हरियाणा चुनाव: 'चोरी का इल्जाम लगाने वाले खुद जोड़-तोड़ के मास्टर', राहुल के 'व्यवस्था' वाले आरोप पर BJP का पलटवार
हरियाणा विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी के 'व्यवस्था' वाले बयान पर विवाद हो गया है। कांग्रेस इसे वोट चोरी बता रही है, जबकि भाजपा का कहना है कि 'व्यवस्था' का मतलब सरकार बनाने के लिए राजनीतिक दलों का सहयोग लेना है। भाजपा ने कहा कि हरियाणा में पहले भी जोड़-तोड़ की सरकारें बनती रही हैं, जिसमें कांग्रेस और इनेलो भी शामिल हैं।

भाजपा ने की राहुल गांधी के वोट चोरी से जुड़े 'व्यवस्था' शब्द की व्याख्या (फाइल फोटो)
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा हरियाणा के विधानसभा चुनाव में भाजपा पर लगाए गए वोटों की 'व्यवस्था' के आरोपों के बाद जबरदस्त बहस छिड़ गई है।
कांग्रेस ने इसे जहां वोट चाेरी से जोड़कर पेश किया है, वहीं भाजपा ने 'व्यवस्था' को लेकर तर्कों के साथ सफाई दी है। भाजपा की नजर में 'व्यवस्था' का मतलब चुनाव परिणाम के बाद जरूरत पड़ने पर सरकार बनाने के लिए राजनीतिक दलों का सहयोग लेने से है।
भाजपा ने इसे इंटरनेट मीडिया पर स्पष्ट कर राहुल गांधी के उन आरोपों को खारिज करने की कोशिश की, जिनमें राहुल गांधी दिल्ली में आयोजित प्रेस कांफ्रेेस में कह रहे हैं कि चुनाव जीतने के लिए भाजपा ने पहले से 'व्यवस्था' कर रखी थी।
राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की प्रेस कांफ्रेंस के एक अंश को मीडिया में दिखाया, जिसमें सैनी यह कहते हुए सुनाई और दिखाई दे रहे हैं कि आठ तारीख के बाद हरियाणा में भाजपा की सरकार बनेगी और उनके पास सारी 'व्यवस्थाएं' हैं।
राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री की इस प्रेस कांफ्रेंस को वोट चोरी से जोड़कर पेश किया। उन्हाेंने कहा कि भाजपा पहले से आश्वस्त थी कि यदि चुनाव नतीजे उनके अनुकूल नहीं आए तो इन्हें अनुकूल करने के लिए उसके पास पूरी 'व्यवस्था' है।
हरियाणा भाजपा ने राहुल गांधी के इस आरोप के जवाब में मुख्यमंत्री की प्रेस कांफ्रेंस की पूरी क्लिप इंटरनेट मीडिया पर साझा की जिसमें मीडिया में उनसे पूछा कि अगर हरियाणा में भाजपा को बहुमत नहीं मिला तो पार्टी की क्या रणनीति होगी।
इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि भाजपा पूर्ण बहुमत हासिल करेगी और राज्य में तीसरी बार सरकार बनाएगी। आठ तारीख के बाद सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा। फिर भी नतीजे अनुकूल नहीं रहे तो हमारे पास सारी 'व्यवस्थाएं' हैं।
भाजपा ने मुख्यमंत्री की बात को स्पष्ट करते हुए इंटरनेट मीडिया पर लिखा कि ''''व्यवस्था'''' का मतलब राजनीतिक दलों का सहयोग लेने से है ताकि उनके समर्थन से सरकार बनाई जा सके। 'व्यवस्था' का मतलब वोट चोरी से नहीं है।
हरियाणा में जोड़-तोड़ की सरकारें बनती रही हैं। कांग्रेस, भाजपा और इनेलो सबसे अधिक सत्ता में रहे हैं। तीनों दलों ने अलग-अलग समय पर जाेड़-तोड़ और राजनीतिक दलों के समर्थन की 'व्यवस्था' से सरकार बनाई है।
वर्ष 2019 में भाजपा ने जननायक जनता पार्टी के दस विधायकों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। 2014 में भाजपा को ही निर्दलीय विधायकों ने समर्थन दिया था, जिसके बाद सरकार बनी थी।
2009 में कांग्रेस की सरकार भी हरियाणा जनहित कांग्रेस में तोड़-फोड़ कर जोड़-तोड़ की राजनीति से चल पाई थी। कांग्रेस से पहले इनेलो ने भी भाजपा के सहयोग से प्रदेश में सरकारें बनाई थी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी जोड़-तोड़ और राजनीतिक समर्थन की इस 'व्यवस्था' को वोट चोरी से जोड़ रहे हैं, जबकि भाजपा की नजर में 'व्यवस्था' की परिभाषा राजनीतिक दलों और निर्दलीय विधायकों के सहयोग से सरकार बनाने की सोच बनाने पर आधारित है।

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