हरियाणा फार्मेसी काउंसिल के चुनाव को लेकर मचेगा घमासान, 24 सितंबर को होगा चुनाव
हरियाणा में फार्मेसी काउंसिल के छह सदस्यों के निर्वाचन के लिए सात से 24 सितंबर तक चुनाव प्रक्रिया चलेगी। काउंसिल के साथ रजिस्टर्ड 49 हजार फार्मासिस्ट ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल में चल रहे विवाद के बीच इसके चुनाव की घोषणा कर दी गई है। फार्मेसी काउंसिल के छह सदस्यों के निर्वाचन के लिए करीब 29 हजार फार्मासिस्ट अपने वोट के अधिकार का इस्तेमाल करेंगे। किसी भी राज्य में मेडिकल काउंसिल, फार्मेसी काउंसिल, डेंटल काउंसिल और बार काउंसिल ऐसी चार बड़ी संस्थाएं होती हैं, जिनका जनता से सीधा कनेक्शन होता है। इन चारों संस्थाओं का प्रतिनिधित्व आल इंडिया काउंसिल फार टेक्निकल एजुकेशन (एआइइटी) में रहता है।
हरियाणा में सात सितंबर 24 सितंबर के बीच राज्य फार्मेसी काउंसिल के सदस्यों के चुनाव होंगे। प्रदेश के 49 हजार से अधिक फार्मासिस्ट हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल के साथ पंजीकृत हैं, लेकिन इनमें से 29 हजार 135 फार्मासिस्ट को वोट देने का अधिकार है।
फार्मेसी काउंसिल में छह सदस्य निवार्चित होते हैं और पांच सदस्य हरियाणा सरकार की ओर से मनोनीत किए जाते हैं। तीन गैर सरकारी सदस्यों का प्रतिनिधित्व भी इसमें रहता है। सदस्यों के निर्वाचन के बाद वह अपने बीच से किसी एक को प्रधान और एक उप प्रधान का चयन करते हैं, जिनका कार्यकाल पांच साल का होता है।
हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल का आखिरी बार चुनाव 2014 में हुआ था। धनेश अदलखा फिलहाल काउंसिल के चेयरमैन और सोहन लाल कंसल उप प्रधान हैं। विभिन्न राज्यों से डी-फार्मा व बी-फार्मा के फर्जी कोर्स कर फार्मेसी में रजिस्ट्रेशन कराने को लेकर पिछले काफी समय से विवाद चल रहा है।
अवैध पंजीकरण का मुखर होकर विरोध करने वाले अदलखा को हालांकि इस पूरे मामले में क्लीन चिट मिल चुकी है, जबकि सोहन लाल कंसल जेल की हवा खा चुके हैं। काउंसिल के छह सदस्यों के चुनाव के लिए 45 दावेदारों ने नामांकन किया था, जिनमें से दो ने अपने नाम वापस ले लिए हैं। अब 43 सदस्य काउंसिल सदस्य के चुनाव के लिए मैदान में हैं।
हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल के मौजूदा चेयरमैन धनेश अदलखा, मौजूदा उप प्रधान सोहन लाल कंसल, मौजूदा रजिस्ट्रार राजकुमार वर्मा और मौजूदा सदस्य रोहित जंडूजा चुनाव मैदान में हैं। अदलखा राज्य सरकार द्वारा नामित सदस्य हैं और उनका कार्यकाल 2024 तक है, लेकिन इसके बावजूद वह निर्वाचन प्रक्रिया के तहत चुनाव मैदान में हैं।
हरियाणा सरकार ने स्वास्थ्य निदेशक (डेंटल) डा. प्रवीण सेठी को रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त किया है। चुनाव अधिकारी की तरफ से सभी वोटर फार्मासिस्ट को डाक के जरिये बैलेट पेपर भेज दिए गए हैं। मतदाताओं को छह सदस्यों के निर्वाचन के लिए बैलेट पेपर पर अपनी पहली छह प्राथमिकताएं दर्ज करानी होंगी और 24 सितंबर से पहले-पहले बैलेट पेपर वापस फार्मेसी काउंसिल के पंचकूला मुख्यालय में रिटर्निंग अधिकारी के पास भेजना होगा।
चुनाव में धांधली रोकने का दिया सुझाव
एसोसिएशन आफ गवर्नमेंट फार्मासिस्ट हरियाणा के प्रधान विनोद दलाल ने इस चुनाव में धांधली की संभावना खत्म करने के लिए रिटर्निंग अधिकारी को कुछ सुझाव दिए हैं। उन्होंने आशंका जताई कि चुनाव लड़ने वाले लोग डाक विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से सेटिंग कर फार्मासिस्ट को भेजे जाने वाले बैलेट पेपर गायब करा सकते हैं।
यदि बैलेट पेपर फार्मासिस्ट के पास पहुंच भी गए तो जब वह अपनी प्राथमिकताएं बताने के बाद दोबारा उन्हें पोस्ट करते हैं, तब भी इन्हें खुर्दबुर्द कराया जा सकता है। ऐसे में रिटर्निंग अधिकारी की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह प्रत्येक फार्मासिस्ट मतदाता तक बैलेट पेपर पहुंचाना सुनिश्चित करें और उसे अपने पास मंगवाने की गारंटी तय करें। अन्यथा चुनाव में धांधली संभव है।

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