हरियाणा में जलभराव से निपटने के लिए सरकार की नई पहल, ग्रीन बेल्ट और वॉटर हार्वेस्टिंग से सड़कें होंगी स्मार्ट
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शहरों में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए नई पहल की है। गुरुग्राम फरीदाबाद समेत कई शहरों में नई सड़कों की ग्रीन बेल्ट सड़क से नीचे होगी और वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किए जाएंगे। पुरानी सड़कों के नवीनीकरण में भी यही नीति अपनाई जाएगी ताकि वर्षा जल का संचयन हो सके और जलभराव से मुक्ति मिले।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। वर्षा होने पर शहर की सड़कें तालाब नहीं बने, इसके लिए अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने खुद मोर्चा संभाला है। उन्होंने सभी नगर निगम और विकास एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, अंबाला, करनाल, पानीपत सहित अन्य शहरों में जो भी नई सड़क बने, उसकी ग्रीन बेल्ट सड़क से नीचे होनी चाहिए।
इसके अलावा प्रोजेक्ट में ही वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का भी सही प्रविधान हो, जिससे वर्षा का पानी सड़क पर नहीं जमा होकर ग्रीन बेल्ट में जाए और वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के जरिए रिचार्ज होकर धरा में चला जाए।
हार्वेस्टिंग पिट भी ढलान की ओर होने चाहिए। इसके अलावा ड्रेनेज सिस्टम को शहर के अनुरूप बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह प्रोजेक्ट के प्लान को देखने के बाद ही योजना को अंतिम रूप देने की अपनी सहमति देंगे। इसके लिए विभागीय अधिकारियों और मुख्य सचिव के साथ पहले बैठक होगी।
नई सड़क के अलावा पुरानी सड़कों का नव निर्माण करते वक्त भी ग्रीन बेल्ट की प्लानिंग नई सिरे से की जानी चाहिए। डिवाइडर को ही ग्रीन बेल्ट नहीं बनाने की जरूरत है। इस बार मानसून के दौरान प्रदेश में औसत वर्षा से 46 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई।
जिसके चलते लोगों को अधिक परेशानी उठानी पड़ी। लोग सड़कों पर कई घंटे तक जाम में फंसे रहे। गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत तथा अन्य शहरों में जल निकासी की व्यवस्था पर करोड़ों की रकम खर्च हुई, लेकिन वर्षा से जल निकासी प्रबंधन की पोल खोल दी।
प्रदेश सरकार की ओर से सरकारी एजेंसियों को हर जरूरत के लिए रकम देने के बाद भी वर्षा के समय व्यवस्था बेहतर नहीं दिखी। गुरुग्राम में तो प्रशासन को वर्क फ्राम होम करने की सुविधा देने के लिए कंपनी प्रबंधन को सलाह देनी पड़ी थी।
हालांकि यह कई सालों से हो रहा है। गुरुग्राम के दाैरे पर आने के बाद ही मुख्यमंत्री ने जलभराव रोकने के लिए नए निर्देश दिए थे। उन्होंने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम क्यों काम नहीं कर रहे, इसकी एक रिपोर्ट भी प्रशासन से मांग रखी है।
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