NDPS मामलों में ढिलाई पर हाईकोर्ट ने हरियाणा पुलिस पर उठाए सवाल, DGP से मांगी रिपोर्ट
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एनडीपीएस मामलों की जांच में हरियाणा पुलिस की लापरवाही पर सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने डीजीपी को उन सभी मामलों की सूची पेश करने को कहा है जिनमें छह महीने से अधिक समय से आरोपी फरार हैं। कोर्ट ने जांच में ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ उठाए गए कदमों का ब्यौरा भी मांगा है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा पुलिस की एनडीपीएस मामलों में जांच की लापरवाही पर सख्त रुख अपनाते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक को आदेश दिया है कि वह राज्यभर में दर्ज उन सभी मामलों की विस्तृत सूची अदालत में पेश करें, जिनमें आरोपितों को छह माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी गिरफ्तार नहीं किया गया है।
जस्टिस एन एस शेखावत ने स्पष्ट किया कि डीजीपी द्वारा दाखिल हलफनामे में सभी एफआईआर का ब्यौरा, छह माह से अधिक समय से फरार आरोपितों के नाम, उनके खिलाफ की गई कार्रवाई, जांच अधिकारियों की लापरवाही पर उठाए गए कदम तथा क्या उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया, इसका पूरा विवरण होना चाहिए।
हाईकोर्ट ने यह भी पूछा है कि क्या ऐसे आरोपितों को भगोड़ा या उद्घोषित अपराधी घोषित करने की कार्रवाई शुरू की गई है और क्या उनकी चल-अचल संपत्ति जब्त करने हेतु अदालत में आवेदन दायर किया गया है।
जस्टिस शेखावत ने कहा, विभिन्न मामलों में यह अदालत देख चुकी है कि एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज मामलों की जांच पर कोई निगरानी नहीं है। यह गंभीर स्थिति है।
हाईकोर्ट ने यह निर्देश उस याचिका की सुनवाई के दौरान दिए गए, जिसमें मांग की गई थी कि फरवरी 6 को मंडी डबवाली थाना क्षेत्र में दर्ज एनडीपीएस केस की जांच स्थानीय पुलिस से हटाकर किसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपी जाए या निष्पक्ष जांच के आदेश दिए जाएं।
कोर्ट ने मामले की पृष्ठभूमि पर टिप्पणी करते हुए कहा कि याची 12 मामलों में शामिल है और वह आदतन अपराधी तथा कुख्यात ड्रग तस्कर है।
फिर भी, छह माह बीत जाने के बाद भी पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जो यह दर्शाता है कि स्थानीय पुलिस अधिकारी आरोपित के साथ मिलीभगत कर रहे हैं। हाई कोर्ट ने डीजीपी को यह हलफनामा 16 सितंबर को अगली सुनवाई से पहले रिकार्ड पर पेश करने के आदेश दिए।

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