्षा से त्रिभाषा फॉर्मूला लागू होगा। पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों को कुल सात विषय पढ़ाए जाएंगे। आगामी शैक्षणिक सत्र में नौवीं कक्षा में अंग्रेजी, हिंदी, अंक शास्त्र (गणित), विज्ञान तथा सामाजिक विज्ञान अनिवार्य विषय होंगे, जबकि संस्कृत, पंजाब व उर्दू भाषा में से किसी एक विषय को वैकल्पिक तौर पर चुनना होगा।
इसके साथ ही व्यावसायिक विषय, शारीरिक शिक्षा, ड्राइंग, संगीत में से भी किसी एक विषय चुनना होगा। उसके बाद 2026-27 से दसवीं कक्षा में भी त्रिभाषा फॉर्मूला लागू कर दिया जाएगा।
शिक्षा विभाग नई शिक्षा नीति-2020 को लागू करने में जुटा है। इसी के तहत शैक्षणिक सत्र 2025-26 के पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव पंकज अग्रवाल की ओर से पाठ्यक्रम में बदलाव के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
नए विषयों को लागू कराने के लिए तैयारियां शुरू
शैक्षणिक सत्र 2025-26 में विषय संयोजन नौवीं कक्षा में लागू होगा, जबकि आगामी शैक्षणिक सत्र 2026-27 से नौवीं व दसवीं कक्षा में त्रिभाषा फॉर्मूला लागू किया जाएगा। प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि आगामी शैक्षणिक सत्र से पाठ्यक्रम में शामिल नए विषयों को लागू कराने को लेकर तैयारियां शुरू करें।
हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) के राज्य प्रधान सतपाल सिन्धु ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि त्रिभाषा सूत्र को लागू करने की मांग लंबे समय से की जा रही थी।
अब शिक्षा विभाग ने इस बारे में पत्र जारी कर दिया है। इसके लिए हसला संगठन हरियाणा सरकार, शिक्षा मंत्री एवं निदेशक का धन्यवाद करता है और संस्कृत, पंजाबी एवं उर्दू विषय के सभी प्रवक्ता साथियों को बधाई देता है।
शिक्षाविदों से मांगे गए थे सुझाव
बता दें कि शिक्षा विभाग की ओर से नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए शिक्षाविदों से सुझाव मांगे गए हैं। शिक्षा नीति के साथ छात्रों को सीधे तौर पर जोड़ने के लिए विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में सुझाव पेटिका लगाने का फैसला लिया गया है। लिखित रूप से आने वाले सुझावों के आधार नई शिक्षा नीति को बेहतर बनाने के लिए नई रूपरेखा तैयार की जाएगी।
इसके साथ ही स्कूल, कालेज और विश्वविद्यालयों में सेमिनार आयोजित किए जाएंगे ताकि हर विद्यार्थी नई शिक्षा नीति को आसानी से समझ सके और जहां पर कठिनाई हो, उसको लेकर सुझाव भी दे सके।
नई शिक्षा नीति को लागू करने से पहले व्यापक प्रचार-प्रसार अभियान चलाया जा रहा है। ग्राम पंचायतों को भी नई शिक्षा नीति के साथ जोड़ा जा रहा है। प्रदेशभर में ज्यादा आबादी वाले गांवों को चिन्हित कर, उन गांवों में नई शिक्षा नीति पर व्यापक चर्चा होगी।
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