हरियाणा कांग्रेस में बड़ा उलटफेर, राव नरेंद्र सिंह को मिली प्रदेश की कमान; भूपेंद्र हुड्डा बने नेता प्रतिपक्ष
हरियाणा कांग्रेस में बड़ा बदलाव हुआ है। मल्लिकार्जुन खरगे ने राव नरेंद्र सिंह को हरियाणा कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। वहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है। इस नियुक्ति से राज्य की राजनीति में नए समीकरण बनने की संभावना है। कांग्रेस पार्टी ने हरियाणा में संगठन को मजबूत करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा विधानसभा में विपक्ष के नेता होंगे। कांग्रेस हाईकमान ने विधानसभा चुनाव के नतीजों के करीब 11 माह बाद कांग्रेस विधायक दल के नेता पद पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा की नियुक्ति की है।
37 विधायकों वाली कांग्रेस विधायक दल के नेता ही विधानसभा में विपक्ष के नेता का दायित्व संभालेंगे। कांग्रेस विधायकों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर विधायक दल के नेता का नाम तय करने का फैसला कांग्रेस अध्यक्ष पर छोड़ा था।
इस दौरान कई विधायकों के नाम विपक्ष के नेता पद के लिए चले, लेकिन कई सर्वे, फीडबैक और रिपोर्ट के बाद कांग्रेस हाईकमान ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम कांग्रेस विधायक दल के नेता पद के लिए घोषित कर दिया। कांग्रेस हाई कमान ने पूर्व मंत्री राव नरेंद्र को हरियाणा कांग्रेस का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। करीब साढ़े साल के कार्यकाल के बाद मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान को इस जिम्मेदारी से अलग कर दिया गया है।
प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए राव नरेंद्र के अलावा राव दान सिंह और राव चिरंजीव के भी नाम चल रहे थे, लेकिन कुमारी सैलजा व रणदीप सुरजेवाला गुटों को शांत करने व उन्हें साथ लेकर चलने की रणनीति के तहत राव नरेंद्र की प्रदेश अध्यक्ष के पद पर नियुक्ति की गई है। राव नरेंद्र हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा खेमे के ही नेता हैं, लेकिन उन्होंने अपनी नियुक्ति से पहले सैलजा, बीरेंद्र सिंह और रणदीप सुरजेवाला का भरोसा जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
राव नरेंद्र 2009 में हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) के टिकट पर नारनौल से विधायक बने थे। बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए। हुड्डा सरकार के दूसरे कार्यकाल साल 2009 से 2014 तक राव नरेंद्र पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे। हुड्डा और राव की नियुक्तियां बिहार के पटना में बुधवार को हुई कांग्रेस कार्यसमिति से पहले होने की संभावना थी, लेकिन रविवार तक भी जब घोषणा नहीं हुई तो हुड्डा विरोधियों को लगा कि अब मामला लटक गया है।
सोमवार को कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने हुड्डा व राव की नियुक्तियों का परिपत्र जारी कर तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया। बाक्स सैलजा व सुरजेवाला का आशीर्वाद हुड्डा खेमे की रणनीति का हिस्सा अहीरवाल की नारनौल विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर कुलदीप बिश्नोई की हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) तोड़ने और हुड्डा सरकार में मंत्री बनने वाले राव नरेंद्र की राहुल गांधी तक पहुंच बताई जाती है।
उन्हें कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला का आशीर्वाद भी प्राप्त बताया जाता है, जबकि हुड्डा सरकार में मंत्री रहने की वजह से भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत उनके तत्कालीन सहयोगी मंत्रियों और विधायकों को भी राव के नाम पर ज्यादा आपत्ति नहीं हुई है।
राव नरेंद्र ने अपनी नियुक्ति से पहले कुमारी सैलजा का आशीर्वाद भी प्राप्त किया है। कांग्रेस के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि हुड्डा खेमे ने ही एक सोची समझी रणनीति के तहत राव नरेंद्र को सैलजा व सुरजेवाला खेमे का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भेजा था। हालांकि हुड्डा खेमे की प्रदेश अध्यक्ष के लिए पहली पसंद राव दान सिंह थे, लेकिन राव दान सिंह के अध्यक्ष नहीं बन पाने की स्थिति में राव नरेंद्र का नाम दिया गया था।
एक साल से विपक्ष के नेता की भूमिका में दिखते रहे हुड्डा कांग्रेस में चर्चा है कि स्वराज आंदोलन के प्रमुख नेता योगेंद्र यादव ने भी राव नरेंद्र के नाम की सिफारिश राहुल गांधी के समक्ष की थी। भूपेंद्र सिंह हुड्डा करीब 10 साल तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे और पिछले 10 वर्षों से भाजपा की सरकार में विपक्ष के नेता की भूमिका निभा रहे हैं।
तीसरी बार राज्य में भाजपा की सरकार बने एक साल होने वाला है, लेकिन विधानसभा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा अघोषित विपक्ष के नेता की भूमिका में ही नजर आए। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कई बार विधानसभा में तथा सार्वजनिक रूप से कहा कि हमारी नजर में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही विपक्ष के नेता हैं।
संवैधानिक पदों पर नियुक्तियों में हो रही देरी को खत्म करने के लिए भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा को विपक्ष के नेता के रूप में कांग्रेस हाईकमान ने बैठक में शामिल होने हेतु नामित किया था। बाक्स कार्यकारी अध्यक्षों का फार्मूला फिर लागू होने की संभावना कांग्रेस सूत्रों की मानें तो प्रदेशाध्यक्ष के बाद अब दो से तीन कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं, जिनकी घोषणा किसी भी समय हो सकती है।
हरियाणा कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष के पदों पर जितेंद्र भारद्वाज, अनिल सैनी और जयवीर वाल्मीकि की नियुक्तियां संभव हैं। चौधरी उदयभान के साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए थे। उस समय पूर्व सांसद श्रुति चौधरी भी कार्यकारी अध्यक्ष बनीं, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद श्रुति और उनकी माता किरण चौधरी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। फिलहाल कांग्रेस में रामकिशन गुर्जर, जितेंद्र कुमार भारद्वाज और सुरेश गुप्ता कार्यकारी अध्यक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। इसी तरह का संतुलन इस बार भी साधा जाएगा।
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