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    Haryana Panchayat Election: परिजन बकायेदार तो भी महिलाएं कर सकेंगी पंचायत चुनाव में नामांकन

    Haryana Panchayat Election हरियाणा में पंचायत चुनाव वह महिलाएं भी लड़ सकेंगी जिनके पारिवारिक सदस्य बिजली निगमों के बकायेदार है। चुनाव आयोग ने आदेश जारी कर दिए हैं। हालांकि विधि विभाग की रिपोर्ट पर अंतिम फैसला निर्भर करेगा।

    By Jagran NewsEdited By: Kamlesh BhattUpdated: Sat, 15 Oct 2022 06:58 PM (IST)
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    हरियाणा पंचायत चुनाव में परिवार बकायेदार तो भी महिलाएं लड़ सकेंगी चुनाव। सांकेतिक फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Haryana Panchayat Election: पंचायत चुनाव में हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग ने उन महिलाओं को भी नामांकन पत्र दाखिल करने की छूट दे दी है जिनके पारिवारिक सदस्य बिजली निगमों अथवा अन्य विभागों के बकायेदार (डिफाल्टर) हैं। आयोग ने यह निर्णय सेल्फी विद डाटर के संस्थापक सुनील जागलान की शिकायत पर लिया है। शनिवार को चुनाव आयोग ने राज्य के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए।

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    हालांकि चुनाव आयोग ने विधि विभाग से भी इस संबंध में राय मांगी है। विधि विभाग की रिपोर्ट पर ही अंतिम फैसला निर्भर करेगा। सेल्फी विद डाटर फाउंडेशन द्वारा प्रदेश में पांच महिला उम्मीदवारों को पंचायत चुनाव के लिए तैयार किया गया है। इनमें भिवानी की पिंकी को उनके ससुर के नाम से बकाया पड़े बिजली बिल के कारण एसडीओ ने अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) देने से इन्कार कर दिया था।

    फाउंडेशन के संयोजक एवं बीबीपुर के पूर्व सरपंच सुनील जागलान ने इसे चुनौती देते हुए तर्क दिया कि यह पंचायती राज एक्ट के अनुच्छेद-175 की अवमानना है। एक्ट में साफ तौर पर बिजली विभाग या बकाया लोन से जुड़ी एनओसी संबंधित हिदायत सिर्फ उम्मीदवार के लिए है, न कि पूरे परिवार के लिए। बिल व लोन वसूलने के लिए महिला अधिकारों का हनन किया जा रहा है। जब उम्मीदवार के नाम पर बिजली मीटर या लोन नहीं है तो उस समय विभाग व बैंकों को उम्मीदवार को नियमानुसार एनओसी देनी चाहिए।

    जागलान ने मामले को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय, राज्य महिला आयोग, विकास एवं पंचायत विभाग के निदेशक, राष्ट्रीय महिला आयोग, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, राज्य चुनाव आयोग व केंद्रीय चुनाव आयोग तथा मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखा है। इस पर संज्ञान लेते हुए हरियाणा के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श किया।

    इस मामले में कानूनी राय के बाद उन महिलाओं को नामांकन का अधिकार दे दिया गया, जिनके पति अथवा ससुर किसी भी विभाग के डिफाल्टर हैं। चुनाव आयुक्त द्वारा इस संबंध में शिकायतकर्ता सुनील जागलान को भी सूचित किया गया है। आयोग ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को पत्र भेजकर परिजनों के डिफाल्टर होने के बावजूद महिलाओं के नामांकन स्वीकार करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।