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    हरियाणा पुलिस का ऑपरेशन ट्रैकडाउन: पहले ही दिन 32 कुख्यात अपराधी गिरफ्तार, निशाने पर ये गैंगस्टर

    Updated: Fri, 07 Nov 2025 06:13 PM (IST)

    हरियाणा पुलिस ने 'ऑपरेशन ट्रैकडाउन' के पहले दिन 32 कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार किया। 20 नवंबर तक चलने वाले इस अभियान का लक्ष्य गोलीबारी, फिरौती और हत्या जैसे अपराधों में शामिल भगोड़ों को पकड़ना है। पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के अनुसार, एसएचओ और डीएसपी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

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    हरियाणा पुलिस का ऑपरेशन ट्रैकडाउन। फोटो डीजीपी एक्स

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा पुलिस ने बुधवार को शुरू हुए ऑपरेशन ट्रैकडाउन के पहले ही दिन 32 कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। 20 नवंबर तक पूरे प्रदेश में चलने वाले अभियान में गोलीबारी, फिरौती, अपहरण और हत्या जैसे गंभीर अपराधों में लिप्त भगोड़े अपराधियों को पकड़कर जेल भेजा जाएगा। इन कुख्यात अपराधियों के नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

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    हरियाणा के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के निर्देश पर ऑपरेशन का नेतृत्व आइजी क्राइम राकेश आर्य कर रहे हैं, जिन्होंने अपना व्यक्तिगत नंबर (90342 90495) जनता के लिए साझा किया है। कोई भी नागरिक गुप्त रूप से पुलिस को सूचना दे सकता है। चार कुख्यात बदमाशों की हिस्ट्रीशीट खोली गई है, ताकि उनके आपराधिक इतिहास को अपडेट करके भविष्य में उनकी जमानत रद कर गिरफ्तारी सुनिश्चित की जा सके।

    कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह द्वारा जारी आदेश के मुताबिक अभियान में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका एसएचओ और डीएसपी की रहेगी। हर थाना प्रभारी अपने क्षेत्र में सबसे कुख्यात पांच अपराधियों की पहचान कर इनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करेगा। प्रत्येक जिला और पुलिस जोन में सबसे कुख्यात 10 बदमाशों की सूची बनाई जाएगी, जिन पर कार्रवाई की जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस आयुक्त या पुलिस आयुक्त की होगी।

    राज्य स्तर पर एसटीएफ सबसे कुख्यात 20 अपराधियों की सूची बनाकर उनकी धरपकड़ के लिए छापामारी करेगा। आपरेशन में स्पष्ट किया गया है कि यदि अपराधी दोबारा वारदात करते हैं तो क्षेत्राधिकार वाले एसएचओ या डीएसपी को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाएगा यानी गिरफ्तारी के साथ-साथ रोकथाम को भी उतनी ही प्राथमिकता दी गई है।

    ऑपरेशन के तहत पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और चंडीगढ़ पुलिस के साथ समन्वय तेज किया गया है। सीमावर्ती जिलों में नाके लगाकर, संयुक्त छापेमारी और वारंट तामील जैसी कार्रवाई की जा रही है। इस तरह एक इंटरस्टेट नेटवर्क बनाया गया है जहां सूचनाओं का आदान-प्रदान और कस्टडी ट्रांसफर तुरंत हो सके।