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    हरियाणा सरकार का बड़ा तोहफा, युवाओं को 5 लाख और शिक्षकों को 50 लाख तक शोध अनुदान

    Updated: Tue, 21 Oct 2025 04:33 PM (IST)

    हरियाणा सरकार ने युवाओं और शिक्षकों को शोध के लिए वित्तीय सहायता देने का फैसला किया है। विद्यार्थियों को प्रति प्रोजेक्ट पांच लाख और शिक्षकों को 50 लाख रुपये तक का अनुदान मिलेगा। हरियाणा ने 20 करोड़ रुपये का राज्य अनुसंधान कोष बनाया है। यह अनुदान कृषि, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में शोध के लिए दिया जाएगा। आवेदन ऑनलाइन करने होंगे।

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    हरियाणा राज्य अनुसंधान कोष से शिक्षकाें को 50 लाख रुपये तक दिया जाएगा अनुदान (फाइल फोटो)

    सुधीर तंवर, चंडीगढ़। हरियाणा के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे युवाओं और शिक्षकों को अब शोध-अनुसंधान के लिए पैसे की चिंता करने की जरूरत नहीं। राजकीय महाविद्यालय हो या सरकारी सहायता प्राप्त महाविद्यालय और निजी महाविद्यालय, विद्यार्थियों को प्रति प्रोजेक्ट पांच लाख रुपये तक का अनुदान सरकार देगी। इसी तरह शिक्षकों को प्रति प्रोजेक्ट 50 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा।

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    हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने महाविद्यालयों और विश्चविद्यालयों में शोध और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए 20 करोड़ रुपये का राज्य अनुसंधान कोष बनाया है। उच्चतर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की ओर से फंड के उपयोग को लेकर राज्य विश्वविद्यालयों के सभी कुलपतियों और महाविद्यालयों के प्राचार्यों को निर्देश जारी किए गए हैं।

    कृषि एवं ग्रामीण विकास, औद्योगिक नवाचार और उद्यमिता, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के उभरते क्षेत्र, आयुष, योग, निवारक स्वास्थ्य, कौशल विकास और रोजगार योग्यता, डिजिटल और तकनीकी शिक्षा, जलवायु परिवर्तन और स्थिरता तथा जल प्रबंधन, समावेशी और मूल्य-आधारित शिक्षा सहित अन्य क्षेत्रों में शोध कार्य किए जा सकेंगे।

    उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार 20 करोड़ रुपये में से 17 करोड़ रुपये शिक्षकाें के लिए रखे गए हैं, जबकि विद्यार्थियों के लिए दो करोड़ रहेंगे। एक करोड़ रुपये प्रशासनिक और निगरानी लागत के रूप में खर्च किए जाएंगे। हरियाणा राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद योजना के कार्यान्वयन, निगरानी और मूल्यांकन के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगी। योजना का उद्देश्य छात्रों द्वारा उच्च गुणवत्तापूर्ण, स्थानीय रूप से प्रासंगिक और बहु-विषयक अनुसंधान को बढ़ावा देना है।

    यह पहल चिन्हित क्षेत्रीय मुद्दों के व्यावहारिक, मापनीय समाधानों के विकास को प्रोत्साहित करेगी और राज्य विकास, स्थिरता और ज्ञान अर्थव्यवस्था के व्यापक उद्देश्यों का समर्थन करेगी। सामाजिक-आर्थिक प्रगति, नवाचार को बढ़ावा देने, स्थानीय चुनौतियों का समाधान करने तथा डेटा-आधारित नीति-निर्माण को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान वित्तपोषण अत्यंत महत्वपूर्ण है।

    आवेदन केवल एक समर्पित आनलाइन पोर्टल के माध्यम से आमंत्रित किए जाएंगे, जिसमें तीन हार्ड कापी जमा करनी होंगी। एक स्थायी समिति बनाई जाएगी जिसमें जरूरत के अनुसार विषय आधारित विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा।

    प्रासंगिकता, कार्यप्रणाली, व्यवहार्यता और पूर्व निर्धारित मानदंडों के आधार पर सभी प्रस्तावों की प्रारंभिक जांच की जाएगी। चुने गए आवेदकों को अधिकार प्राप्त समिति के समक्ष अपने परियोजना प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इस प्रस्तुति में विस्तृत चर्चा और स्पष्टीकरण का अवसर मिलेगा।