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    जातिगत जनगणना से पहले हरियाणा में नहीं बनेंगे नए जिले, आखिर क्यों अटक गया ये काम?

    Updated: Sun, 08 Jun 2025 07:59 PM (IST)

    हरियाणा में नए जिलों के गठन की प्रक्रिया जातिगत जनगणना और परिसीमन के कारण बाधित हो सकती है। कैबिनेट सब कमेटी ने 15 जून को अंतिम बैठक बुलाई है जिसके बाद वह अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी। असंध गोहाना डबवाली हांसी जैसे क्षेत्रों को नया जिला बनाने की मांग की जा रही है लेकिन केंद्र सरकार की नीति के कारण प्रक्रिया रुक सकती है।

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    जातिगत जनगणना से पहले नहीं बनेंगे हरियाणा में नये जिले

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में नये जिलों के गठन की प्रक्रिया फिर बाधित हो सकती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि हरियाणा समेत पूरे देश में जाति आधारित जनगणना होनी है। उसके बाद परिसीमन शुरू हो जाएगा, जिसमें लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों की संख्या बढ़ना तय है।

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    ऐसे में नये जिलों के गठन पर फैसला लेने वाली कैबिनेट सब कमेटी ने तय किया है कि अभी नये जिलों के गठन पर फैसला लेना जल्दबाजी होगी। कैबिनेट सब कमेटी की 15 जून को अंतिम बैठक है। उसके बाद कैबिनेट सब कमेटी का कार्यकाल पूरा हो जाएगा।

    इस बैठक के बाद कैबिनेट सब कमेटी अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी और नये जिलों के गठन का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला जाएगा। हरियाणा में इस समय 22 जिले हैं। असंध, गोहाना, डबवाली, हांसी, मानेसर और सफीदों को नया जिला बनाने की मांग की जा रही है। इनमें से गोहाना, असंध, डबवाली और हांसी को जिला बनाने की मांग जनप्रतिनिधि अलग-अलग समय पर विधानसभा में भी कर चुके हैं।

    केंद्र सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि जातिगत जनगणना वर्तमान ढांचे में ही करवाई जाएगी, जिसका मतलब साफ है कि जातिगत जनगणना की प्रक्रिया के बीच किसी भी नये जिले, उपमंडल का गठन व पुनर्गठन नहीं होगा।

    नये जिले बनाने को लेकर सब-कमेटी की अब तक हो चुकीं पांच बैठकें

    हरियाणा सरकार द्वारा गठित कैबिनेट सब कमेटी का कार्यकाल 30 जून को पूरा होने जा रहा है। नये जिले बनाने को लेकर सब-कमेटी की अब तक पांच बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों में नये जिलों के संबंध में आई मांग की स्टडी के लिए संबंधित प्रशासन को निर्देश दिए जा चुके हैं।

    कैबिनेट सब-कमेटी की पूर्व में हुई बैठकों में फैसला लिया जा चुका है कि हरियाणा में नए जिले, उपमंडल, उप-तहसील और नई तहसीलें बनाने के लिए उपायुक्तों की सिफारिश जरूरी है। नये जिले के लिए अभी तक किसी भी उपायुक्त की ओर से कैबिनेट सब कमेटी के पास प्रस्ताव नहीं आया है। स्वाभाविक है कि कैबिनेट सब कमेटी के इशारे के बाद ही यह प्रस्ताव तैयार कर नहीं भेजे गए हैं।

    कैबिनेट सब कमेटी ने जिलों के संबंध में अंतिम फैसला लेने के लिए 15 जून को चंडीगढ़ में बैठक बुला रखी है। कार्यकाल पूरा होने से पहले होने वाली इस अंतिम बैठक में नये जिलों के निर्माण को लेकर पूरी स्टेटस रिपोर्ट सरकार को भेज दी जाएगी। पिछली बैठकों में कैबिनेट सब कमेटी द्वारा कई जिलों में गांवों की तहसीलों को बदला जा चुका है। समय-समय पर उनके आदेश जारी हो चुके हैं।

    कई नई तहसील बनी हैं तो कुछ सब तहसील बनाई गई हैं। कई गांवों को इन तहसीलों व सब तहसीलों में इधर से उधर किया गया है। कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार के अनुसार बैठक में सभी प्रस्तावों पर विचार करने के बाद सरकार को अपनी सिफारिशें भेजी जाएंगी। अभी तक आए प्रस्तावों में कई तरह की खामियां होने से उनमें संशोधन को कहा गया है।