Pollution बना खतरा! धुएं की मोटी परत, आंखों में जलन और सीने पर बोझ, Haryana में लोगों की शिकायतें, ध्यान नहीं दिया तो बिगड़ेंगे हालात
हरियाणा में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से लोगों को धुएं की मोटी परत, आंखों में जलन और सीने पर बोझ जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है और लोगों ने सरकार से तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है। अगर ध्यान नहीं दिया गया तो हालात और भी बिगड़ सकते हैं।

जहरीली हवा से प्रभावित लोग कर रहे शिकायतें।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। दिल्ली-एनसीआर में जहरीली हवा से नाराज केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने हरियाणा के मुख्य सचिव को सख्त पत्र भेजकर चेतावनी दी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा है कि प्रदूषण से जुड़ी शिकायतों का समय पर निपटारा नहीं हो रहा है।
समय से इन शिकायतों का निपटारा नहीं किया गया तो हालात अधिक बिगड़ेंगे। बोर्ड ने अपने पत्र के साथ जो विस्तृत रिपोर्ट संलग्न की है, वह हरियाणा की निस्तारण एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है।
दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों जहरीली धुंध से हवा की गुणवत्ता पूरी तरह खराब हो चुकी है। आसमान में धुएं की मोटी परत, आंखों में जलन और सीने पर बोझ, ऐसे हालात में नागरिक लगातार शिकायतें दर्ज करा रहे हैं।
हरियाणा की सरकारी एजेंसियां इन शिकायतों पर कार्रवाई करने को तैयार नहीं हैं। समीर ऐप पर 15 अक्टूबर से पांच नवंबर के बीच कुल 32 शिकायतें मिली हैं। इनमें से केवल तीन का निपटारा हुआ है। 29 शिकायतें यानी 91 प्रतिशत अभी लंबित हैं।
गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय, सोनीपत और फरीदाबाद की नगर निगम इकाइयां इन शिकायतों को गंभीरता से नहीं ले रही हैं। हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के फरीदाबाद, गुरुग्राम और रोहतक के क्षेत्रीय कार्यालयों में तो एक भी शिकायत का समाधान नहीं किया गया है।
समीर ऐप के अलावा कुल 77 शिकायतें इंटरनेट मीडिया पर दर्ज कराई गई हैं, जिनमें से मात्र 28 निपटाई गईं और 49 यानी 64 प्रतिशत अभी तक लंबित हैं। गुरुग्राम नगर निगम ने सबसे अधिक 28 शिकायतों का निपटारा किया है, लेकिन बाकी विभागों का प्रदर्शन बहुत खराब रहा।
गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण, फरीदाबाद नगर निगम, शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के शिकायतों के निस्तारण के आंकड़े जीरो हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि हवा की गति धीमी होने और प्रदूषण बढ़ने की वजह से दिल्ली-एनसीआर पहले ही ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच चुका है। इसलिए देरी बेहद नुकसानदेह साबित होगी। सुप्रीम कोर्ट भी मामले पर कड़ी नज़र रखे हुए है।

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