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    Haryana में डिजिटल सुधार का बड़ा उदाहरण, पेपरलेस रजिस्ट्री का बना Record, पढ़ें नई व्यवस्था के फायदे

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 01:19 PM (IST)

    हरियाणा में नई पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली के तहत 50,000 से अधिक संपत्ति पंजीकरण हुए। एफसीआर डाॅ. सुमिता मिश्रा के औचक निरीक्षण में डिजिटल सुधारों की अस ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, पंचकूला। हरियाणा में लागू नई पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली के तहत अब तक 50,000 से अधिक संपत्ति पंजीकरण सफलतापूर्वक पूरे किए जा चुके हैं। इसे राजस्व विभाग का अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल सुधार माना जा रहा है।

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    राजस्व एवं आपदा प्रबंधन वित्त आयुक्त (एफसीआर) डाॅ. सुमिता मिश्रा के पंचकूला तहसील कार्यालय में हुए औचक निरीक्षण ने न सिर्फ अधिकारियों की धड़कनें बढ़ा दीं, बल्कि जमीन से जुड़े सरकारी सुधारों की असल तस्वीर भी उजागर कर दी। हरियाणा की जमीन पंजीकरण व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव सामने आया है। दशकों से चली आ रही पारंपरिक और भ्रष्टाचार-ग्रस्त प्रणाली अब इतिहास बनने जा रही है।

    डाॅ. सुमिता मिश्रा ने स्पष्ट कहा कि आने वाले समय में सुरक्षा-युक्त कागज पर रजिस्ट्री अनिवार्य की जाएगी, जिससे जालसाजी और फर्जीवाड़े की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी। इतना ही नहीं, ऑटोमेटिक म्यूटेशन सिस्टम लागू होते ही रजिस्ट्री के तुरंत बाद जमीन का रिकाॅर्ड अपने आप अपडेट हो जाएगा।

    अब न दलालों की जरूरत, न महीनों की भागदौड़

    निरीक्षण के समय उपायुक्त सतपाल शर्मा, एडीसी निशा यादव, डीआरओ डा. कुलदीप, तहसीलदार सुरेश कुमार और नायब तहसीलदार हरदेव मौके पर मौजूद रहे। नई डिजिटल प्रणाली की प्रगति से संतुष्ट एफसीआर ने अधिकारियों की सराहना की, लेकिन सख्त निर्देश भी दिए कि आवेदकों को मौके पर ही ई-हस्ताक्षरित प्रतियां उपलब्ध कराई जाएं, ताकि आम नागरिकों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें।

    हेल्प डेस्क स्थापित, शिकायतें और सुझाव दर्ज कराएं

    डाॅ. मिश्रा ने बताया कि सभी तहसील कार्यालयों में समर्पित हेल्प डेस्क स्थापित कर दी गई हैं, जहां आम लोग अपनी शिकायतें और सुझाव दर्ज करा सकते हैं। सभी उपायुक्तों को इन हेल्प डेस्क की नियमित रिपोर्ट भेजने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। एफसीआर ने उपायुक्त कार्यालय में चल रहे एग्रीस्टैक प्रशिक्षण की भी समीक्षा की।

    1.38 करोड़ किसानों का पंजीकरण किया जाएगा

    उन्होंने स्पष्ट किया कि ओटीपी आधारित आधार प्रमाणीकरण के जरिए प्रदेश के 1.38 करोड़ किसानों का पंजीकरण किया जाएगा, जिससे पीएम-किसान सहित कई योजनाओं का लाभ सीधे किसानों तक पहुंचे। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि लक्ष्य समय पर पूरा होना चाहिए, कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी। डाॅ. सुमिता मिश्रा ने साफ किया कि यह निरीक्षण केवल औपचारिकता नहीं था, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए था कि सरकारी सुधार फाइलों में नहीं, जमीन पर नजर आएं।